इंदौर। हरदा पटाखा फैक्टरी में हुए भीषण विस्फोट के बाद इंदौर की प्रसिद्ध सराफा चौपाटी की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. यहां हर दुकानों और गोदाम में गैस की टंकियां और धातुओं को पिघलाने की भट्ठियों पर काम चलता है. वहीं रात में बड़ी संख्या में लोग इंदौरी व्यंजनों का लुत्फ़ लेने सराफा चौपाटी पहुंचते हैं. ऐसे में यहां भी खतरे की आशंका के मद्देनजर अब चौपाटी शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है. नगर निगम इसकी तैयारी कर रहा है लेकिन फिलहाल फैसला नहीं हो पा रहा है.
जांच समिति ने रिपोर्ट महापौर को सौंपी
हाल ही में नगर निगम ने सराफा चौपाटी को लेकर 5 सदस्यों की जांच समिति बनाई थी. इसकी रिपोर्ट समिति की ओर से महापौर को सौंपी गई है. एमआईसी सदस्य व समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले में कहा है कि सुरक्षा के मापदंड के लिहाज़ से सराफा चौपाटी डेंजर जोन में है, लेकिन चौपाटी को स्थानांतरित करने का अंतिम फैसला महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अलावा प्रशासन और शहर के जनप्रतिनिधि लेंगे. राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि सराफा चौपाटी शहर की धरोहर है. कई बार अपने संबोधन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वरकोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर इंदौर के सराफा व्यंजनों के जायकों का जिक्र कर चुके हैं.
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कई स्टॉल पर गैस की भट्टियां खतरनाक
राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि आज से 60 साल पहले सराफा चौपाटी पर व्यापारी अपने घर से व्यंजन बनाकर लाते थे और यहां पर स्टोव या सिगड़ी के माध्यम से गर्म कर परोसते थे लेकिन आज के समय में सराफा चौपाटी में ज्वलनशील खाद्य पदार्थ जिसमें चाइनीज खाद्य पदार्थ शामिल है, इसमें आग लगने की आशंका रहती है. कभी भी हादसा होने का खतरा बना रहता है. इसको ध्यान में रखते हुए सराफा चौपाटी का एक धड़ा सराफा चौपाटी को अन्य जगह हस्तांतरित करने की मांग कर रहा है तो दूसरा धड़ा सराफा चौपाटी से ज्वलनशील खाद्य पदार्थ चाइनीज व्यंजनों को हटाने की बात कर रहा है.