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हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड की फॉरेंसिक जांच और मुआवजा के लिए लगाई गई थी याचिका, हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश - Highcourt on harda factory blast

Highcourt on harda factory blast :हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड में पीड़ितों को उचित मुआवजा दिए जाने और फॉरेंसिक जांच किए जाने की मांग करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी.

Highcourt on harda factory blast  petition
हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड की फॉरेंसिक जांच और मुआवजा के लिए लगाई गई थी याचिका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 7:24 AM IST

जबलपुर. हाईकोर्ट (Highcourt jabalpur) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड (Harda factory blast) में पीड़ितों को उचित मुआवजा दिए जाने और फॉरेंसिक जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई की. बुधवार को हुई इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा गया कि याचिका से पहले इस संबंध में किसी सक्षम प्राधिकारी को अभ्यावेदन दिया गया? जिसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. जिसके बाद युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.

क्या था याचिका में?

हरदा निवासी याचिकाकर्ता अधिवक्ता राज कुमार निकुम की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि जिस पटाखा फैक्ट्री में हादसा हुआ वह नियम विरूध्द संचालित हो रही थी. फैक्ट्री में बड़े पैमाने में बारूद व पटाखों का भंडारण था, जिससे प्रशासनिक अधिकारी अनिभिज्ञ थे. याचिका में कहा गया था कि हादसे के दौरान आधा किलोमीटर के दायरे में कई व्यक्ति घायल अवस्था में मिले. प्रशासन के अनुसार हादसे में 11 व्यक्तियों की मौत हुई है पर फैक्टरी के अंदर किसी मजदूर की मौत तो नहीं इसकी पुष्टि के लिए फॉरेन्सिक जांच करवाई जाए.

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कोर्ट ने इस वजह से खारिच की याचिका

हादसे की फॉरेन्सिक जांच करवाने के अलावा घायल व मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग याचिक में की गई थी. हालांकि, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने स्वीकारा की समक्ष प्राधिकारी को मांग संबंधित अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की बजाए उसने सीधे जनहित याचिका दायर की. याचिका वापस लेने के आग्रह को स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने उसका निराकरण कर याचिका खारिज कर दी.

जबलपुर. हाईकोर्ट (Highcourt jabalpur) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने हरदा पटाखा फैक्ट्री कांड (Harda factory blast) में पीड़ितों को उचित मुआवजा दिए जाने और फॉरेंसिक जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई की. बुधवार को हुई इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा गया कि याचिका से पहले इस संबंध में किसी सक्षम प्राधिकारी को अभ्यावेदन दिया गया? जिसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया. जिसके बाद युगलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया.

क्या था याचिका में?

हरदा निवासी याचिकाकर्ता अधिवक्ता राज कुमार निकुम की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि जिस पटाखा फैक्ट्री में हादसा हुआ वह नियम विरूध्द संचालित हो रही थी. फैक्ट्री में बड़े पैमाने में बारूद व पटाखों का भंडारण था, जिससे प्रशासनिक अधिकारी अनिभिज्ञ थे. याचिका में कहा गया था कि हादसे के दौरान आधा किलोमीटर के दायरे में कई व्यक्ति घायल अवस्था में मिले. प्रशासन के अनुसार हादसे में 11 व्यक्तियों की मौत हुई है पर फैक्टरी के अंदर किसी मजदूर की मौत तो नहीं इसकी पुष्टि के लिए फॉरेन्सिक जांच करवाई जाए.

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हादसे की फॉरेन्सिक जांच करवाने के अलावा घायल व मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग याचिक में की गई थी. हालांकि, सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने स्वीकारा की समक्ष प्राधिकारी को मांग संबंधित अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की बजाए उसने सीधे जनहित याचिका दायर की. याचिका वापस लेने के आग्रह को स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने उसका निराकरण कर याचिका खारिज कर दी.

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