जबलपुर। तत्कालीन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद भी गैंगरेप पीड़िता तथा उसकी बहन की स्कूल फीस नहीं दिए जाने के मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश जारी किये थे. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया था. तय समय में जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर जमकर नाराजगी व्यक्त की है. युगलपीठ ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर इंदौर पर 25-25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कॉस्ट की राशि निजी तौर पर जमा की जाये.
हाईकोर्ट ने लिया था संज्ञान
हाईकोर्ट ने एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लिया था. प्रकाशित खबर के अनुसार मंदसौर जिले में जून 2018 को सात साल की बच्ची का स्कूल से दो लोगों ने अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया था. आरोपियों ने उसका दो बार गला काटकर उसे मरने के लिए छोड़ दिया था. डॉक्टरों ने बच्ची के कई ऑपरेशन कर उसे बचा लिया था.
सरकार ने दोनों बहनों का करवाया था एडमिशन
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़िता और उसके परिवार से वादा किया था कि सरकार उसकी और उसकी बहन की शिक्षा का ख्याल रखेगी. सरकार ने इंदौर के एक निजी स्कूल में दोनों बहनों का दाखिला करवाया था. स्कूल प्रबंधन ने इंदौर कलेक्टर और जिला शिक्षा विभाग को फीस के 14 लाख रुपये बकाया का नोटिस भेजा था. नोटिस पर जिला शिक्षा अधिकारी का तर्क था कि प्रवेश के लिए सरकार द्वारा स्कूल को दिए गए पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि फीस का भुगतान कौन करेगा.
हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने आपने आदेश में कहा था कि एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता राज्य द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद भी उत्पीड़न से गुजर रही है. यह काफी चौंकाने वाली स्थिति है. हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग ,कलेक्टर तथा स्कूल प्रबंधन को भी नोटिस जारी कर हलफनामा में जवाब पेश करने आदेश जारी किये थे.
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जबलपुर हाईकोर्ट ट्रांसफर किया था मामला
याचिका को सुनवाई के लिए इंदौर खंडपीठ ने मामला मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कर दिया था. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया था. सरकार के रवैये पर युगलपीठ ने जमकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में कई अवसर दिये जाने के बावजूद भी जवाब पेश नहीं किया गया. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तथा कलेक्टर इंदौर पर 25-25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित की है.