जबलपुर: जिला प्रशासन ने गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ोतरी के मामले में एक निजी स्कूल के संचालकों को जेल भेज दिया है. जिला प्रशासन का आरोप है कि स्कूल ने छात्रों से लगभग 25 करोड़ रुपए बीते 8 सालों में गलत ढंग से वसूल किया है. जिसका इस्तेमाल शैक्षणिक गतिविधि में न होकर निजी इस्तेमाल किया गया है.
निजी स्कूल ने गलत तरीके से वसूली फीस
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार के आदेश अनुसार निजी स्कूलों के खिलाफ गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाने के मामले की जांच की जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश में निजी स्कूल अधिनियम लागू है. इसके तहत कोई भी स्कूल फीस वृद्धि करने के पहले जिला समिति और राज्य समिति से अनुमति लेना जरूरी है. इसके साथ ही स्कूल से की गई कमाई का उपयोग निजी कामों में नहीं किया जा सकता है.
जांच के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आईं
जबलपुर शिक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में जब निजी स्कूल के दस्तावेज खंगाले गए, तो जिला प्रशासन को कई गड़बड़ियां देखने को मिली. बीते 2017-18 के रिकॉर्ड की ऑडिट रिपोर्ट में इस बात की जानकारी नहीं है कि स्कूल से जो कमाई की गई है उसका शैक्षणिक सुविधाओं के विकास में कहां इस्तेमाल किया गया है. बल्कि, इस दौरान स्कूल में लगभग 25 करोड़ से ज्यादा की रकम बच्चों से वसूली गई. इनमें से कुछ पैसा विदेश यात्रा करने में और कुछ पैसा महंगी गाड़ियां खरीदने में खर्च किया गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि यह शैक्षणिक गतिविधि से हटकर खर्च है, इसलिए इसे पुलिस गैर कानूनी मान रही है."
पुलिस का कहना है
जबलपुर के एडिशनल एसपी आनंद ने बताया कि "इसी ऑडिट रिपोर्ट को आधार बनाकर जिला प्रशासन की ओर से जबलपुर की विजयनगर थाने में निजी स्कूल के अध्यक्ष उनके सहयोगी और एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसमें दो लोगों की गिरफ्तारी हो गई है."
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पहले भी एक दर्जन स्कूलों पर हुई थी कार्रवाई
जबलपुर में इससे पहले एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई हुई थी. जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई थीं. इनमें से कुछ लोगों को जमानत मिल गई है. हालांकि, बढ़ी हुई फीस को वापस करने के मामले में जबलपुर के कुछ स्कूलों को हाईकोर्ट ने स्टे दिया हुआ है, लेकिन इन सभी स्कूलों के खिलाफ नियम विरुद्ध तरीके से काम करने के आरोप में निचली कोर्ट में मुकदमे चल रहे हैं.