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अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2 से 17 नवंबर तक, पशुपालन विभाग और पर्यटन विभाग जुटा तैयारी में - Pushkar Mela 2024 - PUSHKAR MELA 2024

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की शुरूआत 2 नवंबर से होगी. यह मेला 17 नवंबर तक चलेगा. इसके लिए पशुपालन विभाग और पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

International Pushkar Animal Fair
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2 नवंबर से (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 23, 2024, 6:30 AM IST

अजमेर: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की शुरुआत कार्तिक शुक्ल की एकम से होगी, यानी 2 नवम्बर से मिले का आगाज होगा. मेला मार्गशीर्ष कृष्ण दूज यानी 17 नवम्बर तक रहेगा. जबकि 12 नवम्बर को एकादशी से 15 नम्बर पूर्णिमा तक धार्मिक मेले का आयोजन होगा. खास बात यह है कि इस बार पुष्कर धार्मिक मेला स्नान 5 दिवस की बजाय चार दिवस ही होगा. दरअसल इस बार चतुर्दशी तिथि से क्षय होने के कारण विशेष स्नान चार दिन ही होगा.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की तैयारी पशुपालन विभाग ने शुरू कर दी है. विभाग की ओर से मेले का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है. विश्व विख्यात श्री पुष्कर पशु मेला 2024 का आयोजन 2 से 17 नवंबर तक होगा. हालांकि पशुपालक पहले ही अपने पशुओं को लेकर पुष्कर के मेला मैदान में आना शुरू हो जाएंगे. पुष्कर मिट्टी के धोरों में सतरंगी संस्कृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक भी मेले के दौरान पुष्कर आएंगे. पर्यटन विभाग पुष्कर मेले में होने वाली विविध गतिविधियों, प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में जुट गया है. पुष्कर के होटल, गेस्ट हाउस, रिसोर्ट और होम स्टे में बुकिंग शुरू हो चुकी है. इधर टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियां भी सक्रिय हो गई हैं.

पढ़ें: पुष्कर पशु मेलाः देशी खेलों में रमे विदेशी मेहमान, मूंछ और साफा प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र

अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर पशु मेले का यह कार्यक्रम:

  1. 2 नवंबर को कार्तिक शुक्ल एकम पर श्री पुष्कर मेला कार्यालय की स्थापना होगी.
  2. कार्तिक शुक्ल एकम से कार्तिक शुक्ला तृतीया तक चौकिया की स्थापना होगी. (2 से 4 नवम्बर तक).
  3. 9 नवंबर कार्तिक अष्टमी को ध्वजारोहण होगा और इसी दिन ही सफेद चिट्ठी पशुपालकों को दी जाएगी.
  4. 10 नवंबर कार्तिक शुक्ल नवमी को रवन्ना पशुपालकों को दिया जाएगा.
  5. 12 नवंबर कार्तिक शुक्ल नवमी को विकास प्रदर्शनी और गिर प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा.
  6. 9 नवंबर कार्तिक शुक्ल अष्टमी और 14 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को सांस्कृतिक कार्यक्रम मेला मैदान में होंगे.
  7. 12 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकादशी और 14 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को पशु प्रतियोगिताएं होंगी.
  8. 15 नवंबर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को पशुपालन विभाग की ओर पुरस्कार वितरण समारोह होगा.
  9. 17 नवंबर मार्गशीर्ष कृष्ण दूज को अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर पशु मेले का विधिवत समापन होगा.

विगत 5 वर्षों में बदला पशु मेले का ट्रेंड: पुष्कर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ सुनील घीया ने बताया कि मेले की तैयारियों को लेकर एक बैठक हो चुकी है. मेला क्षेत्र में पशुओं के पानी पीने के लिए बनी खेलियों की रिपेयर का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक जिले में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशकों को मेले के लिए आमंत्रण और पशुपालकों को मेले में बुलाने के लिए पंपलेट भी भेजे जाएंगे. पंपलेट और आमंत्रण पत्रों का टेंडर एक-दो दिन में हो जाएगा.

पढ़ें: इको फ्रेंडली होगा पुष्कर पशु मेला स्थल, ऊंट और घोड़ा बग्गियों की सवारी करेंगे पर्यटक

मेले में पशुओं की संख्या बढ़े इसके लिए हर जिले में विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार किया जाएगा. बातचीत में संयुक्त सचिव डॉक्टर सुनील घीया ने बताया कि 5 वर्ष पहले तक कई ऊंट पालक अपने परिवार के साथ पुष्कर पशु मेले में आते थे. उनका खुले आसमान के नीचे रहना, उनकी पोशाक, जेवर आदि विदेशी पर्यटकों को लुभाते थे. विगत 5 वर्षों में ट्रेंड बदल गया है. पशुओं के साथ अब केवल पुरुष ही आते हैं. विभाग की ओर से कोशिश की जाएगी कि मेले का पुराना सतरंगी स्वरूप लौट सके.

पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में 11 करोड़ का 'अनमोल' बना आकर्षण का केंद्र, 1570 किलो है वजन

होटल, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट में बुकिंग धीमी: श्री पुष्कर पशु मेले में 60 देशों से विदेशी पर्यटक आते हैं. 15 सितंबर से पुष्कर विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. यानी पर्यटन का सीजन शुरू हो चुका है. सबसे ज्यादा इजरायल से पर्यटक पुष्कर आते हैं. पुष्कर में इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद भी मौजूद है. पुष्कर पशु मेले को देखते हुए होटल, गेस्ट हाउस, रिजॉर्ट और होम स्टे के लिए विदेशी पर्यटकों ने बुकिंग करवाना शुरू कर दिया है. पुष्कर होटल एसोसिएशन से जुड़े होटल व्यवसायी राजेंद्र महावर ने बताया कि विगत 7 वर्ष पहले तक मेले को लेकर 6 माह पहले से बुकिंग शुरू हो जाती थी. लेकिन अब मेले को सवा महीना शेष रहा है. इसके बावजूद होटलों, गेस्ट हाउस और होम स्टे में बुंकिंग की रफ्तार धीमी है. अभी तक मात्र 10 फीसदी बुंकिंग ही हुई है.

पढ़ें: पुष्कर में है विश्व की सबसे प्राचीन भगवान विष्णु की मूर्ति, यहीं विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी का हुआ था उद्भव - Kanbaye Temple pushkar

कार्तिक चतुर्दशी का क्षय होना शुभ नहीं: कार्तिक एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक श्री पुष्कर धार्मिक मेला का आयोजन होता आया है. देश के कोने-कोने से संत महात्मा और अखाड़े स्नान के लिए पुष्कर आते हैं. वहीं बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री भी पंच तीर्थ स्नान का पुण्य कमाने के लिए पुष्कर आते हैं. ज्योतिषविद पंडित कैलाशनाथ दाधीच ने बताया कि पंचतीर्थ स्नान की बजाय इस बार चार दिवस ही स्नान होगा. पंडित शर्मा ने बताया कि इस बार कार्तिक चतुर्दशी क्षय हो रही है. तिथि के टूटने के कारण श्री पुष्कर धार्मिक मेला चार दिन ही रहेगा. उन्होंने बताया कि ज्योतिष के अनुसार कार्तिक चतुर्दशी क्षय होना शुभ नहीं माना जाता है. इससे देश और विदेश में अशांति होगी. रोग और आतंकी घटनाएं बढ़ेगी.

अजमेर: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की शुरुआत कार्तिक शुक्ल की एकम से होगी, यानी 2 नवम्बर से मिले का आगाज होगा. मेला मार्गशीर्ष कृष्ण दूज यानी 17 नवम्बर तक रहेगा. जबकि 12 नवम्बर को एकादशी से 15 नम्बर पूर्णिमा तक धार्मिक मेले का आयोजन होगा. खास बात यह है कि इस बार पुष्कर धार्मिक मेला स्नान 5 दिवस की बजाय चार दिवस ही होगा. दरअसल इस बार चतुर्दशी तिथि से क्षय होने के कारण विशेष स्नान चार दिन ही होगा.

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की तैयारी पशुपालन विभाग ने शुरू कर दी है. विभाग की ओर से मेले का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है. विश्व विख्यात श्री पुष्कर पशु मेला 2024 का आयोजन 2 से 17 नवंबर तक होगा. हालांकि पशुपालक पहले ही अपने पशुओं को लेकर पुष्कर के मेला मैदान में आना शुरू हो जाएंगे. पुष्कर मिट्टी के धोरों में सतरंगी संस्कृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक भी मेले के दौरान पुष्कर आएंगे. पर्यटन विभाग पुष्कर मेले में होने वाली विविध गतिविधियों, प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने में जुट गया है. पुष्कर के होटल, गेस्ट हाउस, रिसोर्ट और होम स्टे में बुकिंग शुरू हो चुकी है. इधर टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियां भी सक्रिय हो गई हैं.

पढ़ें: पुष्कर पशु मेलाः देशी खेलों में रमे विदेशी मेहमान, मूंछ और साफा प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र

अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर पशु मेले का यह कार्यक्रम:

  1. 2 नवंबर को कार्तिक शुक्ल एकम पर श्री पुष्कर मेला कार्यालय की स्थापना होगी.
  2. कार्तिक शुक्ल एकम से कार्तिक शुक्ला तृतीया तक चौकिया की स्थापना होगी. (2 से 4 नवम्बर तक).
  3. 9 नवंबर कार्तिक अष्टमी को ध्वजारोहण होगा और इसी दिन ही सफेद चिट्ठी पशुपालकों को दी जाएगी.
  4. 10 नवंबर कार्तिक शुक्ल नवमी को रवन्ना पशुपालकों को दिया जाएगा.
  5. 12 नवंबर कार्तिक शुक्ल नवमी को विकास प्रदर्शनी और गिर प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा.
  6. 9 नवंबर कार्तिक शुक्ल अष्टमी और 14 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को सांस्कृतिक कार्यक्रम मेला मैदान में होंगे.
  7. 12 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकादशी और 14 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी को पशु प्रतियोगिताएं होंगी.
  8. 15 नवंबर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को पशुपालन विभाग की ओर पुरस्कार वितरण समारोह होगा.
  9. 17 नवंबर मार्गशीर्ष कृष्ण दूज को अंतरराष्ट्रीय श्री पुष्कर पशु मेले का विधिवत समापन होगा.

