जयपुर. आज यानी 29 जुलाई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. साल 2010 में रूस में एक टाइगर समिति के बाद दुनिया भर के देशों ने बाघ संरक्षण को लेकर चर्चा तेज की. सेंट पीटर्सबर्ग में हुए इस सम्मेलन में तय हुआ कि हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाएगा. खास बात यह है कि रॉयल बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है और मौजूदा वक्त में दुनिया भर के 70 फ़ीसदी से ज्यादा बाघों की आबादी भारत में रहती है. इसके पहले साल 1973 में भारत सरकार ने प्रोजेक्ट टाइगर भी शुरू किया था. जिसका मकसद भी देश में बाघों की घटती संख्या को विराम देकर उनके कुनबे में इजाफा करना था. इस प्रोजेक्ट के तहत देश भर में कई टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए.
मौजूदा दौर में भारत में कुल 54 टाइगर रिजर्व हैं. राजस्थान में भी रणथम्भौर और सरिस्का के अलावा तीन और टाइगर रिजर्व हैं. प्रदेश में बाघ संरक्षण का यह कदम आज दुनिया की नजर में मिसाल बन चुका है. सरिस्का और रणथम्भौर के आबाद होने के बाद अब रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा के अलावा केवलादेव टाइगर रिजर्व भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. बाघों को इकोलॉजिकल सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है. यही कारण है कि इस साल की थीम बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और टाइगर के सामने आने वाले तात्कालिक खतरों जैसे आवास की हानि, शिकार और मानव-वन्यजीव संघर्ष के बारे में जानकारी देना रखा गया है.
राजस्थान में साकार हो रहा है प्रोजेक्ट टाइगर : प्रदेश में बाघों की संख्या 132 तक पहुंच गई है, जो अब तक की सर्वाधिक है, जबकि पिछले साल यह संख्या 120 ही थी. दुनिया के पश्चिमी हिस्से में सर्वाधिक बाघ राजस्थान में ही है. टाइगर कैपिटल के रूप में विख्यात सवाई माधोपुर का रणथम्भौर टाइगर रिजर्व अपने दामन में 73 बाघों को जगह दिए हुए है. साल 2023 में यहां 15 शावकों ने जन्म लिया था. इस अभ्यारण्य में फिलहाल 24 नर, 30 मादा और 19 शावक या छोटी उम्र के बाघ भी शामिल हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 43 हैं, जिनमें 13 वयस्क बाघ, 15 वयस्क बाघिन और 15 शावक शामिल हैं. हाड़ौती के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 5 हो चुकी है. वहीं, मुकुंदरा में अभी 2 बाघ मौजूद हैं. कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक टाइगर और एक टाइग्रेस है, वही बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक टाइगर, दो टाइग्रेस और दो शावक मौजूद है. इसके अलावा करौली धौलपुर के जंगलों में रणथम्भौर से निकलकर आए 9 बाघ भी इस प्रोजेक्ट को साकार कर रहे हैं.
पढ़ें: 'मन की बात' में फिर रणथम्भौर का जिक्र, पीएम मोदी की बात सुन लोगों ने ली ये शपथ - Mann Ki Baat
प्रधानमंत्री मोदी ने किया था जिक्र : 28 जुलाई रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मन की बात के 112वें एपिसोड में बोला था कि सोमवार को दुनिया भर में टाइगर डे मनाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि भारत बाघ भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. पीएम मोदी ने कहा था कि हमारे देश में कई गांव ऐसे हैं, जहां आज भी इंसान और बाघों के बीच कभी टकराव की स्थिति नहीं आती है. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि जहां ऐसे हालात पैदा होते हैं, वहां बाघ संरक्षण की दिशा में मजबूती से काम हुआ है. प्रधानमंत्री ने राजस्थान के रणथम्भौर के जंगलों में ' कुल्हाड़ी बंद पंचायत' मुहिम का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने शपथ ली है कि वह कुल्हाड़ी के साथ जंगल में नहीं जाएंगे और ना ही कोई पेड़ काटेंगे. इस तरह के कदम बाघों के लिए माकूल माहौल तैयार कर रहे हैं.