जबलपुर। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी को लेकर जबलपुर में कांग्रेस की तैयारी बहुत कमजोर नजर आ रही है. प्रदेश संगठन अब तक जबलपुर में नगर अध्यक्ष का फैसला नहीं कर पाया है. लोकसभा के लिए उम्मीदवार की चर्चा अभी दूर है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने न केवल अपना उम्मीदवार तय कर दिया है बल्कि प्रभारियों तक की बैठकें शुरू हो गई हैं और मोदी की गारंटी के साथ जय श्री राम के नारे को लेकर भाजपाई मैदान में उतर गए हैं. हालांकि कांग्रेसियों का कहना है की एक बार राहुल गांधी की न्याय यात्रा मध्य प्रदेश से निकलेगी उसके तुरंत बाद ही मध्य प्रदेश में टिकट की घोषणा कर दी जाएगी.
आशीष दुबे ने शुरु किया प्रचार
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी कुछ ज्यादा तेजी में है. जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा कर दी है और जबलपुर ग्रामीण के पूर्व अध्यक्ष आशीष दुबे को जबलपुर लोकसभा से उम्मीदवार घोषित किया है.आशीष दुबे ने अपने नाम की घोषणा के तुरंत बाद चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया. वे जबलपुर के दो विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं.
60% वोट बैंक पर काम कर रही BJP
भारतीय जनता पार्टी अपने प्रभारियों को 60% वोट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में लेने का लक्ष्य बनाकर काम कर रही है. सूत्रों के हवाले से जानकारी यह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने की गारंटी के बतौर चार तरीके समझा रहे हैं.
1. पीएम मोदी का नाम और काम
2. मोदी सरकार और प्रदेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं के लाभार्थी
3. जय श्रीराम
4. अपने संगठन की सक्रियता
भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को भी चार स्तर पर बांट रखा है और इन्हीं पर पार्टी के बड़े नेताओं को ध्यान रखने के लिए कहा गया है.
1. मंडल
2. शक्तिकेंद्र
3. पोलिंग बूथ
4. पन्ना प्रभारी
कांग्रेस में मची भगदड़-राकेश सिंह
जबलपुर से पूर्व सांसद और वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह का कहना है कि ''भारतीय जनता पार्टी की तैयारी तो तेज है, लेकिन कांग्रेस कहीं दौड़ में भी नजर नहीं आ रही बल्कि कांग्रेस की भीतर ही भगदड़ मची हुई है. ऐसी स्थिति में भी चुनाव कैसे लड़ेंगे यह कांग्रेस की समझ में नहीं आ रहा है.''
कांग्रेस नेता नहीं हैं फिक्र में
जबलपुर में कांग्रेस के टिकट के दावेदार सौरभ शर्मा का कहना है कि ''कांग्रेस किसी हड़बड़ी में नहीं है. अभी मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की न्याय यात्रा चल रही है जैसे ही यह यात्रा खत्म होगी कांग्रेस भी अपनी सूची जारी कर देगी. कांग्रेस की तैयारी पूरी है और माहौल उन्हें अपने पक्ष में नजर आ रहा है.''
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मुकाबले में कांग्रेस कमजोर
रणनीतिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी फिलहाल बहुत आगे नजर आ रही है. जबलपुर में तो कांग्रेस के अध्यक्ष ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और अब तक प्रदेश नेतृत्व जबलपुर में पार्टी अध्यक्ष का नाम तय नहीं कर पाया. ऐसी स्थिति में कांग्रेस की लड़ाई फिलहाल कमजोर नजर आ रही है और वहीं भारतीय जनता पार्टी सात विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद भी चुनाव के लिए कोई जोखिम उठाने को राजी नहीं है.