रायपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अंदर घमासान मचा हुआ है. पहले राजनांदगांव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल की फजीहत और उसके बाद पूर्व महामंत्री के गंभीर आरोपों ने पार्टी के अंदर उठे बवंडर की ओर संकेत दे दिए हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अरुण सिसोदिया के गंभीर आरोपों को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता माना है.कांग्रेस की माने तो अरुण सिसोदिया के कारण पार्टी की छवि धूमिल हुई है. आपको बता दें कि सिसोदिया ने सार्वजनिक तरीके से कांग्रेस पार्टी के कोष में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए थे.इस मामले में सिसोदिया ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को जांच करने के लिए निवेदन किया था.लेकिन अब उल्टा सिसोदिया से ही दीपक बैज ने तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है.
क्या था मामला ? : AICC के सदस्य अरुण सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और पूर्व सीएम के सलाहकार विनोद वर्मा के बेटे पर गंभीर आरोप लगाए थे.जिसमें विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपए के भुगतान का जिक्र था. ये भुगतान पार्टी फंड से किया गया था. इसी के खिलाफ सिसोदिया ने कार्रवाई की मांग की थी. अरुण सिसोदिया ने इस दौरान कहा था कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी में अगर सच बोलना बगावत है तो मैं बागी हूं. लेकिन अब सिसोदिया को उनके इस बयानबाजी को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता की श्रेणी मानते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है.
सीएम भूपेश ने भी दिया बयान : वहीं इस मामले में पूर्व सीएम ने दावा किया है कि पार्टी फंड में किसी किस्म का कोई घोटाला नहीं हुआ है. जो भी भुगतान पीसीसी की ओर से हुआ वो एक वैधानिक अनुबंध के तहत हुआ. कांग्रेस के एक पूर्व पदाधिकारी ने जो भी शिकायत की है वो बीजेपी स्लीपर से का दुष्प्रचार है. पूर्व सीएम बघेल के मुताबिक पार्टी की वैधानिक अनुबंध पर इस तरह की शिकायत करना और फिर उसे मीडिया में प्रसारित करना पार्टी अनुशासन के खिलाफ है. ऐसे लोग पार्टी के अंदर रहकर बीजेपी के लिए काम करते हैं.इसलिए बीजेपी भी इस आंतरिक मामले को तूल दे रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट और अध्यक्ष दीपक बैज से इस संबंध में बात की गई है. दोनों से मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है.