जबलपुर: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान का लाभ नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले को प्रदेश सरकार की अगली कैबिनेट मीटिंग पेश किए जाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मामले की प्रगति रिपोर्ट बताने के लिए मुख्य सचिव को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कहा है.
मामले की प्रगति रिपोर्ट बताने के लिए मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस एसए धर्माधिकारी तथा जस्टिस एके सिंह की बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि प्रदेश सरकार की अगली मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले को पेश किया जाए. इसके अलावा मामले की प्रगति रिपोर्ट बताने के लिए मुख्य सचिव अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें.
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हाई कोर्ट के कर्मचारी किशन पिल्लई व अन्य की तरफ से दायर की गई अवमानना याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान देने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे. देश के अन्य प्रदेश सरकार ने निर्देशों का पालन करते हुए न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान प्रदान कर दिया. वहीं प्रदेश सरकार द्वारा न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान का लाभ प्रदान नहीं किया गया.
हाईकोर्ट ने अप्रैल 2017 को न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान का लाभ देने के जारी किए थे निर्देश
इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए अप्रैल 2017 को न्यायिक कर्मचारियों को उच्च वेतनमान का लाभ देने के निर्देश जारी किये थे. हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने के कारण ये अवमानना याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बता गया कि मुख्य सचिव के कार्यालय से विधि विभाग को पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री की सहमति के उक्त मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय के लिए प्रस्तुत किया जाए.
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश को गंभीरता से नहीं लिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की. युगलपीठ ने अगस्त 2024 में पारित आदेश के साथ मामले को अगली मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 24 फरवरी को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता नमन नागरथ ने पैरवी की.