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पूर्व मंत्री आजम खान के मददगार IPS अफसर अशोक शुक्ला की होगी जांच, केस से निकाल दी थीं गंभीर धाराएं - IPS officer Ashok Shukla - IPS OFFICER ASHOK SHUKLA

यूपी की योगी सरकार अब पूर्व मंत्री आजम खान का साथ देने वाले अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर रही है. इस कड़ी में रामपुर के तत्कालीन एसपी अशोक शुक्ला के खिलाफ गृह विभाग ने जांच शुरू की है.

यूपी की योगी सरकार अब पूर्व मंत्री आजम खान का साथ देने वाले अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर रही है.
यूपी की योगी सरकार अब पूर्व मंत्री आजम खान का साथ देने वाले अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर रही है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 12:21 PM IST

लखनऊ : यूपी की योगी सरकार अब पूर्व मंत्री आजम खान का साथ देने वाले अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर रही है. इस कड़ी में रामपुर के तत्कालीन एसपी अशोक शुक्ला के खिलाफ गृह विभाग ने जांच शुरू की है. आरोप है कि अशोक शुक्ला ने शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान की मदद करते हुए मुकदमे में गंभीर धाराओं को हटाते हुए विवेचक भी बदल दिया था, जिससे आजम खान का केस से नाम हटवाया जा सके. गृह विभाग ने रामपुर के पूर्व एसपी अशोक शुक्ला की जांच के लिए एक दो सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इसमें अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी और आईजी विजिलेंस मंजिल सैनी शामिल हैं.

दस्तावेजों में की गई जालसाजी : दरअसल, रामपुर की जौहर विश्वविद्यालय का कुछ अंश शत्रु संपत्ति पर बना हुआ था. यह संपत्ति बटवारे के समय पाकिस्तान गए इमाम कुरैशी की थी. जिसे वर्ष 2006 में शत्रु संपत्ति घोषित करते हुए भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग में दर्ज किया गया था. हालांकि समय-समय पर सारी संपत्तियों की जांच की जाती है, जिस दौरान यह सामने आया कि राजस्व विभाग के दस्तावेजों में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद के नाम पर दर्ज कर दिया गया था. इतना ही नहीं, उक्त जमीन से जुड़े दस्तावेजी के कई पेज फटे हुए थे.

एसपी ने बदल दिया था विवेचक: शत्रु संपत्ति की जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद वर्ष 2020 में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था. जब इस केस की विवेचना शुरू हुई तो विवेचक गजेंद्र त्यागी ने संबंधित लेखपाल के बयानों के आधार पर मुकदमे में पूर्व मंत्री आजम खान का नाम जोड़ा था, लेकिन तत्कालीन एसपी रामपुर अशोक शुक्ला ने 17 मई 2023 को इंस्पेक्टर गजेंद्र त्यागी से विवेचना लेकर क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर श्रीकांत द्विवेदी को ट्रांसफर कर दी.

केस से हटा दिया था आजम का नाम: आरोप है कि जब इस केस में चार्जशीट दाखिल की गई तो विवेचना के दौरान जालसाजी की धाराओं को हटाकर हल्का कर दिया और आजम खान का नाम भी हटा दिया गया. इसी मामले का संज्ञान लेते हुए गृह विभाग ने जांच बैठाई है. ऐसे में उच्च स्तरीय कमेटी की जांच शुरू होने पर और भी कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के नाम सामने की उम्मीद है, जिन्होंने आजम खान को मदद दी थी. फिलहाल अशोक शुक्ला मौजूदा समय सीबीसीआईडी में तैनात है.

यह भी पढ़ें : आजम खान की पत्नी बिजली चोर नहीं; 4 साल पुराने मामले में रामपुर कोर्ट ने किया बरी - Tajin Fatma acquitted

लखनऊ : यूपी की योगी सरकार अब पूर्व मंत्री आजम खान का साथ देने वाले अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर रही है. इस कड़ी में रामपुर के तत्कालीन एसपी अशोक शुक्ला के खिलाफ गृह विभाग ने जांच शुरू की है. आरोप है कि अशोक शुक्ला ने शत्रु संपत्ति मामले में आजम खान की मदद करते हुए मुकदमे में गंभीर धाराओं को हटाते हुए विवेचक भी बदल दिया था, जिससे आजम खान का केस से नाम हटवाया जा सके. गृह विभाग ने रामपुर के पूर्व एसपी अशोक शुक्ला की जांच के लिए एक दो सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इसमें अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी और आईजी विजिलेंस मंजिल सैनी शामिल हैं.

दस्तावेजों में की गई जालसाजी : दरअसल, रामपुर की जौहर विश्वविद्यालय का कुछ अंश शत्रु संपत्ति पर बना हुआ था. यह संपत्ति बटवारे के समय पाकिस्तान गए इमाम कुरैशी की थी. जिसे वर्ष 2006 में शत्रु संपत्ति घोषित करते हुए भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग में दर्ज किया गया था. हालांकि समय-समय पर सारी संपत्तियों की जांच की जाती है, जिस दौरान यह सामने आया कि राजस्व विभाग के दस्तावेजों में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद के नाम पर दर्ज कर दिया गया था. इतना ही नहीं, उक्त जमीन से जुड़े दस्तावेजी के कई पेज फटे हुए थे.

एसपी ने बदल दिया था विवेचक: शत्रु संपत्ति की जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद वर्ष 2020 में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया था. जब इस केस की विवेचना शुरू हुई तो विवेचक गजेंद्र त्यागी ने संबंधित लेखपाल के बयानों के आधार पर मुकदमे में पूर्व मंत्री आजम खान का नाम जोड़ा था, लेकिन तत्कालीन एसपी रामपुर अशोक शुक्ला ने 17 मई 2023 को इंस्पेक्टर गजेंद्र त्यागी से विवेचना लेकर क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर श्रीकांत द्विवेदी को ट्रांसफर कर दी.

केस से हटा दिया था आजम का नाम: आरोप है कि जब इस केस में चार्जशीट दाखिल की गई तो विवेचना के दौरान जालसाजी की धाराओं को हटाकर हल्का कर दिया और आजम खान का नाम भी हटा दिया गया. इसी मामले का संज्ञान लेते हुए गृह विभाग ने जांच बैठाई है. ऐसे में उच्च स्तरीय कमेटी की जांच शुरू होने पर और भी कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के नाम सामने की उम्मीद है, जिन्होंने आजम खान को मदद दी थी. फिलहाल अशोक शुक्ला मौजूदा समय सीबीसीआईडी में तैनात है.

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