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'किसानों के बेटों को मुआवजा देने पर विचार करें' मोहन यादव सरकार को हाईकोर्ट का निर्देश - JABALPUR HIGH COURT OMKARESHWAR DAM

ओंकारेश्वर बांध के मामले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, विशेष राहत पैकेज देने पर विचार करने के दिए निर्देश

JABALPUR HIGH COURT OMKARESHWAR DAM
ओंकारेश्वर बांध के मामले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुई सुनवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 2, 2024, 2:02 PM IST

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओंकारेश्वर बांध के डूब से प्रभावित होने वाले किसानों को बड़ी राहत प्रदानी की है. जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में मोहन यादव सरकार को किसानों के बालिग बेटों को मुआवजा देने पर विचार करने की बात कही है. जस्टिस विशाल मिश्रा और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने इसके लिए 2 माह की मोहलत सरकार को प्रदान की है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी.

सभी पात्रों को नहीं दिया गया विशेष पैकेज

गौरतलब है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने 7 जून 2013 को आदेश पारित किया था. उस आदेश में कोर्ट ने ओंकारेश्वर बांध के डूब से प्रभावितों को विशेष पैकेज देने के लिए कहा था. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया था कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने विस्थापितों को पैकेज पर 15 प्रतिशत का लाभ तो दिया है, लेकिन यह सभी पात्रों को नहीं दिया गया. बताया गया था कि सरकार की तरफ से किसानों के बालिग बेटों को विशेष पैकेज के तहत लाभ प्रदान नहीं किया गया था.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए आदेश

कोर्ट में जानकारी दी गई थी कि पात्र होने के बावजूद प्रभावित किसानों के बेटों को विशेष पैकेज का लाभ नहीं दिया जाना अवैधानिक है. शनिवार को इस मामले की सुनवाई युगलपीठ ने की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार की तरफ से प्रभावित किसानों के बेटों को विशेष पैकेज का लाभ प्रदान नहीं किया गया है. युगलपीठ ने आवेदन का निराकरण करते हुए किसानों के बालिग बेटों को विषेष पैकेज का लाभ प्रदान करने के लिए सरकार को विचार करने निर्देश जारी किए हैं. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पैरवी की.

जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ओंकारेश्वर बांध के डूब से प्रभावित होने वाले किसानों को बड़ी राहत प्रदानी की है. जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में मोहन यादव सरकार को किसानों के बालिग बेटों को मुआवजा देने पर विचार करने की बात कही है. जस्टिस विशाल मिश्रा और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की युगलपीठ ने इसके लिए 2 माह की मोहलत सरकार को प्रदान की है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी.

सभी पात्रों को नहीं दिया गया विशेष पैकेज

गौरतलब है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने 7 जून 2013 को आदेश पारित किया था. उस आदेश में कोर्ट ने ओंकारेश्वर बांध के डूब से प्रभावितों को विशेष पैकेज देने के लिए कहा था. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया था कि हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने विस्थापितों को पैकेज पर 15 प्रतिशत का लाभ तो दिया है, लेकिन यह सभी पात्रों को नहीं दिया गया. बताया गया था कि सरकार की तरफ से किसानों के बालिग बेटों को विशेष पैकेज के तहत लाभ प्रदान नहीं किया गया था.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए आदेश

कोर्ट में जानकारी दी गई थी कि पात्र होने के बावजूद प्रभावित किसानों के बेटों को विशेष पैकेज का लाभ नहीं दिया जाना अवैधानिक है. शनिवार को इस मामले की सुनवाई युगलपीठ ने की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार की तरफ से प्रभावित किसानों के बेटों को विशेष पैकेज का लाभ प्रदान नहीं किया गया है. युगलपीठ ने आवेदन का निराकरण करते हुए किसानों के बालिग बेटों को विषेष पैकेज का लाभ प्रदान करने के लिए सरकार को विचार करने निर्देश जारी किए हैं. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पैरवी की.

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