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जायदेव राय को मिला मिस्टर जबलपुर का खिताब, 50 से ज्यादा बॉडीबिल्डरों ने दिखाया फौलाद जैसा शरीर - JABALPUR BODYBUILDING COMPETITION

सुंदर और स्वस्थ रहने के लिए वर्तमान में कई युवा जिम में कसरत करने पहुंचते हैं ऐसे में कई बार यह एक्सरसाइज बॉडीबिल्डिंग के शौक में तब्दील हो जाती है. इनमें से कुछ ऐसे भी युवक होते हैं जो बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकते. जबलपुर में हर साल की तरह इस साल भी मिस्टर जबलपुर के लिए बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 23, 2024, 7:15 PM IST

JABALPUR BODYBUILDING COMPETITION
मिस्टर जबलपुर के लिए बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता का आयोजन
'महंगा शौक है बॉडीबिल्डिंग'

जबलपुर। हर युवा का सपना होता है कि उसका फौलाद जैसा शरीर होता, ज्यादातर लोग कभी ना कभी जिम जरूर जाते हैं और जिम में कुछ पोस्टर्स लगे होते हैं जिनमे बॉडीबिल्डर दिखते हैं और इन्हीं की बॉडी को देखकर युवाओं को प्रेरणा मिलती है और वह खुद भी उसी तरह की बॉडी बनाने के लिए प्रयास करने लगते हैं. जबलपुर में रविवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में मिस्टर जबलपुर के लिए बॉडीबिल्डर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ.

'बॉडीबिल्डिंग रोजगार का जरिया नहीं है'

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आयोजित बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में जायदेव राय को मिस्टर जबलपुर का खिताब दिया गया.जायदेव राय इस प्रतियोगिता को इसके पहले भी जीत चुके हैं. जायदेव का कहना है कि "बॉडीबिल्डिंग एक पागलपन है बॉडीबिल्डिंग के जरिए ना तो करियर बनाया जा सकता है और ना ही पैसा कमाया जा सकता है. अच्छे बॉडीबिल्डर ज्यादा से ज्यादा किसी जिम में ट्रेनर बन पाते हैं, इसलिए यदि आपका शौक है तो बेशक कीजिए लेकिन इसमें करियर की गुंजाइश नहीं है." जायदेव जबलपुर के जीसीएफ फैक्ट्री में नौकरी करते हैं.

'महंगा शौक है बॉडीबिल्डिंग'

मिस्टर जबलपुर के शो को जज कर रहे बॉडीबिल्डर फेडरेशन के नेशनल जज देवजीत चटर्जी का कहना है कि "यह बड़ा महंगा शौक है. बॉडीबिल्डर अपने शरीर की मसल्स को उभरने के लिए कई घंटे मेहनत करते हैं. मेहनत के साथ ही साथ एक बॉडीबिल्डर को अच्छी डाइट की जरूरत भी होती है जिसमें फैट और प्रोटीन दोनों होना चाहिए. देवजी चटर्जी का कहना है कि नेशनल लेवल की चैंपियनशिप जीतने के लिए 4 से 5 घंटे की एक्सरसाइज जरूरी है और इसमें निरंतरता बेहद जरूरी है तब जाकर एक सामान्य आदमी नेशनल लेवल का बॉडीबिल्डर बन सकता है."

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'बॉडीबिल्डिंग में स्टेरॉयड लेना खतरनाक'

देवजी चटर्जी ने माना कि बहुत सारे लोग जल्दी अपनी बॉडी को फुलाने के लिए कुछ गलत दवाई, स्टेरॉयड, इंजेक्शन लेते हैं. देवजी चटर्जी का कहना है कि "बॉडीबिल्डिंग किसी तपस्या से काम नहीं है इसलिए यदि किसी को बॉडीबिल्डिंग की फील्ड में आना है तो तो उसे धैर्य रखना चाहिए और खूब मेहनत करनी चाहिए. दवाएं, स्टेरॉयड प्रोटीन लेकर शरीर नहीं बनना चाहिए. यह शरीर को बर्बाद कर देता है और भविष्य में ऐसे बॉडी बिल्डर गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं."

'महंगा शौक है बॉडीबिल्डिंग'

जबलपुर। हर युवा का सपना होता है कि उसका फौलाद जैसा शरीर होता, ज्यादातर लोग कभी ना कभी जिम जरूर जाते हैं और जिम में कुछ पोस्टर्स लगे होते हैं जिनमे बॉडीबिल्डर दिखते हैं और इन्हीं की बॉडी को देखकर युवाओं को प्रेरणा मिलती है और वह खुद भी उसी तरह की बॉडी बनाने के लिए प्रयास करने लगते हैं. जबलपुर में रविवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में मिस्टर जबलपुर के लिए बॉडीबिल्डर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ.

'बॉडीबिल्डिंग रोजगार का जरिया नहीं है'

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आयोजित बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में जायदेव राय को मिस्टर जबलपुर का खिताब दिया गया.जायदेव राय इस प्रतियोगिता को इसके पहले भी जीत चुके हैं. जायदेव का कहना है कि "बॉडीबिल्डिंग एक पागलपन है बॉडीबिल्डिंग के जरिए ना तो करियर बनाया जा सकता है और ना ही पैसा कमाया जा सकता है. अच्छे बॉडीबिल्डर ज्यादा से ज्यादा किसी जिम में ट्रेनर बन पाते हैं, इसलिए यदि आपका शौक है तो बेशक कीजिए लेकिन इसमें करियर की गुंजाइश नहीं है." जायदेव जबलपुर के जीसीएफ फैक्ट्री में नौकरी करते हैं.

'महंगा शौक है बॉडीबिल्डिंग'

मिस्टर जबलपुर के शो को जज कर रहे बॉडीबिल्डर फेडरेशन के नेशनल जज देवजीत चटर्जी का कहना है कि "यह बड़ा महंगा शौक है. बॉडीबिल्डर अपने शरीर की मसल्स को उभरने के लिए कई घंटे मेहनत करते हैं. मेहनत के साथ ही साथ एक बॉडीबिल्डर को अच्छी डाइट की जरूरत भी होती है जिसमें फैट और प्रोटीन दोनों होना चाहिए. देवजी चटर्जी का कहना है कि नेशनल लेवल की चैंपियनशिप जीतने के लिए 4 से 5 घंटे की एक्सरसाइज जरूरी है और इसमें निरंतरता बेहद जरूरी है तब जाकर एक सामान्य आदमी नेशनल लेवल का बॉडीबिल्डर बन सकता है."

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'बॉडीबिल्डिंग में स्टेरॉयड लेना खतरनाक'

देवजी चटर्जी ने माना कि बहुत सारे लोग जल्दी अपनी बॉडी को फुलाने के लिए कुछ गलत दवाई, स्टेरॉयड, इंजेक्शन लेते हैं. देवजी चटर्जी का कहना है कि "बॉडीबिल्डिंग किसी तपस्या से काम नहीं है इसलिए यदि किसी को बॉडीबिल्डिंग की फील्ड में आना है तो तो उसे धैर्य रखना चाहिए और खूब मेहनत करनी चाहिए. दवाएं, स्टेरॉयड प्रोटीन लेकर शरीर नहीं बनना चाहिए. यह शरीर को बर्बाद कर देता है और भविष्य में ऐसे बॉडी बिल्डर गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं."

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