इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब विद्युत आपूर्ति के लिहाज से आत्मनिर्भर होने की तैयारी में है. यही वजह है कि इंदौर नगर निगम ने शहर को सोलर सिटी बनाने के लिए शहर की 22 कॉलोनियों के हर घर में सोलर सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, केंद्र सरकार की सूर्योदय योजना को अमल में लाने की दिशा में इंदौर का प्रयास सबसे प्रभावी माना जा रहा है. इंदौर नगर निगम ने इंदौर शहर को सोलर सिटी बनाने के लिए भविष्य में बनने वाले 1500 वर्ग फीट के मकान में सोलर प्लांट लगवाना अनिवार्य कर दिया है.
22 कॉलोनियों में सोलर सिस्टम लगाने की तैयारी
नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अलावा शहर के सभी जनप्रतिनिधियों के घर में सोलर प्लांट लगाना जरूरी किया गया है. प्रथम चरण में शहर के 22 जोन के अंतर्गत प्रत्येक जोन की एक कॉलोनी को पूरी तरह सोलर से अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. गौरतलब है इंदौर में सोलर ऊर्जा को लेकर लोगों के बीच जागरूकता के चलते सोलर प्लांट लगवाने वालों की संख्या करीब 5500 हो चुकी है जो खुद के प्लांट से घरेलू उपयोग के लिए बिजली तैयार कर रहे हैं. इसके अलावा शासकीय कार्यालय कटरा स्टेशन स्कूल और कॉलेज मैं भी लगातार सोलर प्लांट लगाई जा रहे हैं.
भारी भरकम बिजली बिल वजह
सोलर प्लांट लगवाने की वजह है पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा लोगों को दिए जाने वाले भारी भरकम बिजली बिल हैं. जिससे त्रस्त होकर लोग सोलर पैनल लगवाने के लिए मजबूर भी है. स्थिति यह है कि बीते साल ही शहर में सोलर स्थापना के जरिए विद्युत उत्पादन की क्षमता 80 मेगावाट हो चुकी है. इसके अलावा इंदौर नगर निगम समेत विद्युत वितरण कंपनी की कोशिश यह है कि इंदौर में सोलर ऊर्जा के जरिए विद्युत उत्पादन का लक्ष्य 300 मेगावाट तक किया जाए. जिससे कि बड़े स्तर पर लोगों की बिजली के प्रति निर्भरता को काम किया जा सके.
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5000 लोगों के घरों की छत पर सोलर संयंत्र
गौरतलब है वर्तमान में इंदौर में 5,50000 बिजली उपभोक्ता हैं. जिनमे 5000 से ज्यादा लोगों के घरों की छत पर सोलर संयंत्र लगे हुए हैं. जिन्हें संख्या की दृष्टि से 1 लाख तक करने की तैयारी नगर निगम द्वारा की गई है. इसके लिए शहर में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए इंदौर नगर निगम द्वारा सब्सिडी दिलाई जाएगी. वहीं, इमारत पर सोलर प्लांट लगवाने के नियमों का सरलीकरण भी किया जाएगा.