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उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाते हैं बड़े अधिकारी, इन्वेस्टर मीट का फायदा केवल इन्हें, जबलपुर में बोले दिग्विजय सिंह - MP Investor Summit 2024 - MP INVESTOR SUMMIT 2024

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि इन्वेस्टर मीट का फायदा जनता को नहीं मिलता बल्कि बड़े अधिकारियों को मिलता है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये अधिकारी बड़े उद्योगपतियों से मिलते हैं और नौकरी में रहते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाते हैं और रिटायरमेंट के बाद कंपनियों मैं नौकरियां करने लगते हैं. दिग्विजय सिंह की टिप्पणी जबलपुर में 20 जुलाई को हो रही इन्वेस्टर कॉन्क्लेव से पहले आई है.

DIGVIJAY SINGH ON INVESTOR SUMMIT
जबलपुर में राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 3:31 PM IST

जबलपुर. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मंगलवार को जबलपुर पहुंचे. दिग्विजय सिंह का कहना है कि इन्वेस्टर मीट एक बड़ा घोटाला है. अब तक की इन्वेस्टर मीट्स को यदि देखा जाए तो इनमें होने वाले मेमोरेंडम की अंडरस्टैंडिंग परसेंटेज 4% से ज्यादा नहीं है. दिग्विजय सिंह का आरोप है कि ऐसी इन्वेस्टर मीट सबसे ज्यादा अधिकारियों के फायदे की होती हैं. इसमें बड़े-बड़े अधिकारी आएंगे और बड़े-बड़े उद्योगपति आएंगे और सभी एक दूसरे से घंटों बैठकर चर्चाएं करेंगे. आपस में एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज करेंगे, सर्विस के दौरान अधिकारी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएंगे और सर्विस के बाद उन्हें बड़ी कंपनियों में जाकर यह अधिकारी काम करने लगेंगे.

मीडिया से चर्चा करते दिग्विजय सिंह (ETV BHARAT)

नीट परीक्षा के नाम पर छात्रों से धोखा

दिग्विजय सिंह ने नीट परीक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा, '' नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अध्यक्ष प्रदीप जोशी शुरू से ही विवादित रहे हैं. उन्होंने एसोसिएट प्रोफेसर की जो भर्ती निकली थी उसमें नियम कानून को दरकिनार करते हुए फर्जी नियुक्तियां की थीं. इसकी जब जांच हुई तो उन्हें समय से पहले मध्य प्रदेश राज्य सेवा आयोग से हटा दिया गया था. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार उनपर मेहरबान हो गई और उन्हें छत्तीसगढ़ पीएससी का अध्यक्ष बना दिया गया. नीट परीक्षा के मामले में केंद्र सरकार ने छात्रों के साथ धोखा किया है.''

गरीब व आम जनता के साथ धोखा

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, '' महंगाई चरम पर पहुंच गई है. आम आदमी का बचत का प्रतिशत बहुत कम हो गया है. यही वजह है कि केंद्र सरकार को देश के 80 करोड़ लोगों को सरकारी राशन देना पड़ रहा है. टेलीकॉम की दरों को जिस तरह बढ़ाया गया है, उससे देश का गरीब से गरीब व्यक्ति प्रभावित होगा क्योंकि टेलीफोन का उपयोग गरीब मजदूर भी कर रहा है. वहीं घरों में बच्चों को मोबाइल की आदत लग चुकी है. ऐसी स्थिति में टेलीफोन की दरों को 20% तक बढ़ाना आम जनता के साथ धोखा है.''

गुजरात की कंपनियों को ज्यादातर ठेके

दिग्विजय सिंह ने फिर आरोप लगाते हुए कहा, '' मध्य प्रदेश में ज्यादातर कामों के ठेके गुजरात की कंपनियों को मिले हुए हैं और वह पेटी कॉन्ट्रैक्ट में स्थानीय लोगों को काम देती हैं. इसकी वजह से कामों की गुणवत्ता खराब हो रही है. '' दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी का उदाहरण देते हुए बताया कि यह कंपनी भी बिहार की है और उसने काम स्थानीय लोगों को दिया हुआ है. इसी वजह से स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी आ रही है और लोगों को परेशानी हो रही है.

