जबलपुर: भारतीय किसान संघ के बैनर तले बुधवार को किसान पराली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां सरकार से पराली की समस्या को लेकर स्थाई समाधान मांगा. किसान संघ के नेताओं ने कलेक्टर से मुलाकात भी की. इधर किसानों के आंदोलन के बाद जबलपुर कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसानों को जबरन परेशान नहीं किया जाएगा. पराली जलाने के मामले में सीधे एफआईआर नहीं होगी.
पराली जलाने में एमपी में पहले नंबर पर जबलपुर
कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "पिछले साल तक पंजाब हरियाणा में धान की पराली जलाने की जो घटनाएं सामने आई उसकी वजह से दिल्ली का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है. पंजाब हरियाणा में इस साल पराली जलाने की घटनाएं घटी हैं लेकिन आश्चर्यजनक रूप से मध्य प्रदेश में इनमें बढ़ोतरी आई है. केवल जबलपुर में 2100 जगह पर पराली जलाने की घटनाएं रिकॉर्ड की गई. आकंड़ों के अनुसार जबलपुर पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश में पहले नंबर पर आ गया है."
'बेवजह किसान को नहीं किया जाएगा परेशान'
इसी कारण जबलपुर कलेक्टर ने आदेश जारी किया था कि यदि किसी किसान ने अपने खेत में पराली जलाई तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर के इसी आदेश के खिलाफ भारतीय किसान संघ ने जबलपुर कलेक्टरेट में पराली लाकर प्रदर्शन किया. किसानों से चर्चा के बाद कलेक्टर ने कहा कि बेवजह किसी किसान को परेशान नहीं किया जाएगा. सीधे एफआईआर नहीं होगी.
'पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं'
आंदोलन करने वाले भारतीय किसान संघ के नेता राघवेंद्र पटेल का कहना है कि "अभी उनके पास पराली जलाने के अलावा इसके निस्तारण का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसलिए अभी तो पराली को जलाना ही होगा. यदि सरकार ने किसी किसान के खिलाफ कोई एफआईआर की तो किसान आंदोलन करेंगे."
बेलर मशीन करेगी समाधान
बेलर मशीन एक ऐसी मशीन है जो पराली की समस्या का पूरा समाधान कर सकती है. यह खेतों से पराली को उठा सकती है और इसके बाद चाहे तो इसका खाद बना लें या फिर इसे बायोमास ब्रैकेट बनाकर सस्ता ईंधन का विकल्प तैयार किया जा सकता है. लेकिन बेलर मशीन एक महंगी मशीन है और आम किसान इसे नहीं खरीद सकता. सरकार इसे कस्टम हायरिंग के जरिए मुहैया करवाए तो यह कई किसानों के खेत से पराली इकट्ठी करके अलग कर सकती है फिर इसका अलग-अलग उपयोग किया जा सकता है.
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बायो सीएनजी प्लांट नहीं हुआ शुरू
जबलपुर में पराली की समस्या से निपटने के लिए एक बायो सीएनजी प्लांट भी लगाया गया है लेकिन अभी तक यह प्लांट चालू नहीं हो पाया है. यदि यह प्लांट चालू हो जाता तो जबलपुर के खेतों से बड़े पैमाने पर पराली को अलग किया जा सकता है. जबलपुर कलेक्टर ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का स्थाई समाधान निकालें.