जयपुर: प्रदेश में पंचायत चुनाव में तीन संतान का नियम लागू है, जबकि विधानसभा और संसद के चुनाव में यह नियम लागू नहीं है. पंचायत चुनाव में भी इस नियम को हटाया जाए. विधानसभा में भी इसकी मांग उठी. राजस्थान 16वीं विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह ने पंचायत चुनाव से तीन संतान के नियम की बाध्यता को खत्म करने की मांग रखी. इस पर सरकार ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संज्ञान लेगी. शून्यकाल में छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक का मुद्दा भी उठा.
सदन में शून्यकाल के दौरान चितौड़गढ़ से निर्दलीय विधायक चंद्रभान आक्या ने पंचायत - निकाय चुनाव में तीन संतान से जुड़ा मामला उठाया. आक्या ने कहा कि कई ऐसे लोग हैं, जो तीन संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते. इस नियम की वजह से कई नेताओं के राजनीतिक जीवन को नुकसान पहुंचा है, जबकि ये नियम विधायक और सांसदों पर लागू नहीं है. इस तरह का कोई नियम है और उसे जरूरी महसूस किया जाता है तो फिर वह पंचायत चुनाव के साथ पार्लियामेंट और असेंबली चुनाव में भी लागू किया जाए और यदि वहां पर लागू नहीं किया जाता है तो इस नियम को पंचायत चुनाव से भी हटाया जाए.
आक्या ने कहा कि इस नियम के चलते अच्छे जनप्रतिनिधि चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं, इसलिए तीसरी संतान के नियम को सरकार हटाए. आक्या के इस मुद्दे पर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मसला है. राज्य सरकार इस मामले में गंभीर है. सरकार इस मामले में संज्ञान लेगी. उधर, सदन में विधायक धर्मपाल ने सदन में छात्रसंघ चुनाव करवाने का मामला उठाया. धर्मपाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी है. सदन में बैठे कई सदस्य इसी सीढ़ी से होते हुए यहां तक आएं हैं, इसलिए सरकार को छात्र संघ चुनाव करवाने चाहिए.