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10 करोड़ के मानहानि मामले में शिवराज सिंह,वीडी शर्मा और भूपेन्द्र सिंह को राहत, जमानती वारंट पर रोक - Defamation Case Shivraj VD Sharma

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर 10 करोड़ रुपये के मानहानि मामले में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह को हाईकोर्ट से आंशिक राहत मिली है. हाईकोर्ट ने एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलााफ जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी है.

DEFAMATION CASE AGAINST SHIVRAJ
10 करोड़ के मानहानि मामले में शिवराज सिंह को राहत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 10:16 PM IST

Updated : Apr 4, 2024, 11:01 PM IST

जबलपुर। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा द्वारा दायर किए गए दस करोड़ रुपये के मानहानि के मामले में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और विधायक भूपेन्द्र सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलााफ जारी जमानती वारंट पर 23 अप्रैल तक रोक लगा दी है.

विवेक तन्खा ने दायर किया है मानहानि का परिवाद

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने एमपीएमएलए कोर्ट जबलपुर में शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर किया था. परिवाद में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी. उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए जनता के बीच इसे गलत ढंग से पेश किया. शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया. जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है. एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को तीनों के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे.

भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

मानहानि का प्रकरण दर्ज होने के बाद तीनों भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में कहा गया था कि मामला एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. परिवाद एमपी एमएलए कोर्ट भोपाल में दायर किया जाना चाहिए था. याचिका में लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए परिवाद की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट प्रदान करने का भी आग्रह किया था. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने व्यक्तिगत उपस्थिति छूट के लिए संबंधित न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने निर्देश जारी करते हुए पर याचिका अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित की थी.

एमपी एमएलए कोर्ट में किया आवेदन प्रस्तुत

एमपी एमएलए कोर्ट के समक्ष 22 मार्च को परिवाद की सुनवाई के दौरान तीन जनप्रतिनिधियों की तरफ से गैर हाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया था. जिसमें लोकसभा चुनाव में व्यस्तता का हवाला दिया गया था. आवेदन में आग्रह किया था कि उन्हें 7 जून तक का समय प्रदान किया जाये. न्यायालय ने आवेदन को स्वीकार करते हुए निर्देश जारी किये थे कि तीनों नेता 2 अप्रैल को स्वयं उपस्थित होकर इस संबंध में अंडर टेकिंग प्रस्तुत करें. निर्धारित तारीख को तीनों नेता अंडरटैकिंग देने उपस्थित नहीं हुए, जिसे गंभीरता से लेते हुए विशेष कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 7 मई को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश जारी किये थे.

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शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा व भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जबलपुर MP MLA कोर्ट से वारंट

तीनों नेताओं ने फिर ली हाईकोर्ट की शरण

विशेष कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट को निरस्त किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट की शरण ली गयी थी. याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. विदिशा में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 7 मई को होना है. इसके अलावा भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी खजुराहो विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट के लिए पहले से आवेदन हाईकोर्ट में लंबित है. इसके अलावा दोनों नेता का निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से दूर है ऐसे में एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए जारी जमानती वारंट पर आगामी 23 अप्रैल तक रोक लगा दी है.

जबलपुर। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा द्वारा दायर किए गए दस करोड़ रुपये के मानहानि के मामले में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और विधायक भूपेन्द्र सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा उनके खिलााफ जारी जमानती वारंट पर 23 अप्रैल तक रोक लगा दी है.

विवेक तन्खा ने दायर किया है मानहानि का परिवाद

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने एमपीएमएलए कोर्ट जबलपुर में शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि का परिवाद दायर किया था. परिवाद में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी. उन्होंने मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव मामले में परिसीमन और रोटेशन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो भाजपा नेताओं ने साजिश करते हुए जनता के बीच इसे गलत ढंग से पेश किया. शिवराज सिंह, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने गलत बयान देकर ओबीसी आरक्षण पर रोक का ठीकरा उनके सिर फोड़ दिया. जिससे उनकी छवि धूमिल करके आपराधिक मानहानि की है. एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने 20 जनवरी को तीनों के खिलाफ मानहानि का प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे.

भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

मानहानि का प्रकरण दर्ज होने के बाद तीनों भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में कहा गया था कि मामला एमपी एमएलए कोर्ट जबलपुर के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. परिवाद एमपी एमएलए कोर्ट भोपाल में दायर किया जाना चाहिए था. याचिका में लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए परिवाद की सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत उपस्थिति की छूट प्रदान करने का भी आग्रह किया था. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने व्यक्तिगत उपस्थिति छूट के लिए संबंधित न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करने निर्देश जारी करते हुए पर याचिका अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित की थी.

एमपी एमएलए कोर्ट में किया आवेदन प्रस्तुत

एमपी एमएलए कोर्ट के समक्ष 22 मार्च को परिवाद की सुनवाई के दौरान तीन जनप्रतिनिधियों की तरफ से गैर हाजिरी माफी आवेदन प्रस्तुत किया था. जिसमें लोकसभा चुनाव में व्यस्तता का हवाला दिया गया था. आवेदन में आग्रह किया था कि उन्हें 7 जून तक का समय प्रदान किया जाये. न्यायालय ने आवेदन को स्वीकार करते हुए निर्देश जारी किये थे कि तीनों नेता 2 अप्रैल को स्वयं उपस्थित होकर इस संबंध में अंडर टेकिंग प्रस्तुत करें. निर्धारित तारीख को तीनों नेता अंडरटैकिंग देने उपस्थित नहीं हुए, जिसे गंभीरता से लेते हुए विशेष कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए 7 मई को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश जारी किये थे.

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Last Updated : Apr 4, 2024, 11:01 PM IST
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