ETV Bharat / state

नर्सिंग कॉलेज के नये मान्यता नियम पर फंसा पेंच, एमपी हाईकोर्ट में राज्य शासन ने दी अंडरटेकिंग - mp nursing college recognition rule - MP NURSING COLLEGE RECOGNITION RULE

नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी नियमों को लेकर एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. नए नियमों को लागू नहीं करने को लेकर राज्य शासन ने अंडरटेकिंग दी है. अगली सुनवाई हाईकोर्ट में अब 2 अप्रैल को होगी.

MP NURSING COLLEGE RECOGNITION RULE
नर्सिंग कॉलेज के नये मान्यता नियम पर फंसा पेंच
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 5:33 PM IST

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी राज्य शासन द्वारा बनाए गए नए नियमों को लेकर सुनवाई जारी है. जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष गुरुवार को सुनवाई के दौरान शासन ने अंडरटेकिंग दी कि अगली सुनवाई तक नए नियम लागू नहीं किये जायेंगे. याचिका पर अगली सुनवाई हाईकोर्ट में दो अप्रैल को होगी.

नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 को चुनौती

लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से राज्य सरकार द्वारा नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 को चुनौती देते हुए याचिका में संशोधन का आवेदन पेश किया गया था. नए नियम में नवीन कॉलेज की मान्यता अथवा पुराने कॉलेजों की मान्यता नवीनीकरण के लिए 20 हजार से 23 हजार वर्गफीट अकादमिक भवन की अनिवार्यता को समाप्त करने हुए मात्र 8 हजार वर्ग फीट कर दिया गया था.

सीबीआई जांच में 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य

याचिकाकर्ता की तरफ से हाईकोर्ट में युगलपीठ को बताया गया कि पिछले दो साल में सीबीआई जांच में प्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य पाये गये हैं. जिसमें सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं. सरकार ने इन्हीं कॉलेजों को नए सत्र से बैकडोर एंट्री देने के लिए नए नियम शिथिल किये हैं. नर्सिंग से संबंधित मानक एवं मापदंड तय करने वाली अपैक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के रेग्युलेशन 2020 में भी स्पष्ट उल्लेख है कि 23 हजार वर्ग फीट के अकादमिक भवन युक्त नर्सिंग कॉलेज को ही मान्यता दी जा सकती है. सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि नये नियम बनाने के अधिकार राज्य शासन को हैं इसलिए इन्हें गलत नहीं कहा जा सकता.

ये भी पढ़ें:

पात्र-अपात्र कॉलेजों के नर्सिंग स्टूडेंट्स को परीक्षा देने का अंतिम मौका, हाईकोर्ट का अहम आदेश

मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां ठीक करने के लिए हाई कोर्ट ने गठित की कमेटी, ये जिम्मेदारी मिली

MP हाईकोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले की सुनवाई, स्टडेंट्स की गुहार-'सरकार ने लापरवाही की, सजा हमें क्यों'

2 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय की राहत चाही गई. सरकार की तरफ से उक्त अंडरटेकिंग दिये जाने पर हाईकोर्ट ने समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 2 अप्रैल को निर्धारित की है. बता दें कि याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों के संचालन तथा छात्रों को परीक्षा में शामिल किये जाने के संबंध में पहले आदेश जारी किए जा चुके हैं.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी राज्य शासन द्वारा बनाए गए नए नियमों को लेकर सुनवाई जारी है. जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष गुरुवार को सुनवाई के दौरान शासन ने अंडरटेकिंग दी कि अगली सुनवाई तक नए नियम लागू नहीं किये जायेंगे. याचिका पर अगली सुनवाई हाईकोर्ट में दो अप्रैल को होगी.

नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 को चुनौती

लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से राज्य सरकार द्वारा नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 को चुनौती देते हुए याचिका में संशोधन का आवेदन पेश किया गया था. नए नियम में नवीन कॉलेज की मान्यता अथवा पुराने कॉलेजों की मान्यता नवीनीकरण के लिए 20 हजार से 23 हजार वर्गफीट अकादमिक भवन की अनिवार्यता को समाप्त करने हुए मात्र 8 हजार वर्ग फीट कर दिया गया था.

सीबीआई जांच में 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य

याचिकाकर्ता की तरफ से हाईकोर्ट में युगलपीठ को बताया गया कि पिछले दो साल में सीबीआई जांच में प्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य पाये गये हैं. जिसमें सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं. सरकार ने इन्हीं कॉलेजों को नए सत्र से बैकडोर एंट्री देने के लिए नए नियम शिथिल किये हैं. नर्सिंग से संबंधित मानक एवं मापदंड तय करने वाली अपैक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के रेग्युलेशन 2020 में भी स्पष्ट उल्लेख है कि 23 हजार वर्ग फीट के अकादमिक भवन युक्त नर्सिंग कॉलेज को ही मान्यता दी जा सकती है. सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि नये नियम बनाने के अधिकार राज्य शासन को हैं इसलिए इन्हें गलत नहीं कहा जा सकता.

ये भी पढ़ें:

पात्र-अपात्र कॉलेजों के नर्सिंग स्टूडेंट्स को परीक्षा देने का अंतिम मौका, हाईकोर्ट का अहम आदेश

मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ियां ठीक करने के लिए हाई कोर्ट ने गठित की कमेटी, ये जिम्मेदारी मिली

MP हाईकोर्ट में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के मामले की सुनवाई, स्टडेंट्स की गुहार-'सरकार ने लापरवाही की, सजा हमें क्यों'

2 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

सरकार की तरफ से जवाब पेश करने समय की राहत चाही गई. सरकार की तरफ से उक्त अंडरटेकिंग दिये जाने पर हाईकोर्ट ने समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 2 अप्रैल को निर्धारित की है. बता दें कि याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी. सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों के संचालन तथा छात्रों को परीक्षा में शामिल किये जाने के संबंध में पहले आदेश जारी किए जा चुके हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.