जबलपुर। आम आदमी के मन में जितना खौफ अपराधी के लिए होता है उतना ही पुलिस के प्रति भी देखा गया है. ऐसे में आम आदमी के मन से पुलिस का डर खत्म करने के लिए जबलपुर पुलिस ने एक अनोखा तरीका अपनाया है. जबलपुर पुलिस नेकी की दीवार के माध्यम से गरीब और जरूरतमंदों की मदद कर रही है. जबलपुर पुलिस की यह सोच चारों तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. देखिए एक रिपोर्ट- Jabalpur Police Help Needy Peoples
थाने में जरूरतमंदों के लिए सामान मौजूद
यह तस्वीरें किसी सामाजिक संस्थान के कार्यालय की नहीं बल्कि पुलिस थाने की है. जबलपुर के गोरखपुर थाने में जरूरत की हर चीज उपलब्ध है. गरीब बच्चों के लिए खिलौने, किताबें, जूते चप्पल यहां तक के कपड़े भी मिलेंगे. जिससे नाम दिया है नेकी की दीवार. थाना प्रभारी महादेव नागोतिया के द्वारा थाने परिसर के अंदर 'सिर्फ वर्दी नहीं हमदर्दी भी' नाम से थाना परिसर के अंदर एक छोटा सा कमरा बनाया गया है, जिससे नेकी की दीवार का नाम दिया गया है. इस नेकी की दीवार में जरूरतमंद और गरीब महिलाओं बच्चों के लिए कॉपी पुस्तक, नए कपड़े, कम्बल, जूते चप्पल टॉफी खेल खिलौने से लेकर तमाम वह वस्तुएं रखी गई हैं, जो आम इंसान के लिए रोजमर्रा की जरूरत है और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही हैं.
नेकी की दीवार
नेकी की दीवार में रखे जाने वाले सामान और वस्तुओं को जबलपुर पुलिस का समस्त स्टाफ उपलब्ध कराएगा. किसी के घर में जन्मदिन हो या शादी पार्टी उस दिन पुलिस कर्मी अपने पास से सामान उपलब्ध कराएंगे. यू तो देखा जाता है कि "नेकी की दीवार" में लोग पुराने कपड़े जूते चप्पल और अन्य जरूरत की चीज छोड़कर जाते हैं. लेकिन जबलपुर पुलिस द्वारा बनाई गई है नेकी की दीवार में नई वस्तुएं रखी गई हैं और यही वजह है कि गोरखपुर थाना प्रभारी अपनी अनोखी पहल के लिए हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं.
Also Read: |
पुलिस का सराहनीय कदम
खासकर जनता के मन से पुलिस को लेकर डर हटाने को लेकर भी थाना परिसर के अंदर नेकी की दीवार स्थापित की गई है. नेकी की दीवार से मिलने वाली वस्तुओं को पाकर गरीब जनता भी खुश नजर आ रही है. लोगों का कहना है कि अक्सर उन्हें थाने में आने से डर लगता है, लेकिन पुलिस की यह पहल वाकई सराहनीय है, हर गरीब को थाने जाकर अब खुशी मिल सकती है. पुलिस और आम जनता के बीच बेहतर संबंध स्थापित करना है तो पुलिस को इस तरह के कदम उठाने की जरूरत है. क्योंकि आज भी आम जनता के मन में पुलिस के प्रति सहानुभूति कम और खौफ ज्यादा नजर आता है. ऐसे में पुलिस की यह पहल आम जनता को और करीब लाएगी