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12th स्टूडेंट का जबरन नंबर कैसे काटा? माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को जबलपुर हाईकोर्ट ने लताड़ा - JABALPUR COURT ON WRONG MARKSHEET

छात्र को 25 हजार रु का हर्जाना दिए जाने के साथ नई मार्कशीट जारी करने के आदेश. कोर्ट ने कहा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने की गलती.

JABALPUR COURT mp board ON WRONG MARKSHEET
जबरन नंबर काटे जाने पर एमपी बोर्ड को फटकार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 6:26 AM IST

Updated : Jan 3, 2025, 10:23 AM IST

जबलपुर : 12वीं के छात्र को मैथ्स के पेपर में कम मार्क्स दिए जाने के मामले में जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मामले में एमपी बोर्ड की गलती मानते हुए छात्र को राहत प्रदान किए जाने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने इस मामले में एमपी बोर्ड पर 25 हजार की कॉस्ट के साथ नई मार्कशीट जारी करने के आदेश दिए हैं.

क्या है कम मार्क्स दिए जाने का मामला?

दरअसल, छतरपुर के हनुमान बाग निवासी साकेत तिवारी की ओर से ये याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उसने वर्ष 2023 में कक्षा बारहवीं की परीक्षा दी थी, जिसमें गलत मूल्यांकन के चलते उसे गणित विषय के 12 सवालों के अंक नहीं दिए गए. पुनर्मूल्यांकन का आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

छात्र को दिया जाए 25 हजार का हर्जाना

याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्र की उत्तर पुस्तिका बुलाकर मॉडल आन्सर शीट से उत्तर का मिलान किया. एकलपीठ ने पाया कि मॉडल आन्सर शीट के अनुसार याचिकाकर्ता के 12 प्रश्नों के उत्तर सही है, जिन्हें जबरन गलत करार देते हुए अंक प्रदान नहीं किए गए थे. एकलपीठ ने अपने आदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए उक्त राशि हर्जाने के तौर पर छात्र को प्रदान करने के निर्देश दिए.

यह भी पढ़ें-

एकलपीठ ने छात्र को हर्जाने की राशि के साथ संशोधित मार्कशीट 6 सप्ताह में प्रदान करने आदेश जारी किए हैं. एकलपीठ ने कहा है कि उक्त हर्जाने की राशि दोषी व्यक्ति से वसूल करने माशिमं स्वतंत्र है.

जबलपुर : 12वीं के छात्र को मैथ्स के पेपर में कम मार्क्स दिए जाने के मामले में जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मामले में एमपी बोर्ड की गलती मानते हुए छात्र को राहत प्रदान किए जाने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने इस मामले में एमपी बोर्ड पर 25 हजार की कॉस्ट के साथ नई मार्कशीट जारी करने के आदेश दिए हैं.

क्या है कम मार्क्स दिए जाने का मामला?

दरअसल, छतरपुर के हनुमान बाग निवासी साकेत तिवारी की ओर से ये याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि उसने वर्ष 2023 में कक्षा बारहवीं की परीक्षा दी थी, जिसमें गलत मूल्यांकन के चलते उसे गणित विषय के 12 सवालों के अंक नहीं दिए गए. पुनर्मूल्यांकन का आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

छात्र को दिया जाए 25 हजार का हर्जाना

याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्र की उत्तर पुस्तिका बुलाकर मॉडल आन्सर शीट से उत्तर का मिलान किया. एकलपीठ ने पाया कि मॉडल आन्सर शीट के अनुसार याचिकाकर्ता के 12 प्रश्नों के उत्तर सही है, जिन्हें जबरन गलत करार देते हुए अंक प्रदान नहीं किए गए थे. एकलपीठ ने अपने आदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाते हुए उक्त राशि हर्जाने के तौर पर छात्र को प्रदान करने के निर्देश दिए.

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एकलपीठ ने छात्र को हर्जाने की राशि के साथ संशोधित मार्कशीट 6 सप्ताह में प्रदान करने आदेश जारी किए हैं. एकलपीठ ने कहा है कि उक्त हर्जाने की राशि दोषी व्यक्ति से वसूल करने माशिमं स्वतंत्र है.

Last Updated : Jan 3, 2025, 10:23 AM IST
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