इंदौर: शहर के शासकीय कन्या विद्यालय में क्लास में मोबाइल लाने की शिकायत के बाद छात्राओं की जांच के दौरान उनके कपड़े उतरवाने वाली टीचर को स्कूल से हटा दिया गया है. वहीं, छात्रों की शिकायत के बाद पुलिस भी अब मामले की जांच कर रही है. इधर छात्राओं के परिजनों के बढ़ते आक्रोश के चलते टीचर छात्रों के परिजनों से मिली. इस दौरान उन्होंने परिजनों के विरोध के बीच एक और खुलासा करते हुए कहा कि, ''जिस समय छात्रों की जांच की जा रही थी उस दौरान उनके अलावा भी तीन-चार टीचर और मौजूद थीं.'' हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने छात्रों की जांच उनके कपड़े उतरवाकर की है.
टीचर पर गिरी गाज
दरअसल, शुक्रवार को इंदौर के शासकीय विद्यालय में 10वीं कक्षा की छात्राओं के मोबाइल तलाशने के लिए स्कूल की शिक्षिका ने छात्राओं को रेस्टरूम (बाथरूम) में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए. इसकी शिकायत के बाद इस मामले में परिजनों का विरोध जारी है. छात्राओं की ओर से की गई शिकायत के बाद शनिवार को जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने स्कूल की शिक्षिका को स्कूल से हटाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया. वहीं, कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम का गठन कर छात्राओं से बयान लेकर आगे की कार्रवाई करने की बात की है.
टीचर बोली-छात्राओं के कपड़े नहीं उतरवाए
इधर, शनिवार को स्कूल में परिजनों के विरोध के बीच प्राचार्य सीमा जैन के निर्देश पर संबंधित टीचर शिकायतकर्ता छात्राओं के परिजनों से मिलीं. इस दौरान परिजनों ने टीचर को जमकर खरी खोटी सुनाई. वहीं, टीचर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. इस दौरान टीचर ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि, ''जिस समय छात्राओं की जांच की जा रही थी उस समय उनके अलावा तीन-चार टीचर और मौजूद थीं.'' हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने जांच के दौरान छात्राओं के कपड़े उतरवाए थे.
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प्रशासन ने किया जांच दल गठित
इस घटना से दुखी छात्राओं ने अपनी शिकायत में स्पष्ट तौर पर कहा है कि टीचर ने उनके साथ मारपीट करते हुए उनके सभी कपड़े उतरवा लिए थे. इसके बाद छात्राओं की शर्मनाक तरीके से चेकिंग की गई थी. यही वजह रही की कुछ छात्राओं ने यह बात अपनी सहेलियों को बताई और उनके जरिए यह मामला छात्राओं के परिजनों तक पहुंचा. जिसके बाद संबंधित स्कूलों में यह मामला उजागर हुआ. इस मामले में पुलिस को मिली शिकायत के बाद जिला पुलिस की ओर से भी एक जांच दल गठित किया गया है जो छात्रों के बयान लेने के बाद इस पूरे मामले में अपनी ओर से कार्यवाही करेगा. वहीं, जिला प्रशासन ने भी अलग से एक जांच दल बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए हैं. जाहिर है इस मामले में दोषी पाए जाने पर शिक्षिका के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो सकती है.