जबलपुर: सीधी जिले के एक अनुसूचित जाति के शिक्षक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नया आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने कहा कि शिक्षक चाहे तो सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक और मझगवां थाने के थाना प्रभारी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत परिवाद दायर कर सकता है. शिक्षक ने जनहित यात्रा के माध्यम से आरोप लगाया है कि "उसे जबरन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में में शामिल किया जा रहा था. जब उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट हुई. यहां तक कि उसे नौकरी से निकाल दिया.
सीधी का पेशाब कांड
एक साल पहले सीधी में एक आदिवासी के ऊपर भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने पेशाब कर दी थी. यह मामला शांत हुआ ही था कि, एक दूसरा मामला सामने आया है. जिसमें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका के माध्यम से सुनवाई हुई. सीधी जिले के सरकारी कॉलेज में अनुसूचित जाति के शिक्षक अतिथि के रूप में काम करते हैं. वे यहां पर कॉमर्स विषय पढ़ाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश पुलिस अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर पा रही है. उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है.
शिक्षक को जबरन RSS ज्वाइन करने प्रताड़ित किया
उन्होंने बताया कि "बीते दिनों उनके साथ कॉलेज में मारपीट हुई. करीब 18 लोगों ने उनसे जबरन कहा कि वे आरएसएस ज्वाइन करे. जब उन्होंने मना किया तो उन्हें जबरन टॉयलेट में बंद कर दिया और उनके साथ मारपीट की गई. शिक्षक का कहना है कि वे बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और बौद्ध धर्म की फिलॉसफी मानते हैं. इसलिए वे हिंदू धर्म के नियम कानून मानने के लिए बाध्य नहीं है.
पुलिस ने शिक्षक की नहीं की मदद
उन्होंने अपने साथ घटी घटना की शिकायत स्थानीय थाने में भी की, लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि 9 दिसंबर को जब उन्होंने इस मुद्दे पर जनहित याचिका लगाई तो कॉलेज के प्रिंसिपल ने उन्हें टर्मिनेट कर दिया. अपने टर्मिनेशन ऑर्डर में इस बात का जिक्र किया है कि शिक्षक धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते. इसलिए उन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है.
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सीधी एसपी और TI के खिलाफ कार्यवाही के आदेश
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ ने इस मामले को सुना और आश्वासन दिया कि अनुसूचित जाति जनजाति के अधिकारों की रक्षा करने के लिए जो कानून बनाए गए हैं. वह पर्याप्त थे, क्योंकि आपको न्याय नहीं मिला है. इसलिए आप सीधी जिले के एसपी और मझगवां थाने की थाना प्रभारी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट की धारा 4 के तहत परिवाद दायर कर सकते हैं. इसके साथ ही जिन लोगों ने आपके साथ दुर्व्यवहार किया है. उनके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं.