नई दिल्ली: गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (जीजीएसआईपी) की अकादमिक परिषद की 58वीं बैठक बुधवार को आयोजित की गई. बैठक में परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से साल में दो बार दाखिला लेने के नियम को लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है.
बता दें कि यूजीसी ने देश में सभी विश्वविद्यालयों को एक सप्ताह पहले ही साल में दो बार दाखिला लेने के नियम को लागू करने की छूट दी है. इसके अनुसार, विश्वविद्यालय जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी सत्र में दो बार दाखिला ले सकेंगे. इसको लेकर आईपी यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार परिषद के इस निर्णय का उद्देश्य विश्वविद्यालय द्वारा पेश किए जाने वाले विभिन्न यूजी और पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए शिक्षा तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है. इस नियम के लागू होने से जुलाई सत्र में दाखिले से वंचित रहने वाले छात्रों को दाखिले के लिए पूरे एक साल तक इंतजार नहीं करना होगा.
'हमारी शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा'
विश्वविधालय के कुलपति प्रोफेसर महेश वर्मा ने कहा कि इस नियम के लागू होने से हमारी शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा. हमारे शिक्षा सत्र का शेड्यूल विदेशों के शिक्षा सत्र से मेल खाएगा, जिससे विदेशी छात्रों को हमारे संस्थानों में और हमारे छात्रों को विदेशी संस्थानों में दाखिले के अधिक अवसर मिल सकेंगे.
उन्होंने बताया कि दूसरे देशों में पहले से ही साल में दो बार दाखिला लेने का नियम लागू है. इसके अतिरिक्त अकादमिक परिषद ने विभिन्न विश्वविद्यालय अध्ययन विद्यालयों में चल रहे यूजी/पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए 'सिंगल गर्ल चाइल्ड' के लिए अतिरिक्त सीट की शुरूआत को भी मंजूरी दे दी है. उभरते क्षेत्रों में नए कार्यक्रम शुरू करने के एआईसीटीई के प्रयास के अनुसरण में परिषद ने कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयुक्त गणित में बी.टेक. कार्यक्रम शुरू करने को भी मंजूरी दी है. इसके अलावा, परिषद ने कई अन्य नए यूजी/पीजी कोर्सेज की शुरूआत के साथ-साथ विश्वविद्यालय में पहले से चल रहे कार्यक्रमों में प्रवेश बढ़ाने को भी मंजूरी दे दी.
जहां तक चिकित्सा और संबद्ध क्षेत्रों में शिक्षा का सवाल है, परिषद ने नर्स प्रैक्टिशनर क्रिटिकल केयर (एनपीसीसी), मास्टर इन पब्लिक हेल्थ (फील्ड एपिडेमियोलॉजी) कार्यक्रमों की पात्रता और प्रवेश मानदंडों को भी मंजूरी दी है. परिषद ने संबंधित क्षेत्र कौशल परिषदों के अनुसार इंद्रप्रस्थ कौशल विकास केंद्र के माध्यम से निम्नलिखित कार्यक्रमों को शुरू करने को भी मंजूरी दी.
जिनकी अधिक मांग है:
स्वास्थ्य क्षेत्र कौशल परिषद (एचएसएससी) – आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन.
मीडिया और मनोरंजन कौशल परिषद (एमईएससी) – ग्राफिक डिजाइन.
स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (एससीजीजे), रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टिक उद्यमी.
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