जबलपुर। शहर में बन रही रिंग रोड की वजह से जबलपुर के आसपास के किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. सड़क बनाने वाली कंपनी ने कई स्थानों पर नहर में मिट्टी डाल दी है. इसकी वजह से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाएगा. इसका प्रभाव धान की फसल पर पड़ेगा. वहीं किसानों का कहना है कि उन्हें तत्काल पानी की जरूरत है. उन्होंने धान के बीज की बोनी कर दी है, लेकिन इसकी रोपाई के लिए उन्हें बड़े पैमाने पर पानी की जरूरत पड़ेगी. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि वे लगातार सरकार को चिट्टी लिख रहे हैं, लेकिन अब तक नहरों को नहीं खोला गया है. ऐसी स्थिति में भी पानी नहीं छोड़ पाएंगे.
रिंग रोड किसानों के लिए बनी परेशानी का सबब
जबलपुर में लगभग 100 किलोमीटर लंबी एक रिंग रोड बनाई जा रही है. यह जबलपुर शहर को चारों तरफ से कवर कर रही है. इस रिंग रोड का काम बड़ी तेजी से किया जा रहा है. इसकी वजह से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जबलपुर में बरसात के सीजन में धान की बोनी की जाती है. धान के लिए पहले रोपा डाला जाता है. इसके बाद धान के खेत में पानी भर के उसकी मिट्टी को ट्रैक्टर से मचाया जाता है. रोपा लगाने से लेकर धान के पौधों को खेत में लगाने तक किसानों को बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है.
नहरों से किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा पानी
जबलपुर में बरगी बांध की नहरों का जाल है. हर खेत तक नहर के जरिए पानी पहुंचता है, लेकिन इस साल किसानों में बड़ा आक्रोश है. पाटन गांव के किसान लखन पटेल का कहना है कि उन्होंने धान के लिए क्यारियां बना दी हैं. रोपा भी डाल दिया है, लेकिन पानी नहीं होने की वजह से उनका बीज बर्बाद हो जाएगा और वह धान की बोनी नहीं कर पाएंगे.
नहरों में मिट्टी भरे होने से किसानों में आक्रोश
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बरगी परियोजना के अधिकारी मनीष दीक्षित का कहना है कि रिंग रोड की वजह से बड़े पैमाने पर अर्थ वर्क हो रहा है. इस अर्थ वर्क की वजह से उनकी कई नहरें में मिट्टी डाल दी गई है. नियम के अनुसार नहर में पाइप डाले जाने थे, लेकिन अभी पाइप नहीं डाले गए हैं. मिट्टी से नहर को भर दिया है. इसकी वजह से यदि वह पानी छोड़ते हैं तो पानी किसानों के खेत तक नहीं पहुंच पाएगा.
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अधिकारी किसानों की समस्या को कर रहे अनदेखा
इसके लिए उन्होंने सड़क बनाने वाली कंपनी से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को भी पत्र लिखे हैं, लेकिन इसके बावजूद अभी तक कहीं पर भी नहरें नहीं खोली गई हैं. वहीं दूसरी तरफ इस साल बारिश भी धोखा दे रही है. इन दिनों जबकि मॉनसून की बारिश शुरू हो जानी चाहिए थी. वह अभी तक शुरू नहीं हुई है ऐसी स्थिति में किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. यदि नहरों के जरिए पानी नहीं मिला तो खरीफ की फसल बुरी तरह प्रभावित होगी.