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ठंड की दवाई, मढ़ई की दो मिठाई, बुंदेलखंड महाकौशल में मौसम से बदलता है स्वाद

मढ़ई में ठंड के मौसम में दो खास मिठाईयां हैं जिनका स्वाद मौसम के मुताबिक बदल जाता है. यह महाकौशल और बुंदेलखंड में मशहूर हैं और इन्हें विशेष मिठाई का दर्जा हासिल है.

JABALPUR FAMOUS SWEET GUD KI JALEBI
बुंदेलखंड और महाकौशल का देसी स्वाद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 11:57 AM IST

Updated : Nov 6, 2024, 2:48 PM IST

जबलपुर : यहां लोग गुड़ की जलेबी को मिठाई के साथ दवाई के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसके जरिए शरीर में गुड़ पहुंचता है और गुड़ मीठे के साथ-साथ दवा का काम भी करता है. गर्मी के मौसम में सामान्य तौर पर गुड़ की जलेबी नहीं खाई जाती. इसलिए ठंड के मौसम में महाकौशल और बुंदेलखंड के लोगों को गुड़ की जलेबी का इंतजार रहता है. जबलपुर के लोग भी इस खास मिठाई के काफी शौकीन हैं.

ठंड का मौसम और गुड़ की जलेबी का कनेक्शन (Etv Bharat)

ठंड का मौसम और गुड़ की जलेबी

ठंड का मौसम जैसे ही शुरू होता है, वैसे ही गन्ना पकना शुरू हो जाता है और गन्ने से किसान गुड़ बनाने लगते हैं. इसके बाद शुरू होता है गुड से बनी मिठाइयों का दौर. बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र की मिठाई के शौकीन लोग ठंड में गुड़ की जलेबी जरूर खाते हैं.

Gud ki jalebi benefits
गुड़ की जलेबी के हैं कई फायदे (Etv Bharat)

मौसम के साथ बदलता है स्वाद

मौसम परिवर्तन का असर केवल पेड़ पौधों पर नहीं पड़ता बल्कि इसका असर हमारे स्वाद और भोजन रुचि पर भी पड़ती है. इस मामले में भारत दुनिया के कुछ ऐसे देश में शुमार है जिसमें ठंड, गर्मी और बरसात तीनों मौसम आते हैं. इसलिए हर दो-तीन महीनों में स्वाद में भी परिवर्तन हो जाता है. इसलिए भारतीय संस्कृति में मौसम के हिसाब से स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. बुंदेलखंड इलाके की गुड़ की जलेबी इसी तरह का एक पकवान है.

ये मिठाई भी दवाई भी

गुड़ की जलेबी बेचने वाले दीनदयाल गुप्ता बताते हैं कि गुड़ की जलेबी बनाना बहुत कठिन काम नहीं है. जिस तरह शक्कर की चाशनी से जलेबी बनाई जाती है, उसी तरह उसमें शक्कर की चाशनी की जगह गुड़ की चाशनी का इस्तेमाल किया जाता है और तैयार हो जाती है एक बेहद स्वादिष्ट गुड़ की जलेबी. दीनदयाल गुप्ता का कहना है कि यह केवल मिठाई नहीं है बल्कि दवाई भी है क्योंकि ठंड में गुड़ खाना चाहिए. गुड़ की अपनी कई विशेषताएं हैं. गुड़ शरीर को गर्म रखता है और फेफड़े संबंधी बीमारियों के लिए भी दवा का काम करता है.

madhai ka mela gud ki jalebi
मढ़ई के मेले में खूब बिकती है गुड़ की जलेबी (Etv Bharat)

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'मावा मटकी' 20 सालों से मुंह में घोल रही मिठास, गौर सालीवाडा के मीठे को दूर-दूर से चखने आते हैं लोग

मढ़ई के मेले में घुलती है मिठास

जबलपुर के निलेश कुमार साहू बताते हैं कि वे नियम से अपने बच्चों को गुड़ की जलेबी खिलाते हैं. गुड़ की जलेबी खाने से बच्चों को जुकाम नहीं होता. निलेश का कहना है कि इस तरीके से मिठाई भी खा लेते हैं और दवाई भी हो जाती है. गुड़ की जलेबी की शुरुआत मढ़ई मेले से होती है और दीपावली से ही मढ़ई मेला लगना शुरू हो जाता है, जो ग्यारस तक चलता है. इस मेले में गुड़ की जलेबी खूब बिकती है.

