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सरयू के तट पर आयोजित हुआ अंतरराष्ट्रीय रामायण कांक्लेव, देश के 6 राज्य और नेपाल, श्रीलंका में भी गूंजेगा राम धुन - AYODHYA RAMAYANA CONCLAVE

Ayodhya Ramayana Conclave: रामायण कांक्लेव का आयोजन सोमवार को रामनगरी अयोध्या में आयोजित किया गया.

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सरयू तट पर अंतर्राष्ट्रीय रामायण कांक्लेव (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 9, 2024, 10:34 PM IST

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में सरयू तट पर अंतर्राष्ट्रीय रामायण कांक्लेव देश 6 राज्यों के साथ नेपाल और श्री लंका में भी आयोजित होंगी. सोमवार को पहले सत्र में अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या एवं राज्य ललित कला एकादमी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में राम की पैड़ी पर अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने रामायण कालीन चित्र कला प्रतियोगिता का शुभारंभ किया.

दूसरे सत्र में संत और विद्वत प्रबोधन सत्र का शुभारंभ महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित किया. उसके बाद संवाद सत्र का विषय प्रवर्तन साहित्यकार यतींद्र मिश्र ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा, कि यह भारतीय परंपरा का बहुत ही सुंदर रूप है. श्री राम की कथा सबको जोड़ती है. साथ ही जनमानस में समन्वय का भाव पैदा करती है. इस आयोजन के माध्यम से लोगों के अंदर जागरूकता बढ़ेगी.

हनुमत पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य मिथिलेशनंदनी शरण ने कहा, अयोध्या वैकुंठ से साथ गुनी बेहतर है. क्योंकि यहां सप्त हरि विराजमान है. यद्यपि आज की पीढ़ी प्रतिभाशाली और तेजस्वी है, किंतु ग्रंथों को उनके मर्यादित रूप में गंभीरता से पढ़ने की प्रवृत्ति कम हुई है. आज की पीढ़ी को समझना चाहिए, कि तात्कालिक सूचना जो रील और इंटरनेट या अन्य साधनों से मिलती है, उनके विश्लेषण को समझने के लिए शास्त्रों और ग्रंथों का अध्ययन करें, तो तमाम उनकी दुविधाएं स्वयं समाप्त हो जाएंगी.

इसे भी पढ़ें - राम मंदिर परिसर में बन रहे 18 अन्य मंदिर, निर्माण कार्य के लिए बढ़ाए गए 500 श्रमिक

महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा, कि रामायण कॉनक्लेव एक सदप्रयास है. लोगों को राम की समग्रता से जोड़ने की अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसकी आवश्यकता है. साधुवाद बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास जी ने राम के नाम के स्मरण को अनिवार्य बताते हुए कहा, राम ब्रह्माण्ड में व्याप्त है. उनको समझने की आवश्यकता है. जीवन जीने की शैली राम चरित्र से बेहतर कोई नहीं है. बस इसी को समझने की आवश्यकता है.

महंत जनमेजयशरण जी ने राम की उपासना के साथ- साथ उनकी लीलाओं को मानव जीवन के लिए उद्धारक बताया. राम को अपने जीवन में सभी अनुसरित करते है, किन्तु उन्हें सदैव स्मरण रखने से ही हमारा कल्याण होता है. कार्यक्रम का संचालन अपने विशिष्ट अंदाज में आकाश वाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र द्वारा किया गया.

अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा, कि प्रभु राम की पावन नगरी में सरयू के तट पर यह संदेश पूरे देश और दुनिया में जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय रामायण का एनक्लेव विश्व भर में मनाया जाना है. इसके साथ अन्य विभिन्न प्रदेशों में भी इसका शुभारंभ होने जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य राम के आदर्श के प्रति लोगों को जागरूक करना है. आज जहां विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा राम की महिमा पर चित्रकला से प्रदर्शित कर रहे हैं. उनकी प्रतिभाओं से समाज के सामने लाने का यह प्रयास है. इस कार्यक्रम के माध्यम से देश और दुनिया में रहने वाले लोगों को अयोध्या के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

अयोध्या: राम नगरी अयोध्या में सरयू तट पर अंतर्राष्ट्रीय रामायण कांक्लेव देश 6 राज्यों के साथ नेपाल और श्री लंका में भी आयोजित होंगी. सोमवार को पहले सत्र में अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, अयोध्या एवं राज्य ललित कला एकादमी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में राम की पैड़ी पर अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने रामायण कालीन चित्र कला प्रतियोगिता का शुभारंभ किया.

दूसरे सत्र में संत और विद्वत प्रबोधन सत्र का शुभारंभ महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित किया. उसके बाद संवाद सत्र का विषय प्रवर्तन साहित्यकार यतींद्र मिश्र ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा, कि यह भारतीय परंपरा का बहुत ही सुंदर रूप है. श्री राम की कथा सबको जोड़ती है. साथ ही जनमानस में समन्वय का भाव पैदा करती है. इस आयोजन के माध्यम से लोगों के अंदर जागरूकता बढ़ेगी.

हनुमत पीठ के पीठाधीश्वर आचार्य मिथिलेशनंदनी शरण ने कहा, अयोध्या वैकुंठ से साथ गुनी बेहतर है. क्योंकि यहां सप्त हरि विराजमान है. यद्यपि आज की पीढ़ी प्रतिभाशाली और तेजस्वी है, किंतु ग्रंथों को उनके मर्यादित रूप में गंभीरता से पढ़ने की प्रवृत्ति कम हुई है. आज की पीढ़ी को समझना चाहिए, कि तात्कालिक सूचना जो रील और इंटरनेट या अन्य साधनों से मिलती है, उनके विश्लेषण को समझने के लिए शास्त्रों और ग्रंथों का अध्ययन करें, तो तमाम उनकी दुविधाएं स्वयं समाप्त हो जाएंगी.

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महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा, कि रामायण कॉनक्लेव एक सदप्रयास है. लोगों को राम की समग्रता से जोड़ने की अंतराष्ट्रीय स्तर पर उसकी आवश्यकता है. साधुवाद बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास जी ने राम के नाम के स्मरण को अनिवार्य बताते हुए कहा, राम ब्रह्माण्ड में व्याप्त है. उनको समझने की आवश्यकता है. जीवन जीने की शैली राम चरित्र से बेहतर कोई नहीं है. बस इसी को समझने की आवश्यकता है.

महंत जनमेजयशरण जी ने राम की उपासना के साथ- साथ उनकी लीलाओं को मानव जीवन के लिए उद्धारक बताया. राम को अपने जीवन में सभी अनुसरित करते है, किन्तु उन्हें सदैव स्मरण रखने से ही हमारा कल्याण होता है. कार्यक्रम का संचालन अपने विशिष्ट अंदाज में आकाश वाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र द्वारा किया गया.

अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा, कि प्रभु राम की पावन नगरी में सरयू के तट पर यह संदेश पूरे देश और दुनिया में जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय रामायण का एनक्लेव विश्व भर में मनाया जाना है. इसके साथ अन्य विभिन्न प्रदेशों में भी इसका शुभारंभ होने जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य राम के आदर्श के प्रति लोगों को जागरूक करना है. आज जहां विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा राम की महिमा पर चित्रकला से प्रदर्शित कर रहे हैं. उनकी प्रतिभाओं से समाज के सामने लाने का यह प्रयास है. इस कार्यक्रम के माध्यम से देश और दुनिया में रहने वाले लोगों को अयोध्या के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

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