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कहीं अखिलेश का PDA प्यार तो नहीं सपा में बगावत का कारण, पढ़िए 7 विधायकों ने क्यों भाजपा का रुख किया - Why 7 SP MLA Left Party

UP Politics: पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप, आशुतोष मौर्या, मनोज पांडेय, अभय सिंह ने सपा से बगावत की है. आईए जानते हैं इनकी बगावत की क्या है वजह.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 3:15 PM IST

लखनऊ: मनोज पांडेय हों या पूजा पाल, अभय सिंह या फिर राकेश पांडेय, बीजेपी के साथ खड़े होने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक अपना-अपना बहाना लेकर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं. राज्यसभा के चुनाव में जिस तरह से इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को छोड़कर भाजपा प्रत्याशी का साथ दिया उसके पीछे बड़े बहाने हैं.

समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने भाजपा को वोट दिया. पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप, आशुतोष मौर्या, मनोज पांडेय, अभय सिंह ये सब साथ में गए हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को प्रमुखता दे रहे हैं.

ऐसे में ब्राह्मण और ठाकुर विधायकों के लिए समाजवादी पार्टी में बने रहना मुश्किल होता जा रहा है. माहौल कुछ इस तरह का बन रहा है कि क्षेत्र में जिस वर्ग ने इन विधायकों को चुना है, वह समाजवादी पार्टी के खिलाफ खड़े हुए हैं.

इसलिए समाजवादी पार्टी के साथ बने रहना इन विधायकों के लिए मुश्किल हो गया था. इसी तरह से पूजा पाल की बात की जाए तो उनके पति राजू पाल के हत्या आरोपी के परिवार का जिस तरह से योगी सरकार ने दमन किया उसका एहसान पूजा पर बहुत बड़ा है. ऐसे में पूजा भी भारतीय जनता पार्टी की ओर आ गईं.

मनोज पांडेय: रायबरेली में मनोज पांडेय भाजपा के राइट चॉइस रायबरेली में ऊंचाहार सीट पर मनोज पांडेय भारतीय जनता पार्टी के अमरपाल मौर्य को हराकर विधायक बने थे. विधानसभा चुनाव से ही उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं की जाती रहीं.

स्वामी प्रसाद मौर्य जब समाजवादी पार्टी में थे तो आए दिन सनातन विरोधी बयान दिया करते थे. समाजवादी पार्टी में मनोज पांडेय अकेले स्वामी के खिलाफ मोर्चा ले रहे थे. उनको पार्टी में बहुत खास सहयोग नहीं मिला जिससे वह नाराज भी बताई जा रहे थे. भाजपा उनको लोकसभा चुनाव रायबरेली से लड़ाएगी.

अभय सिंह: छात्र नेता से अपराध की दुनिया होते हुए अयोध्या की गोसाईगंज सीट से अभय सिंह विधायक बने. वह भी समाजवादी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परम भक्त अभय सिंह भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आने का प्रयास कर रहे थे. आखिरकार उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करके जता दिया कि वे अब भाजपा के साथ हैं.

पूजा पाल: बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे राजू पाल की हत्या प्रयागराज में हो गई थी. उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी से विधायक हैं, जिनका नाम है पूजा पाल. कौशांबी से विधायक पूजा पाल अतीक अहमद के परिवार का दमन जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किया उससे बहुत प्रसन्न हैं. उनके पति की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर ही था. पूजा पाल के लिए भाजपा का समर्थन करने का यह निर्णय इसी वजह से किया गया.

राकेश सिंह: अमेठी विधानसभा सीट से राकेश सिंह का भारतीय जनता पार्टी में आना लोकसभा चुनाव में बहुत फायदेमंद होगा. राजपूत होने के नाते उनका भी पीडीए के समीकरण से दिक्कत थी. इसलिए वह भारतीय जनता पार्टी में आ गए.

राकेश पांडेय : राकेश पांडेय के पुत्र रितेश पांडेय समाजवादी पार्टी से अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट से विधायक हैं. उनके बेटे जो कि बसपा सांसद थे हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद में यह तय हो गया कि राकेश पांडे भाजपा के लिए ही राज्यसभा में समर्थन करेंगे. विनोद चतुर्वेदी भी पी डी ए के हावी होने से बहुत परेशान हुए.

