जबलपुर: मध्य प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर रही है और इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल किया जा रहा है. इसके लिए पूरे प्रदेश के संभागीय स्तरों पर काम शुरू हो गया है. जबलपुर में 400 शिक्षकों ने मिलकर अलग-अलग विषयों में क्या परिवर्तन होना है इसके सुझाव दिए हैं. इसमें पाठ्यक्रम से कुछ अंश को हटाया भी जाना है और कुछ अंश को जोड़ा भी जाना है.
जबलपुर में कार्यक्रम का आयोजन
मध्य प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर रही है और इसकी कवायत शुरू हो गई है. जबलपुर में भारतीय ज्ञान परंपरा और उच्च शिक्षा के नाम से गुरुवार को एक आयोजन किया गया. मध्य प्रदेश सरकार ने इस काम में उच्च शिक्षा विभाग डॉक्टर धीरेंद्र शुक्ला को विशेष कर्तव्य अधिकारी बनाया है, जिन्हें यह जिम्मा सौंपा गया है कि वह मध्य प्रदेश के अलग-अलग संभागों में जाकर पाठ्यक्रम में कहां क्या परिवर्तन किया जाना है इसकी रणनीति बनाएं.
पाठ्यक्रम में परिवर्तन के सुझाव मांगे
इसके तहत जबलपुर के मानस भवन में जबलपुर के आसपास के सरकारी कॉलेज लेक्चर और प्रोफेसर बुलवाए गए थे और उन्हें पहले सरकार की मंशा के अनुरूप पाठ्यक्रम में परिवर्तन के सुझाव मांगे गए. इसके तहत सभी विषयों में भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी हुई चीज कैसे जोड़ी जा सकती हैं इस पर आलेख भी मांगे गए हैं.
पाठ्यक्रमों में कई चीजे बिना उपयोग की
जबलपुर के सिहोरा में भूगोल विषय की लेक्चर डॉक्टर अर्चना नामदेव का कहना है कि, ''दरअसल उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में कई चीजे बिना उपयोग की पढ़ाई जा रही हैं, जिनका छात्र के जीवन में कभी कोई इस्तेमाल नहीं होता. उन्हें हटाया जाना चाहिए और कुछ भारतीय ज्ञान ऐसा है जो पाठ्यक्रम में शामिल नहीं है लेकिन उसे यदि पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तो इससे छात्र-छात्राओं को फायदा मिल सकता है.''
नए सत्र के लागू होगा नया पाठ्यक्रम
बदला हुआ पाठ्यक्रम नए सत्र के फर्स्ट ईयर से लागू होगा. सरकार इस पाठ्यक्रम में क्या शामिल करेगी और क्या बदलेगी इसका पता तो पाठ्यक्रम के लागू होने के बाद ही लग पाएगा. सरकारी अधिकारियों का दावा है कि शिक्षा में नैतिकता और स्थानीयता को बढ़ावा देने की कोशिश करेंगे.