जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो को मोबाइल स्टैटिक डाटा के उपयोग की अनुमति के संबंध में राज्य व केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विनय जैन की युगलपीठ ने जैव विविधता बोर्ड को प्रदेश में स्थित बाओबाब पेड़ों की फोटो के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट मित्र ने कहा, वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो को मोबाइल स्टैटिक डाटा के उपयोग की अनुमति नहीं
संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता अंशुमान सिंह की तरफ से उक्त आवेदन पेश किया गया था. आवेदन में कहा गया था कि केंद्र सरकार के वन विभाग ने वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया है. सभी जांच एजेंसियों को मोबाइल स्टैटिक डाटा के उपयोग की अनुमति प्राप्त है. वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो को इसके उपयोग की अनुमति प्राप्त नहीं है.
गौरतलब है कि धार जिले में बाओबाब के पेड़ को काटने, बिक्री करने तथा परिवहन की अनुमति दिए जाने संबंधित प्रकाशित खबर का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. खबर के अनुसार क्षेत्रीय नागरिक बाओबाब वृक्ष काटने का विरोध कर रहे हैं. बाओबाब पेड़ को अफ्रीका में द वर्ल्ड ट्री की उपाधि दी गई है. अफ्रीका के आर्थिक विकास में इस पेड़ का बड़ा महत्व है.
हैदराबाद का एक व्यापारी अपने फार्म में इन पेड़ों की खेती और आर्थिक लाभ के लिए उनकी कटाई कर बेच रहा है. एक पेड़ का मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है. जिसके कारण दूसरे लोग भी अपने खेत में लगे पेड़ को बेचने के लिए काट रहे हैं.
हाईकोर्ट ने धार जिले में बाओबाब के पेड़ों की कटाई पर लगाई है रोक
हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए धार जिले में बाओबाब के पेड़ की कटाई, बिक्री तथा परिवहन पर रोक लगाते हुए मुख्य सचिव, वन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त तथा सीसीएफ इंदौर, कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत को नोटिस कर जवाब मांगा था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि बाओबाब वृक्ष काटने के मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है.
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि रोपित किए गए 20 बाओबाब पौधों में 9 खत्म हो गए हैं और 11 जीवित हैं. धार जिले में बाओबाब के 393 पेड़ हैं. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया.