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मनरेगा में अनियमितता का मामला: मृतक बुधन का भाई भी हैरान, रोजगार सेवक ने चूक के साथ साजिश की कही बात - MGNREGA Scam In Giridih

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 15, 2024, 1:15 PM IST

Updated : Jul 15, 2024, 1:50 PM IST

Irregularities in MNREGA in Giridih. गिरिडीह में मनरेगा योजना में गड़बड़ी की जिलेभर में चर्चा हो रही है. मृत व्यक्ति को कागज में जिंदा दिखाकर मनरेगा योजना में काम लिया गया और इसके बदले में भुगतान भी किया गया है. मामला उजागर होने के बाद बीडीओ ने रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा है.

MGNREGA Scam In Giridih
मृतक बुधन का भाई और परिजन. (फोटो-ईटीवी भारत)

गिरिडीहः मृतक बुधन को जिंदा दिखाना, उससे मजदूरी कराना और फिर भुगतान करने के मामले से सभी आश्चर्यचकित हैं. बुधन का भाई सुखदेव भी यह सुनकर हतप्रभ है. इस प्रकरण को लेकर ईटीवी भारत की टीम बुधन के घर पहुंची. घर में बुधन के पुत्र की शादी थी, इस कारण उससे मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन बुधन के भाई सुखदेव पंडित से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

मनरेगा में गड़बड़ी मामले पर मृतक बुधन के परिजनों से बातचीत करते ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मृतक बुधन के भाई सुखदेव से पूछा गया कि आपके भाई कहां हैं. इस पर सुखदेव ने बताया कि बुधन तो दो वर्ष पहले ही गुजर चुका है. सुखदेव को जब बताया गया कि आपके भाई ने मनरेगा की दो योजना एक तालाब और दूसरा डोभा में अभी से दो-तीन माह पहले काम किया है और फिर इस काम के बदले भुगतान भी पाया है. यह सुनते ही सुखदेव बोल पड़ा ऐसा कैसे संभव हो सकता है. उन्होंने मामले की जांच की मांग की है. वहीं मृतक बुधन के घर के आसपास रहने वाले लोग भी कह रहे हैं कि सरकारी बाबू की मिलीभगत का यह परिणाम है.

रोजगार सेवक की भूमिका अहम

चूंकि मनरेगा में काम की मांग रोजगार सेवक से की जाती है. रोजगार सेवक ही मजदूर के नाम से लेकर कितने दिनों तक काम हुआ है और कितनी मजदूरी हुई है इसकी इंट्री करता है. जानकार बताते हैं कि मजदूरी पूर्ण होने के बाद भुगतान की प्रक्रिया में रोजगार सेवक की ही भूमिका रहती है. अब जब मृतक को काम मिल गया. अलग-अलग महीने में पांच - पांच दिन अलग-अलग योजना में काम कर लिया. मृतक बुधन के खाते में राशि चली गई और मामला उजागर हो गया, तब बीडीओ ने रोजगार सेवक से शो-कॉज किया है. बताते चलें कि इस खबर को ईटीवी भारत ने सबसे पहले प्रकाशित की थी.

सफाई देने में जुटा रोजगार सेवक

इधर, मामला उजागर होने के बाद रोजगार सेवक सफाई देने में जुट गया है. रोजगार सेवक बसंत मंडल का कहना है कि उन्होंने बुधन के बेटे को काम दिया था. पता नहीं ऑनलाइन कैसे बुधन हो गया. रोजगार सेवक अब कम्प्यूटर ऑपरेटर और बीपीओ के सिर गड़बड़ी मढ़ रहा है.

गलती या सब जानते हुए की गई गड़बड़ी

रोजगार सेवक ने कहा कि उसने मिथुन पंडित का नाम दिया था. पता नहीं बुधन कैसे हो गया. रोजगार सेवक के जवाब में ही दो सवाल छिपे हैं. पहला है कि बुधन के नाम पर अप्रैल में एक मास्टर रोल बनाया गया फिर मई में दूसरा मास्टर रोल बनाया गया. अब एक बार गलती हो तो उसे भूल कहेंगे, लेकिन जब वही प्रक्रिया दूसरी बार मई में दोहराई जाए तो इसे क्या कहेंगे आप ही तय करें.

बीपीओ ने कहा-मृतक के नाम हुआ है भुगतान

इधर बीपीओ निकेश कुमार कहते हैं कि मजदूरी देने से लेकर भुगतान करने तक की सारी प्रक्रिया में रोजगार सेवक शामिल रहता है. रोजगार सेवक के पास अपना निजी आईडी होती है, जिसे रोजगार सेवक ही उपयोग में ला सकता है. मंगरोडीह में मृतक बुधन को दो-दो बार अलग-अलग योजना में काम दिया गया. यह मामला संज्ञान में आते ही वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है. संबंधित रोजगार सेवक से बीडीओ ने स्पष्टीकरण पूछा है. जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी.

जानिए क्या है पूरा मामला

यहां बता दें कि गिरिडीह सदर प्रखंड के मंगरोडीह में मनरेगा के तहत तालाब और डोभा निर्माण में ऐसे व्यक्ति को दर्शाया गया है तो अब इस दुनिया में नहीं है. जिस बुधन पंडित को काम करते हुए दिखाया गया है उसकी मौत दो वर्ष पहले ही हो गई थी. अब इस मामले को लेकर बीडीओ ने रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा है.

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गिरिडीहः मृतक बुधन को जिंदा दिखाना, उससे मजदूरी कराना और फिर भुगतान करने के मामले से सभी आश्चर्यचकित हैं. बुधन का भाई सुखदेव भी यह सुनकर हतप्रभ है. इस प्रकरण को लेकर ईटीवी भारत की टीम बुधन के घर पहुंची. घर में बुधन के पुत्र की शादी थी, इस कारण उससे मुलाकात नहीं हो सकी, लेकिन बुधन के भाई सुखदेव पंडित से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

मनरेगा में गड़बड़ी मामले पर मृतक बुधन के परिजनों से बातचीत करते ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

मृतक बुधन के भाई सुखदेव से पूछा गया कि आपके भाई कहां हैं. इस पर सुखदेव ने बताया कि बुधन तो दो वर्ष पहले ही गुजर चुका है. सुखदेव को जब बताया गया कि आपके भाई ने मनरेगा की दो योजना एक तालाब और दूसरा डोभा में अभी से दो-तीन माह पहले काम किया है और फिर इस काम के बदले भुगतान भी पाया है. यह सुनते ही सुखदेव बोल पड़ा ऐसा कैसे संभव हो सकता है. उन्होंने मामले की जांच की मांग की है. वहीं मृतक बुधन के घर के आसपास रहने वाले लोग भी कह रहे हैं कि सरकारी बाबू की मिलीभगत का यह परिणाम है.

रोजगार सेवक की भूमिका अहम

चूंकि मनरेगा में काम की मांग रोजगार सेवक से की जाती है. रोजगार सेवक ही मजदूर के नाम से लेकर कितने दिनों तक काम हुआ है और कितनी मजदूरी हुई है इसकी इंट्री करता है. जानकार बताते हैं कि मजदूरी पूर्ण होने के बाद भुगतान की प्रक्रिया में रोजगार सेवक की ही भूमिका रहती है. अब जब मृतक को काम मिल गया. अलग-अलग महीने में पांच - पांच दिन अलग-अलग योजना में काम कर लिया. मृतक बुधन के खाते में राशि चली गई और मामला उजागर हो गया, तब बीडीओ ने रोजगार सेवक से शो-कॉज किया है. बताते चलें कि इस खबर को ईटीवी भारत ने सबसे पहले प्रकाशित की थी.

सफाई देने में जुटा रोजगार सेवक

इधर, मामला उजागर होने के बाद रोजगार सेवक सफाई देने में जुट गया है. रोजगार सेवक बसंत मंडल का कहना है कि उन्होंने बुधन के बेटे को काम दिया था. पता नहीं ऑनलाइन कैसे बुधन हो गया. रोजगार सेवक अब कम्प्यूटर ऑपरेटर और बीपीओ के सिर गड़बड़ी मढ़ रहा है.

गलती या सब जानते हुए की गई गड़बड़ी

रोजगार सेवक ने कहा कि उसने मिथुन पंडित का नाम दिया था. पता नहीं बुधन कैसे हो गया. रोजगार सेवक के जवाब में ही दो सवाल छिपे हैं. पहला है कि बुधन के नाम पर अप्रैल में एक मास्टर रोल बनाया गया फिर मई में दूसरा मास्टर रोल बनाया गया. अब एक बार गलती हो तो उसे भूल कहेंगे, लेकिन जब वही प्रक्रिया दूसरी बार मई में दोहराई जाए तो इसे क्या कहेंगे आप ही तय करें.

बीपीओ ने कहा-मृतक के नाम हुआ है भुगतान

इधर बीपीओ निकेश कुमार कहते हैं कि मजदूरी देने से लेकर भुगतान करने तक की सारी प्रक्रिया में रोजगार सेवक शामिल रहता है. रोजगार सेवक के पास अपना निजी आईडी होती है, जिसे रोजगार सेवक ही उपयोग में ला सकता है. मंगरोडीह में मृतक बुधन को दो-दो बार अलग-अलग योजना में काम दिया गया. यह मामला संज्ञान में आते ही वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है. संबंधित रोजगार सेवक से बीडीओ ने स्पष्टीकरण पूछा है. जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई होगी.

जानिए क्या है पूरा मामला

यहां बता दें कि गिरिडीह सदर प्रखंड के मंगरोडीह में मनरेगा के तहत तालाब और डोभा निर्माण में ऐसे व्यक्ति को दर्शाया गया है तो अब इस दुनिया में नहीं है. जिस बुधन पंडित को काम करते हुए दिखाया गया है उसकी मौत दो वर्ष पहले ही हो गई थी. अब इस मामले को लेकर बीडीओ ने रोजगार सेवक से स्पष्टीकरण पूछा है.

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Last Updated : Jul 15, 2024, 1:50 PM IST
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