रांची: राजधानी के रांची सदर अस्पताल में 14 दिसंबर को एक 83 वर्षीय अज्ञात वृद्ध की मौत हो गयी. इसके बाद उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित कमेटी ने मीडिया के माध्यम से अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की.
अस्पताल कर्मियों और अन्य मरीजों के परिजनों से बातचीत और सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरों के आधार पर आज दिन भर की गई. जांच के बाद देर शाम रांची के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार और उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मौत निश्चित रूप से दुखद होता है. लेकिन जिस 80-83 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति की ईलाज में लापरवाही से हुई मौत बताया जा रहा है उसकी हकीकत कुछ और है.
डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने कहा कि तीन दिन पहले से वह बुजुर्ग अस्पताल में रह रहे थे. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि 108 एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल लाया गया था. एंबुलेंस संचालक ने इस बात को लिखित में भी दिया है. जिस बुजुर्ग की कल मौत हुई उनका पूरा ख्याल अस्पताल कर्मियों द्वारा रखा जाता रहा था उन्हें खाना भी दिया जाता रहा है.
शनिवार को वह खुद से चलकर धूप में बैठने गए थे और धूप सेंकते-सेंकते अचानक वहीं पर वे मुर्छित हो गए और उनकी मौत हो गयी. उपाधीक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि लावारिश बुजुर्ग की मौत की वजह सडन कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हुई है.
बुजुर्ग व्यक्ति की मौत की वजह लापरवाही नहीं- सिविल सर्जन
रांची सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि जिस व्यक्ति की मौत हुई वह बीमार नहीं थे. सदर अस्पताल में कई ऐसे बुजुर्ग आ जाते हैं और जिनका यहां के स्टाफ खयाल भी रखते हैं. जिस व्यक्ति की मौत हुई उनका भी ख्याल रखा जाता था. शव का पोस्टमार्टम रिम्स में कराया गया है और लावारिश/अज्ञात होने की वजह से डेडबॉडी को रिम्स शवगृह में रखा गया है.
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