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मानहानि केस में शिवराज,वीडी शर्मा,भूपेन्द्र सिंह को हाईकोर्ट से फिलहाल अंतरिम राहत नहीं, 23 मार्च को अगली सुनवाई - defamation case against Shivraj - DEFAMATION CASE AGAINST SHIVRAJ

विवेक तन्खा द्वारा एमपीएमएलए कोर्ट में दायर मानहानि के केस में कोर्ट द्वारा प्रकरण दर्ज करने के निर्देश के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह,वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया है.

DEFAMATION CASE AGAINST SHIVRAJ
मानहानि केस में शिवराज,वीडी शर्मा,भूपेन्द्र सिंह को राहत नहीं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 21, 2024, 9:34 PM IST

जबलपुर। मानहानि का प्रकरण दर्ज किये जाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को फिलहाल अंतरिम राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया. एकलपीठ ने याचिका की प्रति अनावेदक के अधिवक्ता को प्रदान करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही अगली सुनवाई 23 मार्च को निर्धारित की है.

विवेक तन्खा ने किया था मानहानि का परिवाद

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने एमपीएमएलए कोर्ट जबलपुर में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ दस करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर किया था.

एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने दिए निर्देश

परिवाद में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी. उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया. सीएम शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया. जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है. एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को परिवाद की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया तीनों को धारा 500 का दोषी मानने हुए प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किये हैं.

हाईकोर्ट में दायर की याचिका

एमपीएमएलए विशेष कोर्ट द्वारा प्रकरण दर्ज करने के निर्देश के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया कि अनावेदक ने आपराधिक मानहानि के साथ दस लाख का सिविल सूट भी दायर किया था. अनावेदक ने एक ही मामले में दो अलग-अलग प्रकरण दायर किये हैं. न्यायालय ने फैसला देते समय भौतिक परिस्थिति तथा प्रासंगिक प्रावधानों पर ध्यान नहीं दिया. प्रकरण में अभियोजन की अनुमति नहीं ली गयी थी. न्यायिक क्षेत्राधिकार के तहत एमपीएमएलए जबलपुर की जगह भोपाल में परिवाद दायर किया जाना चाहिए था.

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याचिकाकर्ताओं को उपस्थित होने के निर्देश

याचिका में कहा गया कि 22 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर में प्रकरण की सुनवाई है और याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश जारी किये गये हैं. लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असक्षम है और उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट प्रदान की जाये. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई में अंतरिम राहत की मांग पर विचार किया जायेगा. याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थिती से छूट के लिए संबंधित न्यायालय के समक्ष आवेदन करें. जिस पर संबंधित न्यायालय विचार करेगी. अनावेदक के अधिवक्ता को याचिका की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करते हुए एकलपीठ ने अगली सुनवाई 23 मार्च को निर्धारित की है.

जबलपुर। मानहानि का प्रकरण दर्ज किये जाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को फिलहाल अंतरिम राहत प्रदान करने से इंकार कर दिया. एकलपीठ ने याचिका की प्रति अनावेदक के अधिवक्ता को प्रदान करने के निर्देश दिये हैं. साथ ही अगली सुनवाई 23 मार्च को निर्धारित की है.

विवेक तन्खा ने किया था मानहानि का परिवाद

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने एमपीएमएलए कोर्ट जबलपुर में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ दस करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर किया था.

एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने दिए निर्देश

परिवाद में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी. उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए इसे गलत ढंग से पेश किया. सीएम शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया. जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है. एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को परिवाद की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए प्रथम दृष्टया तीनों को धारा 500 का दोषी मानने हुए प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किये हैं.

हाईकोर्ट में दायर की याचिका

एमपीएमएलए विशेष कोर्ट द्वारा प्रकरण दर्ज करने के निर्देश के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया कि अनावेदक ने आपराधिक मानहानि के साथ दस लाख का सिविल सूट भी दायर किया था. अनावेदक ने एक ही मामले में दो अलग-अलग प्रकरण दायर किये हैं. न्यायालय ने फैसला देते समय भौतिक परिस्थिति तथा प्रासंगिक प्रावधानों पर ध्यान नहीं दिया. प्रकरण में अभियोजन की अनुमति नहीं ली गयी थी. न्यायिक क्षेत्राधिकार के तहत एमपीएमएलए जबलपुर की जगह भोपाल में परिवाद दायर किया जाना चाहिए था.

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याचिकाकर्ताओं को उपस्थित होने के निर्देश

याचिका में कहा गया कि 22 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर में प्रकरण की सुनवाई है और याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश जारी किये गये हैं. लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असक्षम है और उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट प्रदान की जाये. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई में अंतरिम राहत की मांग पर विचार किया जायेगा. याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थिती से छूट के लिए संबंधित न्यायालय के समक्ष आवेदन करें. जिस पर संबंधित न्यायालय विचार करेगी. अनावेदक के अधिवक्ता को याचिका की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करते हुए एकलपीठ ने अगली सुनवाई 23 मार्च को निर्धारित की है.

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