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शिवराज ने हमारी योजना को कॉपी किया

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार को लेकर कहा, '' यह हमारी गलती थी कि महिलाओं और बहनों को 1 हजार रु देने की बात हमने थोड़े पहले कह दी. और शिवराज सिंह ने हमारी योजना को कॉपी करके पैसा बांटना शुरू कर दिया. इसका नुकसान हमें हुआ. इन्हीं सब बातों पर पार्टी के भीतर चर्चाएं चल रही हैं.''

जबलपुर. राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मंगलवार को जबलपुर पहुंचे. दिग्विजय सिंह का कहना है कि इन्वेस्टर मीट एक बड़ा घोटाला है. अब तक की इन्वेस्टर मीट्स को यदि देखा जाए तो इनमें होने वाले मेमोरेंडम की अंडरस्टैंडिंग परसेंटेज 4% से ज्यादा नहीं है. दिग्विजय सिंह का आरोप है कि ऐसी इन्वेस्टर मीट सबसे ज्यादा अधिकारियों के फायदे की होती हैं. इसमें बड़े-बड़े अधिकारी आएंगे और बड़े-बड़े उद्योगपति आएंगे और सभी एक दूसरे से घंटों बैठकर चर्चाएं करेंगे. आपस में एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज करेंगे, सर्विस के दौरान अधिकारी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएंगे और सर्विस के बाद उन्हें बड़ी कंपनियों में जाकर यह अधिकारी काम करने लगेंगे.

मीडिया से चर्चा करते दिग्विजय सिंह (ETV BHARAT)

नीट परीक्षा के नाम पर छात्रों से धोखा

दिग्विजय सिंह ने नीट परीक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा, '' नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अध्यक्ष प्रदीप जोशी शुरू से ही विवादित रहे हैं. उन्होंने एसोसिएट प्रोफेसर की जो भर्ती निकली थी उसमें नियम कानून को दरकिनार करते हुए फर्जी नियुक्तियां की थीं. इसकी जब जांच हुई तो उन्हें समय से पहले मध्य प्रदेश राज्य सेवा आयोग से हटा दिया गया था. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार उनपर मेहरबान हो गई और उन्हें छत्तीसगढ़ पीएससी का अध्यक्ष बना दिया गया. नीट परीक्षा के मामले में केंद्र सरकार ने छात्रों के साथ धोखा किया है.''

गरीब व आम जनता के साथ धोखा

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, '' महंगाई चरम पर पहुंच गई है. आम आदमी का बचत का प्रतिशत बहुत कम हो गया है. यही वजह है कि केंद्र सरकार को देश के 80 करोड़ लोगों को सरकारी राशन देना पड़ रहा है. टेलीकॉम की दरों को जिस तरह बढ़ाया गया है, उससे देश का गरीब से गरीब व्यक्ति प्रभावित होगा क्योंकि टेलीफोन का उपयोग गरीब मजदूर भी कर रहा है. वहीं घरों में बच्चों को मोबाइल की आदत लग चुकी है. ऐसी स्थिति में टेलीफोन की दरों को 20% तक बढ़ाना आम जनता के साथ धोखा है.''

गुजरात की कंपनियों को ज्यादातर ठेके

दिग्विजय सिंह ने फिर आरोप लगाते हुए कहा, '' मध्य प्रदेश में ज्यादातर कामों के ठेके गुजरात की कंपनियों को मिले हुए हैं और वह पेटी कॉन्ट्रैक्ट में स्थानीय लोगों को काम देती हैं. इसकी वजह से कामों की गुणवत्ता खराब हो रही है. '' दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी का उदाहरण देते हुए बताया कि यह कंपनी भी बिहार की है और उसने काम स्थानीय लोगों को दिया हुआ है. इसी वजह से स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी आ रही है और लोगों को परेशानी हो रही है.

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शिवराज ने हमारी योजना को कॉपी किया

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