जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को बाड़मेर-जैसलमेर और बालोतरा सहित अन्य जिलों में पाक विस्थापितों को नागरिकता देने और जैसलमेर जिले में गौशालाओं को फर्जी अनुदान के सवाल उठे. पाक विस्थापितों की नागरिकता पर सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर पेंडेंसी को खत्म करने का आश्वासन दिया तो गौशालाओं में फर्जी अनुदान की जांच एसीबी से कराने का आश्वासन दिया.
पेंडेंसी जल्द होगी खत्म : प्रश्नकाल में निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सवाल किया कि बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा में पिछले 5 सालों में पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान किए जाने के संबंध में कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितनों का निस्तारण किया गया और कितने लंबित हैं? इसके साथ ही उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या सरकार उक्त लंबित आवेदनों को समयबद्ध निस्तारित कर नागरिकता प्रदान करने का विचार रखती है? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो - क्यों ?
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इसके जवाब में मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जवाब देते हुए कहा कि 2468 एप्लीकेशन प्राप्त हुई. इनसे से 566 पेंडेंसी है. साथ ही करीब 300 रिपोर्ट की वजह से पेंडिंग है. कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वो हर महीने इसकी मीटिंग करें. साथ उन्होंने कहा कि पाक-बांग्लादेश आदि देशों से 6 कैटेगरी में जो अल्पसंख्यक भारत आए हैं, हम प्राथमिकता के आधार पर टेंडेंसी को खत्म करने की कोशिश करेंगे.
गौशाला फर्जी अनुदान की होगी जांच : भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल किया कि क्या यह सही है कि जैसलमेर में कई गौशालाओं द्वारा फर्जी गौवंश बताकर अनुदान उठाया गया है? यदि हां, तो कितनी गौशालाओं द्वारा कितना अनुदान उठाया गया है? संख्यात्मक विवरण सदन की मेज पर रखें. साथ दूसरा सवाल किया कि क्या ये भी सही है कि उक्त अनुदान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से उठाया गया है?
यदि हां, तो कौन-कौन इसमें सम्मिलित है और सरकार की ओर से उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? सराफ के सवाल के जवाब में मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि जैसलमेर जिले के गौशालाओं में पिछले साल हुई अनियमितताओं और फर्जी रूप से अनुदान उठाने के मामले की भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराई जाएगी.
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जैसलमेर में शिकायत मिलने पर गौशालाओं का औचक निरीक्षण करवाया गया, जिसमें 32 गौशाला में फर्जी अनुदान उठते समय कई अनियमितताएं मिलने का मामला सामने आया. इस मामले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.
उन्होंने कहा कि दो उपखंड अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेजा गया है. कुमावत ने कहा कि जिले की सभी गौशालाओं को दिए गए अनुदान की तीर्थ जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराई जाएगी.
यदि जांच में किसी राजनेता या किसी अधिकारी की संलिप्तता सामने आई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद फर्जी अनुदान उठाने वाली गौशालाओं से वसूली भी की जाएगी. भ्रष्टाचार के लिए ACB के अधीन जांच के लिए मुख्यमंत्री को लिखा गया.