नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (आईसीसी) की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है. तीन छात्रों के प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत 11 दिसंबर को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं 12 दिसंबर को नामांकन करने का आखिरी दिन होगा. इसके बाद उसी दिन नामांकन पत्रों की जांच के बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी. डीयू के ज्वाइंट प्रॉक्टर एवं चुनाव अधिकारी प्रो. अवधेश सिंह ने बताया कि तीन छात्र प्रतिनिधि के चुनाव के लिए 18 दिसंबर को मतदान होगा.
उन्होंने बताया कि इस चुनाव में अलग-अलग कक्षाओं से 71 क्लास रिप्रेजेंटेटिव मतदाता होते हैं और उन्हीं में से तीन छात्र प्रतिनिधि चुने जाते हैं, जिनके लिए मतदान होता है. चुनाव में वोट डालने के लिए योग्य छात्र मतदाताओं की सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. यह सभी छात्र चुनाव लड़ने और मतदान करने के लिए योग्य पाए गए हैं. जॉइंट प्रॉक्टर ने बताया कि आईसीसी के चुनाव के लिए छात्र प्रतिनिधि यूजी-पीजी और रिसर्च स्टूडेंट में से कोई भी चुनाव लड़ सकता है. उनके चुनाव लड़ने के लिए कुछ गाइडलाइंस भी हैं, जो यूजीसी की तरफ से पहले से ही तय किया गया है. चुनाव के लिए चीफ प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी को मुख्य चुनाव अधिकारी नामित किया गया है.
चुनाव लड़ने के ये हैं नियम: ज्वाइंट प्रॉक्टर अवधेश सिंह ने आगे बताया, चुनाव के माध्यम से आईसीसी के तीन सदस्यों में स्नातक, परास्नातक और शोध छात्र का चयन किया जाएगा. इसके लिए पहले सभी विभाग अपने यहां से एक-एक प्रतिनिधि के नाम भेजते हैं. बाद में सभी छात्र मिलकर तीन प्रतिनिधि चुनते हैं. स्नातक के लिए प्रतिनिधि की आयु 17-22 साल होनी चाहिए. वहीं परास्नातक स्तर पर आने वाले छात्र की आयु 22-25 साल और शोध छात्र की उम्र 28 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. साथ ही चुनाव लड़ने के लिए छात्र की 75 प्रतिशत उपस्थिति होना अनिवार्य है.
इसके अलावा कोई बैकलॉग नहीं होना चाहिए और उसपर कोई कानूनी मामला भी दर्ज नहीं होना चाहिए. यदि जांच में कोई छात्र योग्य नहीं पाया गया तो उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा. तीन पदों में एक छात्रा का होना ही जरूरी है. अगर एक ही छात्रा आवेदन करती है, तो उसे आवेदन के आधार पर जीता हुआ घोषित कर दिया जाएगा. वहीं चुनाव से पहले अगर किसी छात्र को आपत्ति है, तो वह संबंधित विभाग के डीन से शिकायत कर सकता है. इसके अलावा अगर चुनाव के बाद अगर किसी छात्र को आपत्ति होती है तो वह अधिष्ठाता छात्र कल्याण को शिकायत कर सकता है.
होते हैं कुल नौ सदस्य: आईसीसी में कुल 9 सदस्य होते हैं, जिनमें से 5 सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय से, एक सदस्य बाहर से कोई एडवोकेट और तीन सदस्य छात्रों में से छात्र प्रतिनिधि के रूप में चुने जाते हैं. इन सभी की सलाह से ही समिति किसी भी मामले में कोई निर्णय लेती है. प्रो. अवधेश कुमार ने बताया कि आईसीसी का मुख्य कार्य वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट को रोकना है. अगर दिल्ली विश्वविद्यालय में वर्कप्लेस पर सेक्सुअल हैरासमेंट का कोई मामला आता है तो उसकी शिकायत आईसीसी में की जाती है. इसके बाद बैठक करके मामले में जांच समिति गठित करती है और जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाता है. विश्वविद्यालय स्तर पर कानूनी कार्रवाई के लिए आईसीसी का निर्णय ही मान्य होता है.
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