नई दिल्ली: राजधानी के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और सुचेता कृपलानी अस्पताल में नया आईपीडी ब्लॉक अब पूरी तरह शुरू कर दिया गया है. एक्सीडेंट एवं इमरजेंसी ब्लॉक में भी सभी सेवाएं शुरू कर दी गई हैं. अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुभाष गिरी ने बताया कि अस्पताल में 3 टेस्ला एमआरआई प्रणाली और आईपीडी (भर्ती ब्लॉक) में केंद्रीय प्रयोगशाला को शुरू किया गया है, जिसका नया 3 टी एमआरआई-सीमेंस वीआईडीए सिस्टम, नवीनतम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन के साथ सबसे उन्नत एमआरआई मशीनों में से एक है.
उन्होंने कहा कि इससे कम समय में उच्च गुणवत्ता वाली एक्सरे फिल्म मिलती हैं. इसके अलावा लैब में एमआर एंजियोग्राफी, एमआर स्पेक्ट्रोस्कोपी, डिफ्यूजन एमआरआई जैसे विशेष एमआरआई अध्ययन भी कर सकते हैं. सुविधा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. आईपीडी ब्लॉक की केंद्रीय लैब, पूरी तरह से स्वचालित व अत्याधुनिक प्रयोगशाला है. यह भी 24 घंटे और 365 दिन काम कर रही है. इससे न्यूनतम समय में मरीजों को जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही हैं. ओपीडी में भी ग्राउंड फ्लोर पर ही सैंपल लेने की सुविधा उपलब्ध है.
लैब में उपलब्ध है इन टेस्ट्स की सुविधा: आधुनिक लैब में पैथोलॉजी व हेमेटोलॉजी से संबंधित जांचें होती हैं. इसके अलावा पेरिफेरल स्मीयर के साथ पूर्ण हेमोग्राम, लिपिड प्रोफाइल, यूरीन टेस्ट, ब्लड शुगर, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, थायरॉइड फंक्शन टेस्ट, इलेक्ट्रोलाइट्स, हार्मोनल टेस्ट, फर्टिलिटी टेस्ट, इंसुलिन टेस्ट, ग्लाइकोसिलेटेड, हीमोग्लोबिन और माइक्रोबायोलॉजी जैसे सभी परीक्षण शामिल हैं.
माइक्रोबायोलॉजी विभाग जल्द एचआईवी परीक्षण के इंटीग्रेटेड सेंटर को भी केंद्रीय प्रयोगशाला में ट्रांसफर करने की भी योजना बना रहा है. लैब रिपोर्ट डिजिटाइज्ड हैं और रोगी के मोबाइल पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. इसके अलावा अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा भी 3 गुना बढ़ा दी गई है.
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930 बेड पर सीधे आपूर्ति: आईसीयू, आपातकालीन सेवाओं और अन्य क्षेत्रों को मिलाकर कुल 930 बिस्तरों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए नई मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की गई है. वहीं लिक्विड ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता भी 30 किलोलीटर बढ़ाई गई है. अब भविष्य में कोविड जैसी महामारी या ऐसी किसी अन्य आपदा से निपटने के लिए ऑक्सीजन सुविधा पूरी तरह उपलब्ध है.
वर्ष 2023-24 में कई सुविधाएं बढ़ाई गईं या नए सिरे से शुरू की गईं. फिर चाहे वह बुनियादी ढांचा हो, सुविधाएं हों, उपकरण हों. साथ ही मरीजों की संतुष्टि के लिए रोगी केंद्रित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अस्पताल में मैन पावर में भी वृद्धि की गई. सुभाष गिरी ने बताया कि मौजूदा विशिष्टताओं में कुछ नए विभाग और पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं. इससे हमें बेहतर रोगी देखभाल प्रदान करने में भी मदद मिलेगी.
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