लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भाजपा की प्रचंड हार के बाद संगठन में विरोध के सुर उठने लगे हैं. चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित हुए थे. उसके बाद से सबसे पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश की सियासत से किनारा करना शुरू कर दिया.
इसके बाद कई नेता भी यूपी सरकार के खिलाफ सीधे मंच से बोलने लगे. इन विरोध से कहीं न कहीं इस बात का अंदेशा मिल रहा है कि भाजपा में संगठन बनाम सरकार शुरू हो गया है. मतलब कि सीएम योगी आदित्यनाथ के विरोध में कई नेता आ गए हैं. आईए सबसे पहले बात करते हैं केशव प्रसाद मौर्य की.
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से केशव मौर्य अलग-थलग दिख रहे: लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से अब तक यूपी सरकार की तीन महत्वपूर्ण बैठकों से केशव प्रसाद मौर्य गायब रहे. इनमें दो कैबिनेट बैठक और एक मंत्रियों की समीक्षा बैठक रही. इन तीनों ही बैठक से गायब रहकर केशव मौर्य दिल्ली में डेरा जमाए रहे, वह भी किसी को बिना कुछ बताए.
केशव मौर्य यूपी की मीटिंग छोड़ दिल्ली में जमाए रहते डेरा: बार-बार दिल्ली में डेरा जमाने से ये कयास लगाए जा रहे थे कि केशव मौर्य केंद्रीय नेतृत्व में जाना चाहते हैं. चर्चा भी उड़ी कि केशव मौर्य को केंद्रीय नेतृत्व में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, केशव मौर्य चुप्पी साधे हुए थे. अपने भविष्य की राजनीति को लेकर किसी से कुछ कह नहीं रहे थे.
कार्यकारिणी बैठक में केशव ने मंच से सरकार पर बोला हमला: लेकिन, रविवार को लखनऊ में हुई कार्यकारिणी की बैठक में केशव मौर्य पहुंचे और जब उनके मंच से बोलने की बारी आई तो उन्होंने सीधे तौर पर नहीं, वरन ईशारों-ईशारों में योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने कहा कि संगठन हमेशा सरकार से बड़ा रहा, वर्तमान में भी बड़ा है और भविष्य में भी बड़ा रहेगा.
रमेश चंद्र मिश्र ने तो कह दिया 2027 में नहीं बनेगी बीजेपी सरकार: बदलापुर सीट से भाजपा विधायक रमेश चंद्र मिश्रा ने भई अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने कहा था कि जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने जनता में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है, ऐसे में अगर शीर्ष नेतृत्व यूपी में कुछ कड़े कदम नहीं उठाती है तो 2027 में भाजपा की सरकार नहीं आएगी.
12 घंटे में ही बयान से पलटे रमेश चंद्र मिश्र: हालांकि, वीडियो वायरल होने के 12 घंटे के भीतर ही विधायक ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया. सारा ठीकरा सोशल मिडिया पर फोड़ते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. सपा के लोग मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखना बंद करें. फिर से एक बार 2027 में यूपी में भाजपा की सरकार बनने जा रही है.
पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने भी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा: वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में ताकतवर मंत्री रहे राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह मौजूदा समय के हालात पर बहुत नाराज हैं. एक कार्यक्रम के दौरान मंच से राजेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा दिए. राजेंद्र प्रताप सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि थानों और तहसीलों में ऐसा भ्रष्टाचार उन्होंने अपने चार दशक से ज्यादा के राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा.
ये तो ताजा मामले है, इससे पहले सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव हारे संजीव बालियान ने अपनी पार्टी के कद्दावर नेता संगीत सोम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने चुनाव में अपनी हार का ठीकरा संगीत सोम पर फोड़ा था. सरकार की इस खिलाफत को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व कोई बड़ा फैसला ले सकता है.
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