जबलपुर : शहर की सरिता सोनी अपनी मां का इलाज करवाने जिला अस्पताल पहुंची थीं. यहां उनकी मां का एक ऑपरेशन हुआ और ऑपरेशन के बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया. जैसे ही उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया तो उन्हें उम्मीद थी कि आईसीयू में मां की सही ढंग से देखभाल हो पाएगी लेकिन जैसे ही सरिता सोनी अपनी मां को लेकर आईसीयू में पहुंची तो पता लगा कि आईसीयू का एसी 6 माह से बंद है. गर्मी से परेशान सरिता अपने घर से एक पंखा लेकर आईं और उन्होंने मरीज के पास वह पंखा लगा दिया. यह हाल केवल सरिता सोनी का नहीं है बल्कि आईसीयू में भर्ती हर मरीज और उनके परिजनों का है, जो अपने घर से पंखा लाने मजबूर हैं.
मरीजों का हाल जानने पहुंचे कांग्रेसी
जबलपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष सौरभ शर्मा को जब इस बात की जानकारी लगी तो वे देरा रात 12 बजे ही अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने अस्पताल के हालात देखे और मरीज से बात की तो पता लगा कि 6 महीने से एसी को सुधारने की फाइल चल रही है लेकिन अब तक फाइल आगे नहीं बढ़ पाई है. इसलिए खराब एसी नहीं सुधर पाएंगे. कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा ने कहा, '' आईसीयू के अंदर बहुत सफोकेशन है और ऐसी नहीं चल रहे है. ऐसी स्थिति में अच्छा खासा आदमी बीमार हो जाए.'' सौरभ शर्मा ने कांग्रेसियों के साथ इस मामले में जिला प्रशासन को ज्ञापन भी दिया.
6 महीनों से घूम रही फाइल
जबलपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉक्टर संजय मिश्रा ने कहा, '' यह एक सरकारी काम है और जब तक कलेक्टर इसकी अनुमति नहीं देंगे, तब तक मेंटेनेंस की फाइल आगे नहीं बढ़ेगी.'' हालांकि, यह मामला 6 माह से पेंडिंग है इसके पहले भी यह मुद्दा उठा था तो आईसीयू में दो एसी लगाए गए लेकिन आईसीयू बड़ा है और दो एसी इसे ठंडा नहीं कर सकते. मरीजों का कहना है कि यही मामला अगर किसी सरकारी अफसर के दफ्तर का होता और वहां एसी नहीं चल रहे होते तो न जाने कितने लोग वहां काम के लिए तैनात कर दिए जाते, अब देखना ये होगा कि कब आईसीयू के एसी सुधारने की फाइल आगे बढ़ती है.