जबलपुर। लोकसभा चुनाव 2024 महाकौशल क्षेत्र के दो बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला कर देगा. इनका राजनीतिक सफर यहां से आगे बढ़ेगा या फिर यह यहीं से रिटायर हो जाएंगे. इसका पता इस साल के लोकसभा चुनाव से लग जाएगा. इन दोनों में कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ और भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े आदिवासी चेहरे फगगन सिंह कुलस्ते शामिल हैं. इन चारों लोकसभा क्षेत्र में बाकी चेहरे नए हैं. लेकिन मुकाबला एक तरफा नहीं है और टक्कर कांटे की है. दो पर कांग्रेस भारी है तो दो पर भारतीय जनता पार्टी.
महाकौशल की 4 सीट
1.मंडला लोकसभा
मंडला लोकसभा में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी फगगन सिंह कुलस्ते और कांग्रेस प्रत्याशी ओंकार सिंह मरकाम के बीच में है. भारतीय जनता पार्टी को यह सीट जीतना आसान नहीं लग रही है क्योंकि मंडला लोकसभा के प्रत्याशी फगगन सिंह कुलस्ते को भारतीय जनता पार्टी ने तो हमेशा ही बड़ा आदिवासी नेता माना है लेकिन स्थानीय जनता अब उन्हें पसंद नहीं कर रही है. इसका अंदाजा विधानसभा चुनाव से लगाया जा सकता है भारतीय जनता पार्टी ने जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दी थी फग्गन सिंह उनमें से एक थे. फग्गन सिंह विधानसभा चुनाव हार गए थे. उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी चैन सिंह बरकड़े ने हरा दिया था. मंडला लोकसभा में कुल 8 विधानसभा हैं इनमें से 5 विधानसभाएं कांग्रेस के पास हैं और 3 विधानसभा में ही केवल भारतीय जनता पार्टी के पास हैं. ऐसी स्थिति में फग्गन सिंह कुलस्ते को यह चुनाव जीतना सरल नहीं है अब यदि मोदी मैजिक नहीं चला तो भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट कमजोर कड़ी साबित होगी.
2.जबलपुर लोकसभा
जबलपुर लोकसभा 2024 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए महाकौशल की चार लोकसभा सीटों में से सबसे सरल माना जा रहा है क्योंकि जबलपुर लोकसभा में कुल 8 विधानसभा सीट हैं इनमें से 7 विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती थीं और इनमें भी अच्छा खासा अंतर था. इसलिए जबलपुर लोकसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत कठिन नहीं है. जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी ने आशीष दुबे पर दाव खेला है. आशीष दुबे अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे हैं वही उनका मुकाबला दिनेश यादव से है. दिनेश यादव एक जमीनी कांग्रेसी नेता है और कई बार पार्षद रह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में माहौल होने के बाद भी जबलपुर में भारतीय जनता पार्टी कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती इसलिए पार्टी नेता पूरी दमदारी से चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
3.बालाघाट लोक सभा
बालाघाट लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने बिल्कुल नए प्रत्याशी भारती पारधी पर दाव खेला है. यहां गौरीशंकर बिसेन और ढाल सिंह बिसेन दोनों ही टिकट के दावेदार थे. ढाल सिंह बिसेन तो अभी यहां के मौजूदा सांसद हैं लेकिन संगठन ने इन दोनों को ही टिकट न देकर भारतीय जनता पार्टी की एक पार्षद को टिकट दे दिया. इस लोकसभा क्षेत्र में 4 विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के पास में है. हालांकि कांग्रेस ने भी अपनी टिकट की घोषणा से लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था और ज्यादातर लोगों को उम्मीद थी कि कांग्रेस नेता हिना कावरे को उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सिंह सारस्वत को लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया गया. यहां भी मुकाबला कांटे का है.
4.छिंदवाड़ा लोकसभा
महाकौशल की सबसे ज्यादा चर्चित लोकसभा छिंदवाड़ा है क्योंकि इस लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी 2019 में भी चुनाव नहीं जीत पाई थी लेकिन बीते 5 सालों में भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा सीट को जीतने के लिए सबसे ज्यादा कोशिश की है. कमलनाथ की सत्ता को चुनौती देने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरे 5 साल से कोशिश कर रही है. यहां भी मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के बंटी साहू और कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ के बीच में है. कमलनाथ का दावा है कि वह चुनाव जीत रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरा भरोसा दिला रहे हैं कि इस बार छिंदवाड़ा सीट भी उनके ही पाले में आ रही है. भारतीय जनता पार्टी ने छिंदवाड़ा में सबसे ज्यादा दल बदल करवाया है लेकिन इसके बावजूद छिंदवाड़ा में 8 विधानसभा सीटों में से 7 विधानसभा सीट अभी भी कांग्रेस के पास हैं. ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी का यह दावा कितना टिक पाएगा यह देखना दिलचस्प होगा.
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पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान
महाकौशल में लोकसभा चुनाव 2024 पहले चरण में हो रहा है और 19 अप्रैल को महाकौशल की इन चारों लोकसभा सीटों पर मतदान होगा. आदिवासी बहुल इस इलाके की जनता किसे चुनेगी यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता लगेगा लेकिन फिलहाल इस पूरे इलाके का राजनीतिक पारा उफान पर है.