इंदौर: शहर के श्री बर्फानी धाम में शरद पूर्णिमा के दिन खीर प्रसादी का वितरण किया जाता है. इसे ग्रहण करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस दिन यहां भक्तों का तांता लग जाता है. शरद पूर्णिमा के दिन खीर वितरण की परंपरा 3 दशक पहले शुरू हुई थी, जो आज तक चल रही है. इसके अलावा बर्फानी धाम आश्रम में पूरे साल धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, संत महात्माओं के सत्कार का क्रम चलता रहता है. इस आश्रम का प्रवेश द्वार दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है जो कि बहुत मनोहारी है.
3 दशक से चली आ रही है परंपरा
बर्फानी धाम आश्रम में शरद पूर्णिमा के दिन प्रसाद के तौर पर भक्तों को खीर खिलाने की परंपरा 3 दशक पहले शुरू हुई थी. इसको आश्रम के गुरू योगीराज महाराज ने बाबा बर्फानी के सानिध्य में शुरू किया था. तभी से यह परंपरा अभी तक चली आ रही है. इस खीर को खाने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर के सेवादार पुरुषोत्तम यादव के अनुसार, इस शरद पूर्णिमा के अवसर पर 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए 1500 लीटर दूध की खीर बनाई गई है.
दक्षिण भारतीय शैली में बना है विशाल द्वार
बर्फानी धाम आश्रम का प्रवेश द्वार दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है. आश्रम का मनोहारी विशाल अद्भुत द्वार बाहर से लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहता है. मंदिर परिसर में राजराजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी, बाला त्रिपुर सुंदरी, मां बगलामुखी, काल भैरव, भगवान गणेश, पारदेश्वर और चंद्र मलेश्वर महादेव के साथ दक्षिण मुखी हनुमान की प्रतिमाएं स्थापित है. जिनके दर्शनों का क्रम सुबह से शाम तक बना रहता है.
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पूरे साल होता है धार्मिक अनुष्ठान और पूजन
यहां पूरे साल धार्मिक अनुष्ठान, पूजन, संत महात्माओं के सत्कार का क्रम निरंतर आश्रम परिसर में होता रहता है. साथ ही हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा, दीपावली पर श्रीयंत्र पूजन, गोवर्धन पूजा, दोनों नवरात्रि में अनुष्ठान, कन्या पूजन आदि अनेक धार्मिक आयोजन निरंतर चलते रहते हैं. वहीं, देश भर के संत महात्माओं का आवागमन होता रहता है.