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विधानसभा में गूंजा महिला सुरक्षा का मुद्दा: सत्ता पक्ष ने कहा 6 फीसदी कम हुआ अपराध, विपक्ष का सवाल 43 फीसदी बढ़े - women safety issue in Vidhan Sabha

विधानसभा में गुरुवार को महिला सुरक्षा का मुद्दा गूंजा. विधायक इंदिरा मीणा ने प्रदेश में पिछले 6 महिला में हुई महिलाओं की घटनाओं का मुद्दा उठाया तो सदन में जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष ने कहा कि 6 फीसदी अपराध में कमी हुई है, जबकि विपक्ष का सवाल कि 43 फीसदी अपराध बढ़े हैं. सरकार गलत आंकड़े पेश कर सदन को गुमराह कर रही है.

Congress MLA Indira Meena
कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 11, 2024, 1:40 PM IST

कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने उठाया महिला सुरक्षा का मुद्दा (Rajasthan Vidhan Sabha)

जयपुर. जिस महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, उसी मुद्दे पर सदन में भजनलाल सरकार घिरी हुई दिखाई दी. प्रश्न काल के दौरान महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के सवालों पर सत्ता पक्ष ने कहा कि पिछले 6 महीने में 6 फीसदी महिला अपराध कम हुआ है. इसके साथ महिला सुरक्षा को लेकर चिन्हित स्थानों पर पुलिस की सुरक्षा बड़ा दी है. सत्ता पक्ष के जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार सदन में गलत आंकड़े पेश कर गुमराह करने की कोशिश हो रही है. जबकि 40 फीसदी से ज्यादा मामले बढ़े हैं. इसके बाद सदन में हंगामा बरपा रहा. इसी हंगामे के बीच सदन में प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही.

आंकड़ों पर हंगामा: दरअसल, विधायक इंदिरा मीणा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नई सरकार के बनने के बाद हुए महिला अपराध के आंकड़ों की जानकारी मांगी और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से की जा रही व्यस्व्था पर सवाल लगाया. जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार में महिला अपराध में 6 फीसदी की कमी आई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने जिन स्थानों पर महिलाओं की आवाजाही ज्यादा है, जिसमें सिनेमौल, शॉपिंग मोल, स्कूल-कॉलेज, भीड़भाड़ वाले बाजार शामिल हैं. वहां पर पुलिस की संख्या बड़ा दी है.

पढ़ें: बजट पर महिलाओं की प्रतिक्रिया: लखपति दीदी योजना से महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर - Rajasthan Budget 2024

इसके बाद इंदिरा मीणा का सवाल,'कांग्रेस के समय महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कई काम हुए थे. 20 हजार से अधिक प्रकरण सामने आ चुके हैं. भाजपा कहती है अब नहीं सहेगा राजस्थान, अब क्या राजस्थान सहने के लिए मजबूर है?, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब में कहा, '2023 से 2024 के केस को लेकर बताता हूं, हमारी सरकार आते ही 6% अपराध महिला उत्पीड़न को लेकर कम हुए है.

पढ़ें: 1 साल में 15 लाख लखपति दीदी बनाएगी भजनलाल सरकार, सुरक्षा के लिए कालिका पेट्रोलिंग यूनिट - Rajasthan budget 2024

इसके बाद मीणा ने कहा कि डिम्पल मीणा के प्रकरण की सीबीआई की जांच कराई जाएगी, क्योंकि पुलिस अभी उस मामले अलग-अलग बयान दे रही है. जबकि परिजन और सामाजिक संगठन धरना दे रहे हैं. इसका खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि 2022 में 22074 हजार मामले दर्ज हुए. 2023 में 21 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. इसके बाद सदन में पक्ष-विपक्ष में हंगामा हो गया. मंत्री ने कहा कि पिछले सालों में जनसंख्या बढ़ी है. लेकिन अपराध के आंकड़े 6 फीसदी कम हुए हैं.

पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष जूली ने बजट को बताया नीरस व उबाऊ, कहा-रोडमैप 2031 का बता रहे हैं, आज का कुछ पता नहीं - Rajasthan Budget 2024

सदन में गलत आंकड़े पेश हुए: इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार से सवाल पूछा कि सरकारी यह बताए कि अब तक 20767 मामले दर्ज हुए. उसमें से दलित महिलाओं पर कितने अत्याचार हुए? नाबालिक बच्चों के साथ कितनी घटना हुई? इन सबके विवरण दें. इसके साथ उन्होंने कहा कि जो सरकार आंकड़े बता रही है वह गलत है. क्योंकि अप्रैल 2024 में 2861 मामले दर्ज हुए, जबकि मई 2024 में आंकड़े बढ़कर 4088 हो गए. यानी 1 महीने में 40 फीसदी से ज्यादा महिला अपराध के मामले दर्ज हुए. जब एक महीने में ही आंकड़ा 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ रहा है, तो सरकार किस आधार पर 6 फीसदी अपराध कम होने की बात कर रही है. जूली ने कहा कि महिला अपराध के मामलों में झूठे आंकड़े बताकर सरकार सदन को गुमराह कर रही है. इसके बाद सदन में महिलाओं को इंसाफ दो, महिलाओं की सुरक्षा दो के नारे लगते रहे. विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही.

कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा ने उठाया महिला सुरक्षा का मुद्दा (Rajasthan Vidhan Sabha)

जयपुर. जिस महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, उसी मुद्दे पर सदन में भजनलाल सरकार घिरी हुई दिखाई दी. प्रश्न काल के दौरान महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के सवालों पर सत्ता पक्ष ने कहा कि पिछले 6 महीने में 6 फीसदी महिला अपराध कम हुआ है. इसके साथ महिला सुरक्षा को लेकर चिन्हित स्थानों पर पुलिस की सुरक्षा बड़ा दी है. सत्ता पक्ष के जवाब पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरकार सदन में गलत आंकड़े पेश कर गुमराह करने की कोशिश हो रही है. जबकि 40 फीसदी से ज्यादा मामले बढ़े हैं. इसके बाद सदन में हंगामा बरपा रहा. इसी हंगामे के बीच सदन में प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही.

आंकड़ों पर हंगामा: दरअसल, विधायक इंदिरा मीणा ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान नई सरकार के बनने के बाद हुए महिला अपराध के आंकड़ों की जानकारी मांगी और महिला सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से की जा रही व्यस्व्था पर सवाल लगाया. जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार में महिला अपराध में 6 फीसदी की कमी आई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर सरकार ने जिन स्थानों पर महिलाओं की आवाजाही ज्यादा है, जिसमें सिनेमौल, शॉपिंग मोल, स्कूल-कॉलेज, भीड़भाड़ वाले बाजार शामिल हैं. वहां पर पुलिस की संख्या बड़ा दी है.

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इसके बाद इंदिरा मीणा का सवाल,'कांग्रेस के समय महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कई काम हुए थे. 20 हजार से अधिक प्रकरण सामने आ चुके हैं. भाजपा कहती है अब नहीं सहेगा राजस्थान, अब क्या राजस्थान सहने के लिए मजबूर है?, मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब में कहा, '2023 से 2024 के केस को लेकर बताता हूं, हमारी सरकार आते ही 6% अपराध महिला उत्पीड़न को लेकर कम हुए है.

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इसके बाद मीणा ने कहा कि डिम्पल मीणा के प्रकरण की सीबीआई की जांच कराई जाएगी, क्योंकि पुलिस अभी उस मामले अलग-अलग बयान दे रही है. जबकि परिजन और सामाजिक संगठन धरना दे रहे हैं. इसका खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि 2022 में 22074 हजार मामले दर्ज हुए. 2023 में 21 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. इसके बाद सदन में पक्ष-विपक्ष में हंगामा हो गया. मंत्री ने कहा कि पिछले सालों में जनसंख्या बढ़ी है. लेकिन अपराध के आंकड़े 6 फीसदी कम हुए हैं.

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सदन में गलत आंकड़े पेश हुए: इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार से सवाल पूछा कि सरकारी यह बताए कि अब तक 20767 मामले दर्ज हुए. उसमें से दलित महिलाओं पर कितने अत्याचार हुए? नाबालिक बच्चों के साथ कितनी घटना हुई? इन सबके विवरण दें. इसके साथ उन्होंने कहा कि जो सरकार आंकड़े बता रही है वह गलत है. क्योंकि अप्रैल 2024 में 2861 मामले दर्ज हुए, जबकि मई 2024 में आंकड़े बढ़कर 4088 हो गए. यानी 1 महीने में 40 फीसदी से ज्यादा महिला अपराध के मामले दर्ज हुए. जब एक महीने में ही आंकड़ा 40 फीसदी से ज्यादा बढ़ रहा है, तो सरकार किस आधार पर 6 फीसदी अपराध कम होने की बात कर रही है. जूली ने कहा कि महिला अपराध के मामलों में झूठे आंकड़े बताकर सरकार सदन को गुमराह कर रही है. इसके बाद सदन में महिलाओं को इंसाफ दो, महिलाओं की सुरक्षा दो के नारे लगते रहे. विपक्ष के हंगामे के बीच प्रश्न काल की कार्यवाही जारी रही.

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