जबलपुर : यहां लोग गुड़ की जलेबी को मिठाई के साथ दवाई के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसके जरिए शरीर में गुड़ पहुंचता है और गुड़ मीठे के साथ-साथ दवा का काम भी करता है. गर्मी के मौसम में सामान्य तौर पर गुड़ की जलेबी नहीं खाई जाती. इसलिए ठंड के मौसम में महाकौशल और बुंदेलखंड के लोगों को गुड़ की जलेबी का इंतजार रहता है. जबलपुर के लोग भी इस खास मिठाई के काफी शौकीन हैं.

ठंड का मौसम और गुड़ की जलेबी का कनेक्शन (Etv Bharat)

ठंड का मौसम और गुड़ की जलेबी

ठंड का मौसम जैसे ही शुरू होता है, वैसे ही गन्ना पकना शुरू हो जाता है और गन्ने से किसान गुड़ बनाने लगते हैं. इसके बाद शुरू होता है गुड से बनी मिठाइयों का दौर. बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र की मिठाई के शौकीन लोग ठंड में गुड़ की जलेबी जरूर खाते हैं.

Gud ki jalebi benefits
गुड़ की जलेबी के हैं कई फायदे (Etv Bharat)

मौसम के साथ बदलता है स्वाद

मौसम परिवर्तन का असर केवल पेड़ पौधों पर नहीं पड़ता बल्कि इसका असर हमारे स्वाद और भोजन रुचि पर भी पड़ती है. इस मामले में भारत दुनिया के कुछ ऐसे देश में शुमार है जिसमें ठंड, गर्मी और बरसात तीनों मौसम आते हैं. इसलिए हर दो-तीन महीनों में स्वाद में भी परिवर्तन हो जाता है. इसलिए भारतीय संस्कृति में मौसम के हिसाब से स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. बुंदेलखंड इलाके की गुड़ की जलेबी इसी तरह का एक पकवान है.

ये मिठाई भी दवाई भी

गुड़ की जलेबी बेचने वाले दीनदयाल गुप्ता बताते हैं कि गुड़ की जलेबी बनाना बहुत कठिन काम नहीं है. जिस तरह शक्कर की चाशनी से जलेबी बनाई जाती है, उसी तरह उसमें शक्कर की चाशनी की जगह गुड़ की चाशनी का इस्तेमाल किया जाता है और तैयार हो जाती है एक बेहद स्वादिष्ट गुड़ की जलेबी. दीनदयाल गुप्ता का कहना है कि यह केवल मिठाई नहीं है बल्कि दवाई भी है क्योंकि ठंड में गुड़ खाना चाहिए. गुड़ की अपनी कई विशेषताएं हैं. गुड़ शरीर को गर्म रखता है और फेफड़े संबंधी बीमारियों के लिए भी दवा का काम करता है.

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मढ़ई के मेले में खूब बिकती है गुड़ की जलेबी (Etv Bharat)

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मढ़ई के मेले में घुलती है मिठास

जबलपुर के निलेश कुमार साहू बताते हैं कि वे नियम से अपने बच्चों को गुड़ की जलेबी खिलाते हैं. गुड़ की जलेबी खाने से बच्चों को जुकाम नहीं होता. निलेश का कहना है कि इस तरीके से मिठाई भी खा लेते हैं और दवाई भी हो जाती है. गुड़ की जलेबी की शुरुआत मढ़ई मेले से होती है और दीपावली से ही मढ़ई मेला लगना शुरू हो जाता है, जो ग्यारस तक चलता है. इस मेले में गुड़ की जलेबी खूब बिकती है.

Last Updated : Nov 6, 2024, 2:48 PM IST
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