सराज: छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होने जा रहा है. शिवरात्रि महोत्सव में मंडी रियासत के करीब 300 देवी-देवता शिरकत करते हैं. प्रशासन द्वारा उन्हीं देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जाता है, जिनका बकायदा पंजीकरण हुआ है. पंजीकरण के लिए देवी-देवताओं के पुराने इतिहास को भी देखा जाता है.
सराज विधानसभा क्षेत्र के 47 देवी-देवताओं को निमंत्रण
मंडी जिला प्रशासन की ओर से सराज विधानसभा क्षेत्र के 47 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है. सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत उपमंडल थुनाग और उपमंडल बाली चौकी के देवी-देवताओं को जिला मुख्यालय सराज की ओर से निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं.
उपमंडल थुनाग में 11 देवी-देवताओं को भेजा निमंत्रण
एसडीएम थुनाग ललित पोसवाल ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से थुनाग उपमंडल के 11 देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है. इन 11 देवी देवता में विष्णु मतलोड़ा, मगरू महादेव, देव बायला नारायण, देवी बायला गुसैण, देव चपलादूं बिहणी (छतरी), देव तुंगासी, देवी महामाया, देव सुमूनाग, देव नलवागी, देव गरल, देवी मड़ भख्खण देओल शामिल हैं. वीरवार से ही प्रशासन द्वारा इन देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र देना शुरू कर दिया गया है.
बालीचौकी में देवी-देवताओं को शिवरात्रि महोत्सव का निमंत्रण
एसडीएम बालीचौकी मोहन लाल शर्मा ने बताया कि बाली चौकी उपमंडल के तहत 57 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र मिला है. जिसमें से सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत 36 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. जबकि 21 निमंत्रण पत्र द्रंग विधानसभा क्षेत्र की ओर से भेजे गए हैं.
बिना निमंत्रण भी महोत्सव में शामिल होंगे देवी-देवता
रियासत काल से शिवरात्रि महोत्सव में कई देवी-देवता किन्ही कारणों से शामिल नहीं होते हैं. बावजूद इसके शिवरात्रि महोत्सव में पहुंचने वाले देवी-देवताओं का आंकड़ा करीब 300 तक पहुंच जाता है. इसमें कुछ ऐसे देवी-देवता भी हैं, जो बिना निमंत्रण के भी पहुंचते हैं. अंतरराष्ट्रीय शिवरात्री को अब कुछ दिन ही शेष बचे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन ने भी महोत्सव की तैयारियां शुरू कर दी हैं और जिलेभर के देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजना शुरू कर दिए हैं.
5 मार्च को देव विष्णु मतलोड़ा की भव्य जलेब
सराज विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े व आराध्य देव विष्णु मतलोड़ा 5 मार्च को अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए मंडी रवाना होंगे. इस दौरान देवता की भव्य जलेब निकाली जाएगी. वहीं, इस बार देवता को अंतरराष्ट्रीय मेले में ले जाने की बारी भडैची नाला हार की है.