सरगुजा: पूर्व की कांग्रेस सरकार के ताकतवर मंत्री जो सरगुजा की सीतापुर सीट से 4 बार विधायक रहे, सत्ता आने पर मंत्री बनाये गये, सरकार में कद इतना बढ़ा कि सरगुजा के मुख्यमंत्री वही माने जाते रहे. अचानक ही इनके ठिकानों पर आईटी की रेड पड़ी. आईटी ने ऐसा शिकंजा कसा है कि 4 दिन से जांच चल रही है. लगातार अलग ठिकानों सहित करीबियों के घर छापे और उन्हें हिरासत में लेने का क्रम जारी है.
पहला दिन : 31 जनवरी की सुबह सुबह आईटी की टीम ने छत्तीसगढ़ में कई अलग अलग स्थानों पर छापेमारी की. इसमे सबसे अहम छापा था पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के रायपुर और अंबिकापुर के ठिकानों पर. इसके बाद इसी दिन इनके करीबी व्यवसायी हरपाल सिंह अरोरा को आईटी ने पकड़ा, अमरजीत भगत के पूर्व निज सचिव फ्रेंकलिन टोप्पो, राजेश वर्मा और एसआई रूपेश नारंग के घर भी छापे पड़े. करवाई देर रात तक चलती रही.
दूसरा दिन : 1 फरवरी आईटी की टीम ने पूर्व निज सचिव फ्रेंकलिन टोप्पो को देर रात हिरासत में लिया और अमरजीत भगत के अंबिकापुर निवास पर ले आई. एसआई रूपेश नारंग को भी रायपुर में पकड़ा गया. अमरजीत के करीबी इंजीनियर प्रमोद टोप्पो को अंबिकापुर से पकड़ा गया. इस बीच प्रदेश में जहां जहां भी छापे पड़े वहां जांच जारी रही.
तीसरा दिन : 2 फरवरी पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के सीएएचएस जायसवाल से इनकम से सबंधी समस्त दस्तावे आईटी की टीम ने लिये. करीबी नेता मैनपाट निवासी और पूर्व गौ सेवा आयोग के सदस्य अटल यादव के घर पर आईटी ने दबिश दी. अंबिकापुर के लकड़ी मील कारोबारी राजीव अग्रवाल के ठिकानों पर आईटी ने जांच शुरू की. मैनपाट में रहने वाले अमरजीत भगत के करीबी नागेश्वर यादव जिला कांग्रेस महामंत्री, गणेश यादव पूर्व विधायक प्रतिनिधि के घर पर भी आईटी जांच कर रही है. एक अन्य करीबी युवा नेता मनोज यादव को आईटी अधिकारियों का फोन गया है की वो अपनी लोकेशन बताएं. आज चौथे दिन भी भगत के जुड़े लोगों के नए ठिकानों पर छापेमारी जारी है.