इंदौर। शहरों में बढ़ते अपराध और आए दिन बढ़ती छेड़खानी की घटनाओं से परेशान न केवल युवतियां बल्कि उनकी दादी-नानियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है. इंदौर में इसके चलते अब अपने बच्चों को अपराधिक घटनाओं और छेड़छाड़ से बचाने के लिए बुजुर्ग महिलाएं भी न केवल लठ्ठ चलाना सीख रही हैं, बल्कि हाथापाई और पहलवानी के कौशल भी आजमा रही हैं.
क्राइम से निपटने महिलाएं सीख रहीं हुनर
इंदौर जैसे महानगर में अब अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. बढ़ते अपराधों के सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं और बच्चे हैं. शहर की सघन बस्तियों में जहां शराब खोरी की घटनाएं आम है. वहां स्थिति ज्यादा चुनौती पूर्ण है. शहर के वार्ड क्रमांक 45 में इसी स्थिति के चलते अब इलाके की करीब 200 से ज्यादा महिलाएं विवाद की स्थिति में अपराधियों से निपटने के लिए न केवल हाथापाई के हुनर सीख रही हैं, बल्कि लट्ठ चलाने की भी ट्रेनिंग ले रही हैं. खास बात यह है कि इन महिलाओं में स्कूली और कॉलेज छात्राओं के अलावा इन बच्चों की दादी और नानियों की संख्या ज्यादा है.
लठ्ठ चलाना सीख रहीं दादी-नानी
ऐसा इसलिए भी है कि घर में इस तरह की शिकायत है. सबसे पहले बुजुर्ग महिलाओं के पास ही पहुंचती हैं. कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि घर में पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण महिलाओं को ही मोर्चा संभालना होता है. इन हालातों में महिलाएं खुद मोर्चे पर छेड़छाड़ करने वाले मनचलों और अपराधियों को सबक सिखा सके. इसके लिए अब वह खुद ट्रेनिंग ले रही हैं. दरअसल अपने घर की बच्चियों और युवतियों के साथ होने वाली घटनाओं की तमाम शिकायतें बीते दिनों क्षेत्रीय पार्षद रोमिला मिमरोट भाटिया से की गई, तो उन्होंने एक संस्था के माध्यम से वार्ड की तमाम महिलाओं और छात्र-छात्राओं के लिए युद्ध कौशल और लठ्ठ चलाने की ट्रेनिंग की व्यवस्था की. इसके लिए बाकायदा ट्रेनर भी तैनात किया गया, जो इन युवतियों और उनके दादी नानियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.