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अपात्र को दे दिया पीएम आवास, सरकारी जमीन पर निर्माण : पोल खुली तो ढहाया घर, अब करेंगे जांच - अमेठी पीएम आवास योजना जांच

अमेठी में पीएम आवास योजना के तहत बने मकान को ढहाने के बाद अब जांच की जाएगी कि अपात्र को कैसे इसका लाभ मिला. प्रशासन का कहना है कि मकान सरकारी जमीन पर बनाया गया. वहीं लाभार्थी ने भी तहसील प्रशासन पर आरोप लगाए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 6, 2024, 1:23 PM IST

अमेठी में पीएम आवास योजना के तहत बने मकान को ढहाने के बाद अब जांच की जाएगी.

अमेठी: भादर विकास खंड क्षेत्र अन्तर्गत खाझा ग्राम में पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए मकान को प्रशासन ने एक सप्ताह पहले धवस्त करा दिया. अब जांच की जाएगी कि योजना का लाभ लाभार्थी को कैसे मिला. दरअसल एसडीएम की जांच में सामने आया है कि आवास सरकारी जमीन पर बना था और लाभार्थी योजना का हकदार नहीं है. हालांकि इस प्रकरण के बाद अफसरों पर ही सवाल उठ रहे हैं. योजना के लिए लाभार्थी के चयन और फिर आवास के निर्माण तक कोई रोकटोक क्यों नहीं हुई. जिस व्यक्ति का मकान गिराया गया है, उसने डीएम के पास गुहार लगाई है.

पीएम आवास योजना के तहत बने मकान पर सप्ताह भर पूर्व बुलडोजर चलाकर सरकारी भूमि खाली कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां पीड़ित ने तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं एसडीएम ने इस कार्यवाही को विधिसंगत बताया है. सोमवार को पीड़ित रंजीत जिलाधिकारी के पास पहुंच गया. डीएम से रो-रोकर अपनी बात बताई. पीड़ित का रोते बिलखते हुए वीडीओ भी वायरल हुआ. जिस पर डीएम के निर्देश पर शाम होते ही एसडीएम प्रीति तिवारी मौके पर पहुंच गई. जांच में सरकारी जमीन पर आवास बनने की पुष्टि की. एडीएम का कहना है कि रंजीत के पास पहले से दो मकान मौजूद हैं.

उठे सवाल, योजना का लाभ कैसे मिला

प्रशासन का कहना है कि रंजीत के पास पहले से दो मकान हैं. फिर सवाल उठता है कि उसे कैसे योजना का पात्र बनाया गया? आवास बनाने के लिए सरकारी धन अवमुक्त क्यों किया गया? इस पूरे प्रकरण में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि अपात्र को पहले आवास दिया गया और पोल खुली तो ढहा दिया गया.

जांच के बाद जमीन की गई थी चिह्नित

प्रशासन का कहना है कि आवास सरकारी जमीन पर बनाया गया था. जबकि रंजीत ने बताया कि आवास के लिए उसे धनराशि मिली थी. जब कॉलोनी बन रही थी, तभी गांव के ही कुछ लोगों ने आपत्ति की थी. लेखपाल, प्रधान ने जांच करते हुए जमीन चिन्हित की थी. इसके बाद उसने मकान बनवाया था. मकान अप्रैल 2023 में बनकर तैयार हो गया था. तब तक कोई समस्या नहीं आई. इसके बाद रोजी रोटी के लिए अन्य जगह चला गया. एक फरवरी को अचानक पुलिस एवं राजस्व की टीम ने उसके सरकारी आवास पर जेसीबी चला दिया. एसडीएम अमेठी प्रीति तिवारी का कहना है कि गांव में 50 मीटर के अंदर रंजीत के 2 मकान और हैं. उसके सरकारी जमीन पर यह तीसरा निर्माण कार्य किया गया था.

यह भी पढ़ें : 20 साल पहले लापता हुआ बेटा जोगी बनकर भिक्षा मांगने घर पहुंचा; रो पड़े मां-बाप, VIDEO

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अमेठी में पीएम आवास योजना के तहत बने मकान को ढहाने के बाद अब जांच की जाएगी.

अमेठी: भादर विकास खंड क्षेत्र अन्तर्गत खाझा ग्राम में पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए मकान को प्रशासन ने एक सप्ताह पहले धवस्त करा दिया. अब जांच की जाएगी कि योजना का लाभ लाभार्थी को कैसे मिला. दरअसल एसडीएम की जांच में सामने आया है कि आवास सरकारी जमीन पर बना था और लाभार्थी योजना का हकदार नहीं है. हालांकि इस प्रकरण के बाद अफसरों पर ही सवाल उठ रहे हैं. योजना के लिए लाभार्थी के चयन और फिर आवास के निर्माण तक कोई रोकटोक क्यों नहीं हुई. जिस व्यक्ति का मकान गिराया गया है, उसने डीएम के पास गुहार लगाई है.

पीएम आवास योजना के तहत बने मकान पर सप्ताह भर पूर्व बुलडोजर चलाकर सरकारी भूमि खाली कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां पीड़ित ने तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं एसडीएम ने इस कार्यवाही को विधिसंगत बताया है. सोमवार को पीड़ित रंजीत जिलाधिकारी के पास पहुंच गया. डीएम से रो-रोकर अपनी बात बताई. पीड़ित का रोते बिलखते हुए वीडीओ भी वायरल हुआ. जिस पर डीएम के निर्देश पर शाम होते ही एसडीएम प्रीति तिवारी मौके पर पहुंच गई. जांच में सरकारी जमीन पर आवास बनने की पुष्टि की. एडीएम का कहना है कि रंजीत के पास पहले से दो मकान मौजूद हैं.

उठे सवाल, योजना का लाभ कैसे मिला

प्रशासन का कहना है कि रंजीत के पास पहले से दो मकान हैं. फिर सवाल उठता है कि उसे कैसे योजना का पात्र बनाया गया? आवास बनाने के लिए सरकारी धन अवमुक्त क्यों किया गया? इस पूरे प्रकरण में सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि अपात्र को पहले आवास दिया गया और पोल खुली तो ढहा दिया गया.

जांच के बाद जमीन की गई थी चिह्नित

प्रशासन का कहना है कि आवास सरकारी जमीन पर बनाया गया था. जबकि रंजीत ने बताया कि आवास के लिए उसे धनराशि मिली थी. जब कॉलोनी बन रही थी, तभी गांव के ही कुछ लोगों ने आपत्ति की थी. लेखपाल, प्रधान ने जांच करते हुए जमीन चिन्हित की थी. इसके बाद उसने मकान बनवाया था. मकान अप्रैल 2023 में बनकर तैयार हो गया था. तब तक कोई समस्या नहीं आई. इसके बाद रोजी रोटी के लिए अन्य जगह चला गया. एक फरवरी को अचानक पुलिस एवं राजस्व की टीम ने उसके सरकारी आवास पर जेसीबी चला दिया. एसडीएम अमेठी प्रीति तिवारी का कहना है कि गांव में 50 मीटर के अंदर रंजीत के 2 मकान और हैं. उसके सरकारी जमीन पर यह तीसरा निर्माण कार्य किया गया था.

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