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जबलपुर में विस्फोट के 48 घंटे बाद भी मौतों की तस्वीर साफ नहीं, दिल्ली से आई NSG टीम ने लिए सैंपल - Jabalpur junkyard blast - JABALPUR JUNKYARD BLAST

जबलपुर में कबाड़खाने में हुए विस्फोट की जांच करने के लिए दिल्ली से आई एनएसजी की टीम ने सैंपल लिए हैं. वहीं, विस्फोट के 48 घंटे बाद भी ये साफ नहीं हो पाया कि मौतें कितनी हुईं. अभी तक केवल 2 लोगों की मौत सामने आई है. कबाड़खाने के मलवे को हटाने का काम जारी है.

Jabalpur junkyard blast deaths number not clear
जबलपुर विस्फोट 48 घंटे बाद भी मौतों की तस्वीर साफ नहीं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 10:06 AM IST

जबलपुर में कबाड़खाने में विस्फोट

जबलपुर। जबलपुर में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के बाद के घटनाक्रम में नेशनल सेक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम जबलपुर पहुंची. टीम ने विस्फोट स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. वहीं, जिस व्यापारी का यह गोदाम था उस हाजी शमीम के दो ठिकानों पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया. इस घटना में मारे गए दो लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. अभी तक ये साफ नहीं हुआ कि यह विस्फोट किस चीज से हुआ.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कबाड़ को भी खरीदता व्यापारी

जिस गोदाम में विस्फोट हुआ उसके कबाड़ में खाली बमों के खोल मिलने से हड़कंप है. लेकिन बताया जाता है कि यह स्क्रैप का काम करने वाला व्यापारी जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कबाड़ को भी खरीदता था. इसलिए इस घटना में इस बात का आंदेशा है कि ऐसा तो नहीं है की फैक्ट्री से निकला हुआ कोई बम ही यहां फट गया हो, क्योंकि विस्फोट से जिस तरीके से 5 हजार वर्ग फीट का गोदाम उड़ गया, इससे साफ है कि यह विस्फोट किसी सिलेंडर का तो नहीं हो सकता. शुरुआती जांच जबलपुर पुलिस की बम स्क्वायड टीम ने की. इसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया के अधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया. अब दिल्ली से एनएसजी की टीम आई है. जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाना चाह रही हैं कि विस्फोट यदि बम से हुआ है तो यह एक बड़ी लापरवाही है कि जिंदा बम एक कबाड़खाने में कैसे पहुंच गया.

Jabalpur junkyard blast deaths number not clear
आरोपी के परिजनों के घर पर नगर निगम का चला बुलडोजर

अभी भी मौतों की संख्या को लेकर तस्वीर साफ नहीं

अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि इस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए हैं. हालांकि दो लोगों ने अपने परिजनों के लापता होने की बात की है. इनमें एक व्यक्ति के अंग के हिस्से भी आसपास बिखरे हुए मिले हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है "मानव अंग के जो टुकड़े मिले हैं, उनकी डीएनए जांच करवाई जा रही है. इसके बाद ही तय हो पाएगा कि यहां दुर्घटना में कौन मारा गया." वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है कि जिस गोदाम में 30-40 मजदूर काम करते थे, वहां केवल उस समय क्या दो ही लोग मौजूद थे. प्रशासन का कहना है कि जैसे-जैसे मालवा हटेगा वैसे-वैसे लापता लोगों की जानकारी मिलेगी.

आरोपी के परिजनों के घर पर नगर निगम चला बुलडोजर

जबलपुर जिला प्रशासन ने समीम कबाडी के बड़े भाई सलीम खान के घर बुलडोजर चला दिया. एक दूसरे घर पर भी बुलडोजर चला. इस पर भी बताया जा रहा है कि यह घर भी समीम कबाडी के कब्जे में था. मौके पर मौजूद एसडीएम शिवांगी सिंह ने बताया "इन दोनों ही घरों पर नगर निगम ने अवैध कब्जे के नोटिस दिए थे. इसलिए नियम विरुद्ध तरीके से किए गए कब्जे को हटाया गया है."

