जबलपुर। बांग्लादेश से आकर अवैध रूप से जबलपुर में रहने वाली एक युवती और युवक को पुलिस ने विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत चार-चार साल की सजा से दंडित किया है. अपर सत्र न्यायाधीश विपिन सिंह भदौरिया ने आरोपियों को दस-दस हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया है.
संदिग्ध हालत में मिले थे युवक-युवती
अभियोजन के अनुसार 5 अप्रैल 2023 की दोपहर गोरखपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि अवैध रूप से जबलपुर में आकर रहने वाली एक युवती व एक युवक क्षेत्र में घुम रहे हैं. सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने महर्षि स्कूल के पास स्थित मैदान में एक युवक व एक युवती को संदिग्ध हालत में बैठे देखा. पूछताछ करने पर उन्होंने अपना नाम मोहम्मद मोसूर उर्फ शेख उम्र 38 निवासी बांग्लादेश और युवती ने मीनारा बेगम उम्र 23 साल निवासी बांग्लादेश बताया था. पुलिस द्वारा मांग करने पर वह पासपोर्ट व वीजा प्रस्तुत नहीं कर पाए. उनके पास कोई भारतीय पहचान पत्र भी नहीं था. दोनों आरोपियों ने बताया था कि विगत तीन-चार माह से जबलपुर में निवास कर रहे हैं.
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भारतीय नागरिक होने का नहीं मिला साक्ष्य
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था. आरोपियों की तरफ से तर्क दिया गया कि विदेश मंत्रालय ने ऐसे कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किये है. जिससे प्रमाणित हो सके की वह बांग्लादेश के निवासी हैं. वह भारत के निवासी हैं और उनकी गिरफ्तारी की सूचना भी पुलिस ने गुजरात निवासी उनके परिचित महिला को दी थी. न्यायालय ने पाया कि आरोपी ने भारतीय नागरिक होने का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है. इसके अलावा उन्होंने गिरफ्तारी के दौरान खुद को बांग्लादेश का निवासी होना स्वीकार किया था. न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किये गये साक्ष्य व गवाहों के आधार पर दोनों आरोपियों को उक्त सजा से दंडित किया है. अभियोजन की तरफ से अधिवक्ता प्रमोद कुमार पांडे ने पैरवी की.