जबलपुर। मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने एक सरकारी कर्मचारी का रिटायरमेंट के 21 साल बाद बकाया राशि 6 फिसदी ब्याज के साथ जल्द से जल्द लौटाने का आदेश दिया है. तय समय में पैसा नहीं लौटाने पर अधिक ब्याज बढ़ाकर पैसा वसूलने की बात कही है. गौरतलब है कि रिटायर्ड व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के कारण रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा रोक दिया गया था.
क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के रहने वाले सुरेश चन्द्र अग्रवाल सरकारी नौकरी में थे. 2003 में वो नौकरी से रिटायर्ड हो गए. रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा उन्हें नहीं मिला. जब उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनके उपर जिला अदालत में एक आपराधिक मामला दर्ज है और वह अभी लंबित है. जब तक मामले की सुनवाई नहीं हो जाती तब तक रिटायरमेंट की राशि नही मिलेगी. सुरेश चन्द्र अग्रवाल ने अपने खिलाफ लंबित मामले को कोर्ट में लड़ा और 2010 में वो इस मामले से बरी भी हो गए.
सरकार ब्याज देने पर मुकर गई
अपने खिलाफ दर्ज मामले में बरी होने के बाद उन्होंने एक बार फिर राज्य सरकार से रिटायरमेंट की राशि की मांग की. लेकिन उन्हें पैसा नहीं मिला. लिहाजा उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मामले में याचिका दायर कर दी. 2021 तक हाईकोर्ट में मामला चलने के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को ब्याज के साथ सुरेश चन्द्र अग्रवाल का पूरा पैसा देने का आदेश दिया. 2023 में सरकार ने पैसा चुकता कर दिया लेकिन ब्याज नहीं दिया. इसके बाद सुरेश चन्द्र ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ब्याज के रुपये की मांग की.
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90 दिनों के अन्दर पूरा ब्याज लौटाने का आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को एक बार फिर फटकार लगाते हुए 6 प्रतिशत ब्याज के साथ 90 दिनों के अन्दर पैसा वापस करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर तय समय में सरकार ब्याज का पैसा नहीं लौटाती है तो ब्याज की दर 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी जाएगी.