ये भी पढ़ेंः सपा में बगावत पर अखिलेश बोले- BJP ने पैकेज दिया; जो विधायक डर गए, उन्होंने बदला पाला, कार्रवाई करेंगे

लखनऊ: मनोज पांडेय हों या पूजा पाल, अभय सिंह या फिर राकेश पांडेय, बीजेपी के साथ खड़े होने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक अपना-अपना बहाना लेकर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं. राज्यसभा के चुनाव में जिस तरह से इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को छोड़कर भाजपा प्रत्याशी का साथ दिया उसके पीछे बड़े बहाने हैं.

समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने भाजपा को वोट दिया. पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप, आशुतोष मौर्या, मनोज पांडेय, अभय सिंह ये सब साथ में गए हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को प्रमुखता दे रहे हैं.

ऐसे में ब्राह्मण और ठाकुर विधायकों के लिए समाजवादी पार्टी में बने रहना मुश्किल होता जा रहा है. माहौल कुछ इस तरह का बन रहा है कि क्षेत्र में जिस वर्ग ने इन विधायकों को चुना है, वह समाजवादी पार्टी के खिलाफ खड़े हुए हैं.

इसलिए समाजवादी पार्टी के साथ बने रहना इन विधायकों के लिए मुश्किल हो गया था. इसी तरह से पूजा पाल की बात की जाए तो उनके पति राजू पाल के हत्या आरोपी के परिवार का जिस तरह से योगी सरकार ने दमन किया उसका एहसान पूजा पर बहुत बड़ा है. ऐसे में पूजा भी भारतीय जनता पार्टी की ओर आ गईं.

मनोज पांडेय: रायबरेली में मनोज पांडेय भाजपा के राइट चॉइस रायबरेली में ऊंचाहार सीट पर मनोज पांडेय भारतीय जनता पार्टी के अमरपाल मौर्य को हराकर विधायक बने थे. विधानसभा चुनाव से ही उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चाएं की जाती रहीं.

स्वामी प्रसाद मौर्य जब समाजवादी पार्टी में थे तो आए दिन सनातन विरोधी बयान दिया करते थे. समाजवादी पार्टी में मनोज पांडेय अकेले स्वामी के खिलाफ मोर्चा ले रहे थे. उनको पार्टी में बहुत खास सहयोग नहीं मिला जिससे वह नाराज भी बताई जा रहे थे. भाजपा उनको लोकसभा चुनाव रायबरेली से लड़ाएगी.

अभय सिंह: छात्र नेता से अपराध की दुनिया होते हुए अयोध्या की गोसाईगंज सीट से अभय सिंह विधायक बने. वह भी समाजवादी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परम भक्त अभय सिंह भारतीय जनता पार्टी के नजदीक आने का प्रयास कर रहे थे. आखिरकार उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करके जता दिया कि वे अब भाजपा के साथ हैं.

पूजा पाल: बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे राजू पाल की हत्या प्रयागराज में हो गई थी. उनकी पत्नी समाजवादी पार्टी से विधायक हैं, जिनका नाम है पूजा पाल. कौशांबी से विधायक पूजा पाल अतीक अहमद के परिवार का दमन जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किया उससे बहुत प्रसन्न हैं. उनके पति की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर ही था. पूजा पाल के लिए भाजपा का समर्थन करने का यह निर्णय इसी वजह से किया गया.

राकेश सिंह: अमेठी विधानसभा सीट से राकेश सिंह का भारतीय जनता पार्टी में आना लोकसभा चुनाव में बहुत फायदेमंद होगा. राजपूत होने के नाते उनका भी पीडीए के समीकरण से दिक्कत थी. इसलिए वह भारतीय जनता पार्टी में आ गए.

राकेश पांडेय : राकेश पांडेय के पुत्र रितेश पांडेय समाजवादी पार्टी से अंबेडकर नगर की जलालपुर सीट से विधायक हैं. उनके बेटे जो कि बसपा सांसद थे हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद में यह तय हो गया कि राकेश पांडे भाजपा के लिए ही राज्यसभा में समर्थन करेंगे. विनोद चतुर्वेदी भी पी डी ए के हावी होने से बहुत परेशान हुए.

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