लखनऊ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे ने महिलाओं को खास सौगात दी है. पूर्वोत्तर रेलवे ने लखनऊ से गोंडा के लिए संचालित होने वाली मालगाड़ी की कमान एक महिला लोको पायलट को सौंपी. स्टेशन का चार्ज भी महिला अधिकारी ने ही संभाला. बादशाह नगर रेलवे स्टेशन की कमान वर्षा श्रीवास्तव के हाथ रही. लखनऊ से गोंडा के बीच रवाना हुई मालगाड़ी की असिस्टेंट लोको पायलट और गार्ड भी महिलाएं ही थीं. पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार और एनईआर विमेंस वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की प्रेसिडेंट रूबी राय ने बादशाह नगर रेलवे स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर मालगाड़ी को रवाना किया. इस मौके पर स्टेशन पर विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुईं, जिनमें पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता सॉन्ग, डांस और प्लांटेशन जैसे कार्यक्रम शामिल थे.
वैसे तो हर रोज मालगाड़ी की कमान पुरुष पायलट संभालते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मालगाड़ी का माहौल ही बदला नजर आया. ट्रेन को पटरी पर दौड़ने की जिम्मेदारी लोको पायलट समित कुमारी संभाल रही थीं उनके साथ असिस्टेंट लोको पायलट आरती मौजूद थीं. इस मौके पर लोको पायलट समता कुमारी ने कहा कि मैं पिछले 13 साल से ट्रेन चला रही हूं. यह बहुत ही अद्भुत है. आज और भी अच्छा लग रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस जैसा बड़ा आयोजन है और महिलाओं को ही मौका दिया जा रहा है. ट्रेन से सीधे हम समाज सेवा भी कर रहे हैं और काफी रोमांच भी आता है. मुझे ट्रेन चलाने में बहुत मजा आता है, आत्म संतुष्टि मिलती है. हम चाहते हैं कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए. बता दें कि लखनऊ से सीतापुर के बीच हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल हुआ था तो 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाने का काम भी समता कुमारी बखूबी कर चुकी हैं. असिस्टेंट लोको पायलट आरती तीन साल से रेलवे में नौकरी कर रही हैं 2021 में उनकी जॉइनिंग हुई थी. अभी उनके लिए ट्रेन चलाना बिल्कुल नया है. आज का अनुभव शेयर करते हुए वह काफी खुश हैं. उनका कहना है कि यह बहुत अच्छा अनुभव है मेरे लिए. मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है लेकिन, आज अच्छा बहुत लग रहा है. महिला दिवस पर यह सौगात मिली है. यह यादगार पल है. ट्रेन की गार्ड अर्चना राठौर भी आज काफी खुश हैं. ट्रेन आज उनके इशारों पर आगे बढ़ रही है. जब हरी झंडी दिखाई तो ट्रेन आगे के लिए रवाना होती है और लाल झंडी दिखाते ही ट्रेन रुक जाती है. अर्चना राठौर का कहना है कि आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. पहली बार मुझे ऐसा करने का मौका मिला है. आज गोंडा तक मैं ट्रेन लेकर जा रही हूं.
क्या कहते हैं डीआरएम : पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक आदित्य कुमार का कहना है कि रेलवे में महिलाओं का बहुत बड़ा रोल रहता है. फिर चाहे वह कोई भी पद हो. स्टेशन मैनेजर हो, गार्ड हो, लोको पायलट हो, टेक्नीशियन हो, सिग्नल टेलीकॉम में हो, इंजीनियरिंग में हो, आरपीएफ की हमारी जो कांस्टेबल है वह भी महिलाएं हैं. टिकट चेकिंग स्टाफ है वह भी महिलाएं. कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है रेलवे में जिसमें महिलाएं आगे नहीं हैं.
कर्मचारियों की हेल्प करते हैं लोग : एनईआर विमेंस वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन रूबी राय का कहना है कि आज बहुत बढ़िया लग रहा है. मुझे तो लगता है कि कहीं मेंस माइनॉरिटी न हो जाएं. महिलाओं की मेजोरिटी हो जाए. सभी लोग बच्चों को पढ़ाते हैं. आगे बढ़ाते हैं तो हम लोग भी अपनी महिला कर्मचारियों की हेल्प करते रहते हैं. उनको इनकरेज करते हैं कि हम आपके पीछे हैं. आज महिलाओं के लिए बहुत बड़ा दिन है.
संरक्षा की कमान महिला अधिकारी के नाम : सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर डॉ शिल्पी कनौजिया का कहना है कि जो रेल संरक्षण से रिलेटेड चीजे हैं उसको मैं देखती हूं. अगर उसमें कोई कमी आती है तो उसको मैं सुधारने की कोशिश करती हूं. इसके अलावा कभी कुछ अनयूजुअल होता है तो उसको देखती हूं. बाकी मेरा काम है कि नॉर्मल रेल संचालन चलता रहे. महिला दिवस पर तो एक महिला के रूप में मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन मैं चाहती हूं कि आप लोग भी इस दिवस को सेलिब्रेट करें. इसे याद रखें कि हम सबको एक्चुअल में आपका सपोर्ट तो नहीं बोलूंगी लेकिन, आपके कोऑर्डिनेशन की बहुत जरूरत है.
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