विगत 5 वर्षों में बदला पशु मेले का ट्रेंड: पुष्कर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ सुनील घीया ने बताया कि मेले की तैयारियों को लेकर एक बैठक हो चुकी है. मेला क्षेत्र में पशुओं के पानी पीने के लिए बनी खेलियों की रिपेयर का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक जिले में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशकों को मेले के लिए आमंत्रण और पशुपालकों को मेले में बुलाने के लिए पंपलेट भी भेजे जाएंगे. पंपलेट और आमंत्रण पत्रों का टेंडर एक-दो दिन में हो जाएगा.

पढ़ें: इको फ्रेंडली होगा पुष्कर पशु मेला स्थल, ऊंट और घोड़ा बग्गियों की सवारी करेंगे पर्यटक

मेले में पशुओं की संख्या बढ़े इसके लिए हर जिले में विभाग की ओर से प्रचार-प्रसार किया जाएगा. बातचीत में संयुक्त सचिव डॉक्टर सुनील घीया ने बताया कि 5 वर्ष पहले तक कई ऊंट पालक अपने परिवार के साथ पुष्कर पशु मेले में आते थे. उनका खुले आसमान के नीचे रहना, उनकी पोशाक, जेवर आदि विदेशी पर्यटकों को लुभाते थे. विगत 5 वर्षों में ट्रेंड बदल गया है. पशुओं के साथ अब केवल पुरुष ही आते हैं. विभाग की ओर से कोशिश की जाएगी कि मेले का पुराना सतरंगी स्वरूप लौट सके.

पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में 11 करोड़ का 'अनमोल' बना आकर्षण का केंद्र, 1570 किलो है वजन

होटल, गेस्ट हाउस और रिसोर्ट में बुकिंग धीमी: श्री पुष्कर पशु मेले में 60 देशों से विदेशी पर्यटक आते हैं. 15 सितंबर से पुष्कर विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. यानी पर्यटन का सीजन शुरू हो चुका है. सबसे ज्यादा इजरायल से पर्यटक पुष्कर आते हैं. पुष्कर में इजरायली पर्यटकों का धार्मिक स्थल बेद खबाद भी मौजूद है. पुष्कर पशु मेले को देखते हुए होटल, गेस्ट हाउस, रिजॉर्ट और होम स्टे के लिए विदेशी पर्यटकों ने बुकिंग करवाना शुरू कर दिया है. पुष्कर होटल एसोसिएशन से जुड़े होटल व्यवसायी राजेंद्र महावर ने बताया कि विगत 7 वर्ष पहले तक मेले को लेकर 6 माह पहले से बुकिंग शुरू हो जाती थी. लेकिन अब मेले को सवा महीना शेष रहा है. इसके बावजूद होटलों, गेस्ट हाउस और होम स्टे में बुंकिंग की रफ्तार धीमी है. अभी तक मात्र 10 फीसदी बुंकिंग ही हुई है.

पढ़ें: पुष्कर में है विश्व की सबसे प्राचीन भगवान विष्णु की मूर्ति, यहीं विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी का हुआ था उद्भव - Kanbaye Temple pushkar

कार्तिक चतुर्दशी का क्षय होना शुभ नहीं: कार्तिक एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक श्री पुष्कर धार्मिक मेला का आयोजन होता आया है. देश के कोने-कोने से संत महात्मा और अखाड़े स्नान के लिए पुष्कर आते हैं. वहीं बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री भी पंच तीर्थ स्नान का पुण्य कमाने के लिए पुष्कर आते हैं. ज्योतिषविद पंडित कैलाशनाथ दाधीच ने बताया कि पंचतीर्थ स्नान की बजाय इस बार चार दिवस ही स्नान होगा. पंडित शर्मा ने बताया कि इस बार कार्तिक चतुर्दशी क्षय हो रही है. तिथि के टूटने के कारण श्री पुष्कर धार्मिक मेला चार दिन ही रहेगा. उन्होंने बताया कि ज्योतिष के अनुसार कार्तिक चतुर्दशी क्षय होना शुभ नहीं माना जाता है. इससे देश और विदेश में अशांति होगी. रोग और आतंकी घटनाएं बढ़ेगी.

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