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प्रायवेट स्कूलों के लिए NCERT बुक्स जरुरी, CBSE के फैसले से स्कूलों की मनमर्जी पर नकेल - CBSE New Guidelines on Books

सीबीएसई ने अपने निजी स्कूल संचालकों को बड़ा झटका दिया है. शैक्षणिक सत्र 2024-25 से 9वीं और 12 तक के स्कूलों में सिर्फ एनसीआरटी की ही खिताबें चलाने का फैसला किया है. वहीं, कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए सख्त निर्देश दिए हैं.

CBSE New Guidelines on Books
खत्म होगी निजी स्कूलों की मनमानी (X.com)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 11:04 AM IST

Updated : Aug 17, 2024, 11:16 AM IST

जबलपुर: सीबीएसई ने एक अभूतपूर्व फैसला लिया है, जिसके तहत अब सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पुस्तक ही पढ़ाई जाएंगी. हालांकि, अभी यह नियम 9वीं से लेकर 12वीं तक अनिवार्य किया गया है. वहीं कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाने की सख्त सलाह दी है. यदि स्कूल अपनी मनमर्जी से किसी निजी प्रकाशक की पुस्तक चलाएंगे, तो उन्हें स्कूल की अपनी वेबसाइट में एक डिक्लेरेशन जारी करना होगा, कि यदि कुछ गलत हुआ तो उसके लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे.

cbse issued guidelines for school
सीबीएसई ने अपने स्कूलों के लिए जारी की नई गाइडलाइन (ETV Bharat)

निजी स्कूलों की नहीं चलेगी मनमर्जी

सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन ने 12 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में यह स्पष्ट है कि अब सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पुस्तकों के माध्यम से ही पढ़ाई करवाई जाएगी. निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से पुस्तक नहीं चला सकेंगे.

1 से लेकर 8वीं तक के लिए सीबीएसई ने दिए सख्त निर्देश

सीबीएसई के सेक्रेटरी हिमांशु गुप्ता के इस पत्र में लिखा गया है कि "कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए भी स्कूलों को सख्त सलाह दी गई है, कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों से ही पढ़ाई करवाएं." हालांकि, कक्षा 1 से 8वीं तक के पाठ्यक्रम में इसे अनिवार्य रूप से घोषित नहीं किया गया है. वहीं पत्र में इस बात का उल्लेख है, कि बच्चों को पढ़ाई जाने वाली कोई भी सामग्री किसी जाति धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएगी.

9वीं से 12वीं तक के लिए नए नियम

कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं के लिए सीबीएसई ने केवल एनसीईआरटी की पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनिवार्यता कर दी है. अब इन क्लासों में कोई भी निजी प्रकाशक की पुस्तक नहीं पढ़ाई जाएगी. यदि एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.

स्कूल के मैनेजर और प्रिंसिपल होंगे जिम्मेदार

इन पुस्तकों के अलावा यदि कोई दूसरी सामग्री स्कूलों में पढ़ाई के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, तो स्कूल को अपनी वेबसाइट पर एक रिटन डिक्लेरेशन डालना होगा, कि पुस्तक में यदि कुछ भी आपत्तिजनक हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेवारी स्कूल के मैनेजर और स्कूल के प्रिंसिपल की होगी.

यहां पढ़ें...

निजी स्कूलों में अभिभावक नहीं जमा कर रहे फीस, कलेक्टर ने कहा- आप ऐसा नहीं कर सकते

मनमानी फीस बढ़ाना पड़ा भारी, जबलपुर में 11 निजी स्कूलों पर FIR, 20 गिरफ्तार और 31 फरार

इस आदेश से अभिभावकों में खुशी

गौरतलब है कि, निजी स्कूल बड़े पैमाने पर ऐसी पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल किए हुए थे जिनकी सामग्री पर संदेह था और उनकी कीमतें बहुत अधिक थीं. इस वजह से छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही थी. वहीं अभिभावकों को इन पुस्तकों का ज्यादा पैसा देना पड़ रहा था. जबलपुर में जब इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई की, तो कई पुस्तक संचालकों के साथ स्कूल के प्राचार्य और मैनेजमेंट के लोगों को जेल में तक जाना पड़ा है.

जबलपुर: सीबीएसई ने एक अभूतपूर्व फैसला लिया है, जिसके तहत अब सीबीएसई से संबंधित सभी स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पुस्तक ही पढ़ाई जाएंगी. हालांकि, अभी यह नियम 9वीं से लेकर 12वीं तक अनिवार्य किया गया है. वहीं कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाने की सख्त सलाह दी है. यदि स्कूल अपनी मनमर्जी से किसी निजी प्रकाशक की पुस्तक चलाएंगे, तो उन्हें स्कूल की अपनी वेबसाइट में एक डिक्लेरेशन जारी करना होगा, कि यदि कुछ गलत हुआ तो उसके लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे.

cbse issued guidelines for school
सीबीएसई ने अपने स्कूलों के लिए जारी की नई गाइडलाइन (ETV Bharat)

निजी स्कूलों की नहीं चलेगी मनमर्जी

सेंट्रल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन ने 12 अगस्त को एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में यह स्पष्ट है कि अब सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पुस्तकों के माध्यम से ही पढ़ाई करवाई जाएगी. निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से पुस्तक नहीं चला सकेंगे.

1 से लेकर 8वीं तक के लिए सीबीएसई ने दिए सख्त निर्देश

सीबीएसई के सेक्रेटरी हिमांशु गुप्ता के इस पत्र में लिखा गया है कि "कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए भी स्कूलों को सख्त सलाह दी गई है, कि स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों से ही पढ़ाई करवाएं." हालांकि, कक्षा 1 से 8वीं तक के पाठ्यक्रम में इसे अनिवार्य रूप से घोषित नहीं किया गया है. वहीं पत्र में इस बात का उल्लेख है, कि बच्चों को पढ़ाई जाने वाली कोई भी सामग्री किसी जाति धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएगी.

9वीं से 12वीं तक के लिए नए नियम

कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं के लिए सीबीएसई ने केवल एनसीईआरटी की पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनिवार्यता कर दी है. अब इन क्लासों में कोई भी निजी प्रकाशक की पुस्तक नहीं पढ़ाई जाएगी. यदि एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.

स्कूल के मैनेजर और प्रिंसिपल होंगे जिम्मेदार

इन पुस्तकों के अलावा यदि कोई दूसरी सामग्री स्कूलों में पढ़ाई के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, तो स्कूल को अपनी वेबसाइट पर एक रिटन डिक्लेरेशन डालना होगा, कि पुस्तक में यदि कुछ भी आपत्तिजनक हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेवारी स्कूल के मैनेजर और स्कूल के प्रिंसिपल की होगी.

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गौरतलब है कि, निजी स्कूल बड़े पैमाने पर ऐसी पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल किए हुए थे जिनकी सामग्री पर संदेह था और उनकी कीमतें बहुत अधिक थीं. इस वजह से छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही थी. वहीं अभिभावकों को इन पुस्तकों का ज्यादा पैसा देना पड़ रहा था. जबलपुर में जब इस मामले में प्रशासन ने कार्रवाई की, तो कई पुस्तक संचालकों के साथ स्कूल के प्राचार्य और मैनेजमेंट के लोगों को जेल में तक जाना पड़ा है.

Last Updated : Aug 17, 2024, 11:16 AM IST
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