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कांग्रेस विधायक लखन घनघिरया ने किया विरोध

इधर, जबलपुर के अधारताल इलाके में जब मकान तोड़ने की कार्रवाई चल रही थी तो मौके पर जबलपुर के इस क्षेत्र के विधायक कांग्रेस नेता लखन घनघोरिया भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई. लखन घनघोरिया का कहना है "यदि अधिकारी इतने ही अपने काम में चुस्त दुरुस्त थे तो उन्होंने बम विस्फोट क्यों नहीं रोक लिया. अब जिनके घर तोड़े जा रहे हैं, उनका इस पूरे मामले से कोई लेना-देना नहीं है. केवल जनता को दिखाने के लिए यह कार्रवाई करना ठीक नहीं है." वहीं, इस मामले में जांच एजेंसियों ने विस्फोट के स्थल के सैंपल लिए हैं. हाजी शमीम कबाडी फरार है.

जबलपुर में कबाड़खाने में विस्फोट

जबलपुर। जबलपुर में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के बाद के घटनाक्रम में नेशनल सेक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम जबलपुर पहुंची. टीम ने विस्फोट स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. वहीं, जिस व्यापारी का यह गोदाम था उस हाजी शमीम के दो ठिकानों पर नगर निगम ने बुलडोजर चलाया. इस घटना में मारे गए दो लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. अभी तक ये साफ नहीं हुआ कि यह विस्फोट किस चीज से हुआ.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कबाड़ को भी खरीदता व्यापारी

जिस गोदाम में विस्फोट हुआ उसके कबाड़ में खाली बमों के खोल मिलने से हड़कंप है. लेकिन बताया जाता है कि यह स्क्रैप का काम करने वाला व्यापारी जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कबाड़ को भी खरीदता था. इसलिए इस घटना में इस बात का आंदेशा है कि ऐसा तो नहीं है की फैक्ट्री से निकला हुआ कोई बम ही यहां फट गया हो, क्योंकि विस्फोट से जिस तरीके से 5 हजार वर्ग फीट का गोदाम उड़ गया, इससे साफ है कि यह विस्फोट किसी सिलेंडर का तो नहीं हो सकता. शुरुआती जांच जबलपुर पुलिस की बम स्क्वायड टीम ने की. इसके बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया के अधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया. अब दिल्ली से एनएसजी की टीम आई है. जांच एजेंसियां इस बात की तह तक जाना चाह रही हैं कि विस्फोट यदि बम से हुआ है तो यह एक बड़ी लापरवाही है कि जिंदा बम एक कबाड़खाने में कैसे पहुंच गया.

Jabalpur junkyard blast deaths number not clear
आरोपी के परिजनों के घर पर नगर निगम का चला बुलडोजर

अभी भी मौतों की संख्या को लेकर तस्वीर साफ नहीं

अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि इस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए हैं. हालांकि दो लोगों ने अपने परिजनों के लापता होने की बात की है. इनमें एक व्यक्ति के अंग के हिस्से भी आसपास बिखरे हुए मिले हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है "मानव अंग के जो टुकड़े मिले हैं, उनकी डीएनए जांच करवाई जा रही है. इसके बाद ही तय हो पाएगा कि यहां दुर्घटना में कौन मारा गया." वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है कि जिस गोदाम में 30-40 मजदूर काम करते थे, वहां केवल उस समय क्या दो ही लोग मौजूद थे. प्रशासन का कहना है कि जैसे-जैसे मालवा हटेगा वैसे-वैसे लापता लोगों की जानकारी मिलेगी.

आरोपी के परिजनों के घर पर नगर निगम चला बुलडोजर

जबलपुर जिला प्रशासन ने समीम कबाडी के बड़े भाई सलीम खान के घर बुलडोजर चला दिया. एक दूसरे घर पर भी बुलडोजर चला. इस पर भी बताया जा रहा है कि यह घर भी समीम कबाडी के कब्जे में था. मौके पर मौजूद एसडीएम शिवांगी सिंह ने बताया "इन दोनों ही घरों पर नगर निगम ने अवैध कब्जे के नोटिस दिए थे. इसलिए नियम विरुद्ध तरीके से किए गए कब्जे को हटाया गया है."

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कांग्रेस विधायक लखन घनघिरया ने किया विरोध

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