रांचीः झारखंड पर इस साल मानसून मेहरबान रहा है. किसानों को खरीफ फसल की अच्छी पैदावार की आस है. लेकिन बेमौसम बारिश ने दुर्गा पूजा के उत्साह को फीका कर दिया है. रांची में शाम 4.30 बजे के बाद झमाझम बारिश हुई. मेघ गर्जन और तेज हवा की वजह से जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लग गया. मौसम केंद्र, रांची के मुताबिक यह बारिश, दक्षिण-पश्चिम मानसून के रिटर्निंग फेज की वजह से हो रही है. इस बारिश की वजह से दुर्गा पूजा को लेकर बने बड़े-बड़े पंडालों और मेलों की चमक फीकी पड़ गई है.
मौसम केंद्र के मुताबिक 11 अक्टूबर तक राज्य के ज्यादातर इलाकों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान है. कुछ जगहों पर बहुत तेज बारिश भी हो सकती है. दरअसल, रांची में बहुत धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन होता है. कई पूजा समितियों ने बड़े-बड़े पंडाल बनवाए हैं. आकर्षक विद्युत सज्जा से पूरी राजधानी जगमगा रही है. चतुर्थी यानी 7 सितंबर को ही इसबार ज्यादातर पंडालों के पट खुल गये थे. शेष पंडालों के पट पंचमी यानी 8 अक्टूबर को खुल गये हैं.
आज से पूजा पंडालों में भक्तों का जुटान शुरु हो जाता है. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी ट्रैफिक और सुरक्षा को लेकर विशेष तैयारी की गई है. लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. नया अरगोड़ा चौक एवं पुराने अरगोड़ा चौक के अलावा कटहल मोड़ वाले रास्ते में लगाए गए पूजा पंडाल का गेट तेज बारिश में गिर गया है. जिससे आवागमन बाधित हुआ है
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश गोड्डा में 123.2 मिमी रिकॉर्ड हुई है. अगले पांच दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं दिखेगा. इसका सीधा असर मेले से जुड़े व्यवसाय पर पड़ेगा. रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसे शहरों में दुर्गा पूजा मेला के दौरान ठेला-खोमचा की बाढ़ सी आ जाती है. छोटे-छोटे इलाकों के कारीगर छह दिनों तक रेहड़ी लगाकर अपना व्यवसाय करते हैं. चाट, पानी-पुरी, भेलपुरी, फास्ट फुड, खिलौने के स्टॉल से पूरा शहर अटा पड़ा रहता है. जाहिर है कि नवमी तक इसी तरह का मौसम बना रहा तो स्ट्रीट फुड का कारोबार प्रभावित होगा.
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